UP News: गोरखपुर में यूको बैंक के कैशियर की जालसाजी का खुलासा, ग्राहकों से ठगी के आरोप में गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यूको बैंक के मुख्य कैशियर मो. कलीम को ग्राहकों से जालसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बेलघाट थाना पुलिस ने शनिवार की सुबह उसे उसके घर से गिरफ्तार किया। कैशियर पर 20 से अधिक ग्राहकों को फर्जी रसीद देकर रुपये हड़पने का आरोप है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, बेलघाट। ग्राहकों से जालसाजी कर रुपये हड़पने के आरोपित यूको बैंक के मुख्य कैशियर मो. कलीम को बेलघाट थाना पुलिस ने शनिवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया।मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही कैशियर व स्वीपर का काम करने वाले उसके भाई शमीम फरार हो गए थे।कोलकाता स्थित बैंक मुख्यालय के निर्देश पर चल रही आतंरिक जांच अभी चल रही है।
एसपी दक्षिणी जितेंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार की सुबह एसएसआइ शिवप्रकाश सिंह को सूचना मिली कि मो. कलीम सिकरीगंज के खुचियारी गांव स्थित अपने घर पर मौजूद है।सिपाहियों के साथ घेराबंदी करके एसएसआइ ने उसे दबोच लिया। बेलघाट की रहने वाली अफसाना,अलीमुद्दीन, रहीमुद्दीन ने 17 दिसंबर को दो अन्य लोगों ने इसके अगले दिन मो. कलीम उसके भाई शमीम एक अन्य कैशियर पर जालसाजी कर रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया है, जिसकी विवेचना बेलघाट थाना पुलिस कर रही है।
चर्चा है कि 20 से अधिक ग्राहकों को फर्जी रसीद देकर रुपये हड़पने के साथ ही कैशियर ने अपने भाई व सहयोगी के साथ मिलकर उनके खाते से रुपये भी निकाल लिए हैं। दोपहर बाद मो. कलीम को न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।एसपी दक्षिणी ने बताया कि मामले की गहनता से जांच चल रही है।जल्द ही अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
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पहले भी दर्ज हैं मामले :
मो. कलीम पर पहले भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है।वर्ष 2013 में हीरक योजना के तहत नदी की जमीन दिखाकर फर्जी ऋण वितरण और एक करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला चर्चा में आया था। इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर विकास श्रीवास्तव, मो. कलीम और उसके भाई शमीम पर केस दर्ज किया गया था।
पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप:
मुकदमा दर्ज कराने वाले ग्राहकों का आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए तेजी नहीं दिखा रही है। पांच मुकदमे दर्ज होने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी करने में हीलाहवाली की जा रही थी। अन्य आरोपित भी जिले में है जिनको पकड़ा नहीं जा रहा है।
जांच में खुल रही कैशियर की जालसाजी की परतें
यूको बैंक शाहपुर (बेलघाट) में हुए ग्राहकों के साथ हुई जालसाजी के मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, मुख्य कैशियर मो. कलीम की धोखाधड़ी के नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं। जांच कर रही जोनल आफिस अयोध्या की टीम को कैशियर द्वारा 18.90 लाख रुपये और हड़पने के सबूत मिले हैं।
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अभिलेखों की छानबीन में यह बात सामने आयी है। बताया जा रहा है जांच में मिले साक्ष्य के आधार पर जोनल आफिस की टीम जब मो. कलीम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने बेलघाट थाने पहुंची, तो मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने मामले की जानकारी एसएसपी को दी।
ग्राहकों के साथ जालसाजी होने की बात सामने आने पर कोलकाता स्थित मुख्यालय से जांच के लिए जोनल टीम अयोध्या, विजिलेंस टीम मुंबई के अलावा पांच टीम का गठन किया है जो एक सप्ताह से छानबीन कर रही है।इस मामले में बैंक के अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
ग्राहकों की शिकायत का हो रहा सत्यापन
टीमें उन ग्राहकों की शिकायतों की पुष्टि में जुटी हैं जिनके पास जमा पर्चियां हैं, लेकिन उनके खाते में राशि जमा नहीं की गई। इसके अलावा, फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए कितने ग्राहकों के खातों से रकम निकाली गई, इसका भी आकलन अभी नहीं हो पाया है।जालसाजी की बात सामने आने पर करीब 21 ग्राहकों ने शाखा प्रबंधक काे प्रार्थना पत्र देकर जालसाजी होने की शिकायत की थी।
30 हजार खातों का सत्यापन चुनौतीपूर्ण
कैशियर द्वारा की गई धोखाधड़ी की सही तस्वीर बैंक के 30 हजार सक्रिय खातों के अभिलेखों के सत्यापन के बाद ही सामने आएगी। सत्यापन का यह काम बेहद चुनौतीपूर्ण है।
कलीम ने किया व्यवस्था का दुरुपयोग
जांच में शामिल सभी टीम इस बात को लेकर अचंभित हैं कि मुख्य कैशियर ने यूको बैंक की व्यवस्था का किस तरह दुरुपयोग किया। इसके लिए उसने कौन-कौन से हथकंडे अपनाए, यह जांच का विषय बना हुआ है।
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