SIR in UP: गोरखपुर में 74 प्रतिशत मैपिंग पूरी, अब इन वोटरों के वैरिफिकेशन पर जोर
गोरखपुर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत गणना प्रपत्रों के भरने और डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो गया है। अब मैपिंग और एएसडी वोटर ...और पढ़ें

शहर में सबसे कम 44 प्रतिशत मतदाताओं के ही नाम 2003 की मतदाता सूची में मिले. Concept
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण- एसआइआर अभियान के तहत गोरखपुर जिले में गणना प्रपत्रों के भरे जाने और उनके डिजिटाइजेशन का काम गुरुवार को ही शत प्रतिशत पूरा हो गया है। अब मैपिंग और एएसडी (अनुपस्थित, शिफ्टेट, मृतक) वोटरों के दोबारा सत्यापन का कार्य चल रहा है। अब तक वर्ष 2003 की मतदाता सूची से 74 प्रतिशत मतदाताओं की सफलतापूर्वक मैपिंग हो चुकी है।
प्रदेश के कुछ जिलों में अभियान की प्रगति और फील्ड में आ रही चुनौतियों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने गणना प्रपत्र भरने और उसके डिजिटाइजेशन की अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी है। इसके साथ ही निर्वाचक नामावली के आलेख्य प्रकाशन की तिथि भी 31 दिसंबर निर्धारित की गई है। ऐसे में जिला प्रशासन का पूरा जोर अब सटीक मैपिंग और एएसडी वोटरों के सत्यापन पर है।
शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, गोरखपुर शहर में सबसे अधिक मैपिंग लंबित है। यहां 2003 की मतदाता सूची से 56 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है। गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं है, जहां 64 प्रतिशत लोगों का मिलान लंबित है। इसके विपरीत खजनी विधानसभा का प्रदर्शन सबसे बेहतर है, जहां सिर्फ 11 प्रतिशत मतदाताओं की ही मैपिंग शेष है। इसी प्रकार चौरीचौरा विधानसभा में 12 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग अभी बाकी है । जिन मतदाताओं की मैपिंग हो जा रही है, उन्हें किसी भी तरह के पहचान या प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक मीणा के निर्देश पर सभी ईआरओ ने अपने-अपने क्षेत्रों में एएसडी वोटरों के सत्यापन और मैपिंग कार्य की निगरानी तेज कर दी है। शुक्रवार को सदर तहसील सभागार में ईआरओ व एसडीएम सदर दीपक गुप्ता ने बीएलओ और सुपरवाइजरों के साथ समीक्षा बैठक की । बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 2003 की मतदाता सूची से प्रत्येक परिवार की मैपिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि गलत मैपिंग भविष्य में बूथ प्रबंधन और मतदान केंद्र निर्धारण दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में यह भी पाया गया कि फील्ड स्तर पर अधिकांश क्षेत्रों में मैपिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, किंतु पोर्टल पर उसकी फीडिंग अभी जारी है। एसडीएम ने एईआरओ और सुपरवाइजरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि फीडिंग में देरी पर जवाबदेही तय की जाएगी और संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
समीक्षा बैठक में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले सभी युवाओं का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाए। एसडीएम ने कहा कि हर पात्र नागरिक को मतदाता सूची में स्थान दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में सभी अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। फील्ड में आ रही समस्याओं जैसे पुराने दस्तावेजों की गड़बड़ी, मकान नंबरों का अभाव, और कुछ क्षेत्रों में घर-घर सत्यापन में कठिनाइयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों ने निर्देश दिया कि जहां आवश्यक हो, वहां दोबारा फील्ड विजिट कर सत्यापन पूरा कराया जाए।
कहां कितनी मैपिंग नहीं हो सकी
- विधानसभा -नो मैपिंग प्रतिशत
- कैंपियरगंज -21
- पिपराइच- 28
- शहर -56
- ग्रामीण -36
- सहजनवां -18
- खजनी -11
- चौरीचौरा -12
- बांसगांव -20
- चिल्लूपार -20
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