UP News: गोरखपुर जेल में बंद तीन HIV पीड़ितों के जीवन पर संकट, रिपोर्ट पॉजिटिव फिर भी नहीं शुरू हो सका इलाज
Gorakhpur News गोरखपुर जिला कारागार में तीन कैदियों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। वे एचआईवी पीड़ित हैं और 25 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। लेकिन अभी तक उनका इलाज शुरू नहीं हो पाया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने इस मामले में गृह मंत्रालय एसएसपी और जेलर को ईमेल भेजकर दवा शुरू कराने का अनुरोध किया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिला जेल में तीन बंदियों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। वे एचआइवी पीड़ित हैं। वे 25 मार्च को पाॅजिटिव आए थे, लेकिन उनकी दवा अभी शुरू ही नहीं हो पाई है। इस मामले में बीआरडी मेडिकल काॅलेज ने गृह मंत्रालय, एसएसपी व जेलर को ईमेल भेजकर दवा शुरू कराने का अनुरोध किया है, ताकि उनके जीवन पर किसी तरह का संकट न आने पाए।
बीआरडी मेडिकल काॅलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की टीम हर सप्ताह जेल में बंदियों की जांच करने जाती है। उनकी स्क्रीनिंग करती है, जिनमें एचआइवी की आशंका नजर आती है, उन्हें मेडिकल काॅलेज के इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आइसीटीसी) बुलाया जाता है, ताकि उनकी जांच हो सके।
मेडिकल काॅलेज की टीम ने फरवरी में बंदियों की स्क्रीनिंग की थी, तीन के एचआइवी पाॅजिटिव होने की आशंका जताई थी। उन्हें जांच के लिए आइसीटीसी बुलाया गया था। लेकिन पुलिस उन्हें ले नहीं गई। 25 मार्च को टीम ने जेल में ही जाकर उन तीनों रोगियों के नमूने लिए। जांच में रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है।
एचआईवी पॉजिटिव आने के बाद जेल में हड़कंप। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)
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25 मार्च को ही तीन नए बंदी एचआइवी पाॅजिटिव आए हैं, उनकी दवा अभी तक शुरू नहीं हो पाई। इसके लिए जेल, एसएसपी कार्यालय व गृह मंत्रालय को ईमेल किया गया है। यह बताया गया है कि इनके लिए एआरटी बहुत जरूरी है। इसे शुरू कराया जाए। -डाॅ. अमरेश कुमार सिंह, अध्यक्ष माइक्रोबायोलाजी विभाग, बीआरडी मेडिकल काॅलेज
जेल प्रशासन को बता दिया गया है कि इन्हें आइसीटीसी भेजकर प्रोफाइल जांच (अनेक बीमारियों की जांचें व चेस्ट एक्सरे) करा लें। कार्ड बन जाएगा और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर से दवाएं निश्शुल्क मिलेंगी। लेकिन जेल प्रशासन ने इन तीनों बंदियों को आज तक बीआरडी मेडिकल काॅलेज भेजा ही नहीं।
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हर एचआइवी पीड़ित की दवा नियमित रूप से चलती है। उन्हें एआरटी सेंटर भेजा जाता है। मैं इसे देखवाता हूं कि बंदी क्यों नहीं आइसीटीसी या एआरटी सेंटर जा रहे हैं। काॅलेज ने यदि मेल किया है तो मैं मेल चेक कर लेता हूं। रोगियों की दवा शुरू कराई जाएगी। -दिलीप पांडेय, जेल अधीक्षक।
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