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    36 रेलवे स्टेशनों और 1.54 एकड़ खाली भूमि पर लगेंगे 'सोलर पैनल', पूर्वोत्तर रेलवे करेगा 93 करोड़, 75 लाख का निवेश

    Updated: Sun, 15 Dec 2024 02:25 PM (IST)

    solar panels news पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने स्टेशनों और रेल लाइनों के किनारे खाली पड़ी भूमि पर सोलर पैनल लगाने का फैसला किया है। इसके लिए 36 स्टेशन और 1.54 एकड़ खाली भूमि चिन्हित की गई है। इन पैनलों से चार मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य है। रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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    मुख्यालय गाेरखपुर में जमीन चिन्हित कर ली गई है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों के अलावा रेल लाइनों के किनारे खाली पड़ी भूमि पर भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यालय गाेरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्तनगर मंडल में 36 स्टेशन और 1.54 एकड़ खाली भूमि चिन्हित कर ली गई है।

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    इन पैनलों से चार मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सोलर पैनल उस खाली भूमि पर ही लगाए जाएंगे, जो बिजली ट्रांसफार्मरों के नजदीक होंगे। इसके लिए संबंधित विभाग और अधिकारियों ने अध्ययन कर लिया है। पैनल लगने से खाली भूमि का अतिक्रमण पर भी अंकुश लगेगा।

    ऊर्जा संरक्षण के अंतर्गत रेलवे प्रशासन ने रूफ टाप सोलर पैनल लागने की कवायद भी तेज कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 6.58 मेगा वाट क्षमता (एमडब्ल्यूपी) के रूफ टाप सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं। जिससे वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में माह नवम्बर तक 36.25 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ। लखनऊ एवं वाराणसी मंडल के स्टेशनों में वर्ष 2024-25 में रूफ टाप सोलर पैनल लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

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    यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर में 500 केडब्लूपी एवं इज्जतनगर लोको शेड में 150 केडब्लूपी सहित 02 सर्विस भवनों पर 650 किलो वाट क्षमता के रूफ टाप सोलर पैनल लगाए गए हैं। कारखाना ही नहीं पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशन भी सौर ऊर्जा से गुलजार होंगे। 94 स्टेशन पहले से ही सौर ऊर्जा से जगमगा रहे हैं। इनके अलावा कार्यालय भवन, चिकित्सालय, प्रशिक्षण केन्द्र, कोचिंग काम्प्लेक्स, समपार फाटक, अतिथि गृह और प्रेक्षागृह आदि 31 कार्यस्थलों पर भी सौर ऊर्जा का उपयोग हो रहा है।

    चिन्हित अमृत भारत स्टेशन भी सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे। अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ सोलर प्लांट भी लगाए जाएंगे, जो हरित रेल के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

    93 करोड़, 75 लाख का निवेश करेगा पूर्वोत्तर रेलवे

    पूर्वोत्तर रेलवे बिजली बनाने के लिए 93 करोड़, 75 लाख का निवेश करेगा। स्टेशनों और विभागों में बन रहे नए भवनों और रेलवे के खाली भूमि पर पार्टनरशिप के अंतर्गत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। रेल मंत्रालय ने धन आवंटित कर दिया है। आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे के कारखानों सहित 12 अमृत भारत स्टेशन भी सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे।

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    मुख्यालय गोरखपुर में तो व्यापक पैमाने पर सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 351 मेगावाट घंटा सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जिससे कारखाना में कुल खपत बिजली का करीब 25 प्रतिशत सौर ऊर्जा से ही मिल जा रहा है।

    पूर्वोत्तर रेलवे में सुनियोजित प्रयासों से ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के अपेक्षित परिणाम मिल रहे हैं। इस रेलवे में ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोत सौर ऊर्जा का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। साथ ही ऊर्जा दक्ष उपकरणों का प्रयोग सुनिश्चित कर ऊर्जा खपत में बचत की जा रही है।

    - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे

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