UP के इस जिले में 56 हजार Smart Meter भी बदलने शुरू, बिजली विभाग ने बताई यह वजह
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 56 हजार स्मार्ट मीटर बदलने का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना और बिजली वितरण प्रणाली को आ ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बिजली निगम में अब स्मार्ट मीटरों को बदलने की शुरुआत हो गई है। वर्ष 2017-18 में महानगर में स्थापित 56 हजार 662 स्मार्ट मीटरों की जगह अब नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पहले लगाए गए स्मार्ट मीटरों को टू जी नेटवर्क का होने के कारण बदलने की बात कही जा रही है। हालांकि नए मीटर फोर जी नेटवर्क पर आधारित हैं।
वर्तमान में फाइव जी नेटवर्क प्रचलन में होने के बाद भी फोर जी नेटवर्क आधारित मीटर लगाने पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं, 'जब फोर जी नेटवर्क था तो टू जी नेटवर्क वाले स्मार्ट मीटर लगाए गए। अब फाइव जी है तो फोर जी नेटवर्क वाले मीटर लगाए जा रहे हैं। यानी आने वाले वर्षों में इन मीटरों को भी बदला जाएगा और नागरिकों के कर के रुपये निजी कंपनियों की कमाई में बर्बाद किए जाएंगे। योजनाबद्ध कार्य न होने से दिखावा और रुपये की ही बर्बादी हो रही है। इस पर रोक लगनी चाहिए।'
महानगर में लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) कंपनी ने स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की थी। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को स्मार्ट मीटर लगाने का काम दिया गया था। ईईएसएल ने एलएंडटी कंपनी को टेंडर दिया था। 56 हजार 662 मीटर लगा भी दिए गए थे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अचानक प्रदेश के 10 लाख स्मार्ट मीटर बंद हो गए। इससे बिजली की समस्या खड़ी हो गई। इसके बाद स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया गया। अब जीनस कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है।
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जीनस कंपनी के प्रबंधक राकेश सिंह ने कहा कि पुराने स्मार्ट मीटरों पर नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पांच सौ से ज्यादा परिसर पर स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं। इससे उपभोक्ताओं को बिजली खपत देखने, बिल की जानकारी आदि में काफी आसानी हो जाएगी।
यह करना होगा
- स्मार्ट मीटर की जगह नया स्मार्ट मीटर लगाने के 24 घंटे के भीतर बदले गए मीटर से संबंधित जानकारी और उपभोक्ता का विवरण ईईएसएल को सूचित किया जाना चाहिए।
- मीटर बदलने पर, स्मार्ट मीटर व उपभोक्ता से संबंधित सभी पुराने डेटा को ईईएसएल द्वारा बदलने के 15 दिनों के भीतर डिस्काम को उपलब्ध कराना होगा।
- प्रति माह 19 हजार स्मार्ट मीटर बदलने होंगे। यह प्रक्रिया मार्च 2027 से आगे नहीं बढ़ेगी।

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