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    गोरखपुर में इस स्थान पर रंग-अबीर लेकर गए तो लगेगा जुर्माना, होली खेलने का शौक पड़ सकता है महंगा

    Updated: Sun, 09 Mar 2025 07:33 PM (IST)

    Holi 2025 चिड़ियाघर में होली के दौरान रंग-अबीर ले जाने पर रोक लगा दी गई है। रंग और अबीर से वन्यजीवों को नुकसान पहुंच सकता है। रंगों में पाए जाने वाले केमिकल वन्यजीवों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनकी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। रंगों से वन्यजीवों को सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।

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    होली को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन भी सतर्क। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। इन दिनों होली की धूम मची हुई है। हर कोई इस त्योहार की तैयारियों में लगा हुआ है। रंगों का यह त्योहार अपने साथ खुशी और आनंद लेकर आता है। देश और दुनिया में लोग अलग-अलग अंदाज में इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। लेकिन, कुछ लोगों की लापरवाही का खमियाजा बेजुबानों को भुगतना पड़ता है।

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    इसे देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। यहां रह रहे वन्यजीवों को नुकसान न हो, इसके लिए चिड़ियाघर में आने वाले दर्शकों को रंग और अबीर लेकर आने पर रोक लगा दी है। मंगलवार से चिड़ियाघर आने वाले दर्शकों की जांच होगी। रंग व अबीर मिलने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

    शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में 325 से अधिक वन्यजीव रह रहे हैं। चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि होली के दौरान यहां आने वाले कुछ दर्शक साथ में रंग व अबीर भी लेकर आते है। इसके बाद वन्यजीव के बाड़े में स्थित पोखरे में रंग को फेंक देते है, जिसे पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। वहीं अबीर के उड़ने से उनकी आंखे खराब हो सकती है।

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    चिड़ियाघर के उपनिदेशक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्यजीव अपने शरीर को साफ रखने के लिए अपनी जुबान का इस्तेमाल करते हैं। वह अक्सर खुद को चाटकर अपना शरीर साफ करते हैं। ऐसे में अगर उनके शरीर पर रंग पड़ता हैं, तो वह इसे साफ करने के लिए जुबान का सहारा लेते हैं। ऐसे में केमिकल वाला यह रंग शरीर के अंदर जाता है। इससे पेट व आंत संबंधी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

    होली 2025। जागरण


    डा. योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि रंगों में आमतौर पर लीड आक्साइड, एल्यूमिनियम ब्रोमाइड, मरकरी सल्फेट और कापर सल्फेट जैसे केमिकल पाए जाते हैं। ऐसे में शरीर पर इन रंगों के लगने से न सिर्फ इंसानों, बल्कि वन्यजीवों की त्वचा को भी काफी नुकसान पहुंचता है। किसी भी माध्यम से अगर उनके शरीर पर रंग लग जाता हैं, तो उन्हें स्किन एलर्जी, त्वचा में जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

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    चिड़ियाघर में रंग और अबीर ले जाने पर रोक लगायी गई है। मंगलवार से आने वाले दर्शकों की जांच होगी। उनके पास किसी भी तरह का रंग मिलने पर जुर्माना लगेगा। होली के दिन चिड़ियाघर दर्शकों के लिए बंद रहेगा।-विकास यादव, निदेशक/डीएफओ

    सांस लेने में होती है दिक्कत, खराब हो सकते हैं आंख

    डाॅ. योगेश प्रताप ने बताया कि रंग भरा गुब्बारा या पानी फेंकने या अबीर उड़ाने पर पर वन्यजीव के आंखों में चला जाता है। इससे उनकी आंखे खराब हो जाती है, उनकी रोशनी तक जा सकती है। वन्यजीवों के लिए गीला या सूखा दोनों ही तरह का रंग खतरनाक साबित होता है। नाक और श्वसन नली में जाने से उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। कई बार तो वह पागल तक हो जाते है और उनकी मृत्यु भी हो जाती है। अबीर व रंग सिर्फ वन्यजीव के लिए ही न सड़क पर घूने वाले जानवरों के लिए भी नुकसान है।