यूपी के इस शहर में नशा करके बाइक चलाने वालों पर गिरी गाज, RTO ने निरस्त किया ड्राइविंग लाइसेंस
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नशे में बाइक चलाने वालों की खैर नहीं है। आरटीओ ने श्वास परीक्षण के बाद वाहन का चालान कर मौके पर ही चालक के ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) निरस्त करने की संस्तुति कर दी।सघन जांच अभियान में 65 वाहनों का चालान भी किया गया। यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अब नशे में बाइक (मोटरसाइकिल) चलाया तो खैर नहीं। पकड़े जाने पर वाहन सीज करने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) संजय कुमार झा की टीम ने शुक्रवार को नशे में बाइक चला रहे एक युवक को पकड़ा।
आरटीओ ने श्वास परीक्षण के बाद वाहन का चालान कर मौके पर ही चालक के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति कर दी। तीन चालकों का लाइसेंस निरस्त करने के साथ सघन जांच अभियान में अनियमितता पाए जाने पर 65 वाहनों का चालान किया गया। साथ ही यातायात के नियमों के प्रति चालकों को जागरूक किया गया।
सड़क सुरक्षा माह के तहत आरटीओ के नेतृत्व में महानगर के विभिन्न सड़कों व चौराहों पर सघन जांच अभियान चलाया गया। सहजनवां थाने के निकट मुरारी इंटर कॉलेज के पास परिवहन विभाग की टीम ने गलत साइड से ड्राइविंग और डिवाइडर को अनधिकृत रूप से पार करके रोड के दूसरी तरफ जाने वाले वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।
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नशे में गाड़ी चलाने पर पुलिस कर रही कार्रवाई। जागरण
इसी क्रम में शहीद बंधु सिंह ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र (डीटीआइ) चरगावां में ऑटो चालकों और ई-रिक्शा चालकों के साथ परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इस दौरान परिवहन अधिकारियों ने यातायात के नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी थी।
कहा कि, यातायात के नियमों का पालन कर ही मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। आरटीओ (प्रवर्तन) ने ई-रिक्शा/ऑटो चालकों को निर्देशित किया कि वे खिचड़ी मेले के दौरान सावधानी से वाहन चलाएं। कोई भी चालक नशे में वाहन न चलाए। न ही किसी यात्री के साथ अभद्र व्यवहार करें और ना ही उनसे अतिरिक्त किराया वसूलें। पकड़े जाने या शिकायत मिलने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी तक सभी ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा चालक अपना यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर प्राप्त कर लें। इसके बाद बिना यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर के पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) नरेंद्र यादव, यात्री/माल कर अधिकारी विजय किशोर आनंद एवं रमापति तथा समस्त प्रवर्तन स्टाफ उपस्थित थे।
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रेलवे पुलिस बृजेश की मौत को बता रही दुर्घटना
कानपुर रेलवे पुलिस ने चौरी चौरा के चकदेईया निवासी बृजेश पासवान की मौत को दुर्घटना बताया है। शव लेने लिए जब परिवार पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें जानकारी दी। जबकि पत्नी रीना का कहना है कि सीट के विवाद में चलती ट्रेन से उसके पति को फेंक दिया गया था।
बातचीत के दौरान पति ने उसे मोबाइल फोन पर बताया था। बंगलूरू से घर आते समय मंगलवार को कानपुर में संदिग्ध परिस्थिति में बृजेश की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। रेलवे पुलिस ने ग्राम प्रधान को इसकी सूचना दी थी। इसके बाद बुधवार को बृजेश का शव घर पहुंचा था, गुरुवार को मझना नाले के पास पिता रामआशीष ने अंतिम संस्कार किया।
इसके बाद घर पर चौरीचौरा पुलिस ने जाकर पत्नी से घटनाक्रम की जानकारी ली, बयान नोट कर वापस चली गई। पिता रामअशीष समेत अन्य सदस्यों ने कहा कि कानपुर रेलवे मौत का कारण दुर्घटना बता रही है लेकिन बृजेश की ट्रेन से फेंककर हत्या हुई है। बृजेश की पत्नी का आरोप है कि उसके पति की सीट के विवाद को लेकर हत्या हुई है और उसको न्याय चाहिए।
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