गोरखपुर में बड़े ऑनलाइन सट्टा रैकेट का पर्दाफाश, FIU के अलर्ट पर पकड़ा गया भिलाई का रहने वाला सरगना
गोरखपुर में एक बड़े ऑनलाइन सट्टा रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। आरोपितों के कब्जे से सैकड़ों बैंक खातों की जानकारी मिली है जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टेबाजी और अन्य अपराधों में किया जा रहा था। पुलिस अब इन खातों के मालिकों और लेन-देन की गहन जांच कर रही है। गिरफ्तार आरोपितों ने खुलासा किया कि सट्टेबाजी का यह खेल पूरी तरह से व्यवस्थित था।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली फाइनेंस इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) की सूझबूझ और अलर्ट के बाद गोरखपुर में एक बड़े ऑनलाइन सट्टा रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। एफआईयू की सख्त निगरानी के कारण मऊ जिले के सुमित यादव के बैंक खाते से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियां सामने आईं, जिसके बाद पुलिस ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए एक छापेमारी अभियान चलाया।
मऊ के सुमित यादव के खाते में एक महीने में 34 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था। एफआईयू ने इस पर तुरंत ध्यान दिया और मामले की जांच शुरू की। पूछताछ में सुमित यादव ने बताया कि उसका खाता उसके नाम से है, लेकिन इसका संचालन अरविंद यादव नामक व्यक्ति कर रहा था, जो छत्तीसगढ़ के भिलाई का निवासी है। इसके बदले अरविंद उसे हर महीने 17,000 रुपये देता था। इस जानकारी के बाद मऊ की क्राइम ब्रांच ने गुलरिहा थाना पुलिस के साथ जेमिनी पैराडाइस अपार्टमेंट में दबिश दी। यहां से अरविंद और उसके साथियों का नेटवर्क पकड़ में आया। आरोपितों के कब्जे से सैकड़ों बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टेबाजी और अन्य अपराधों में किया जा रहा था। पुलिस अब इन खातों के मालिकों और लेन-देन की गहन जांच कर रही है।
तीन शिफ्ट में 24 घंटे चल रहा था जालसाजी का खेल
गिरफ्तार आरोपितों ने खुलासा किया कि सट्टेबाजी का यह खेल पूरी तरह से व्यवस्थित था। जेमिनी पैराडाइस के फ्लैट्स में 8-8 घंटे के शेड्यूल में ड्यूटी लगाई जाती थी, जिसमें कर्मचारियों को आनलाइन गेम खेलने के लिए मजबूर किया जाता था। इस खेल के जरिए लाखों रुपये की सट्टेबाजी की जा रही थी, और यह कार्य 24 घंटे चलता था।
मुंबई व दुबई से भी जुड़े गिरोह के तार
पुलिस को पहले भी जानकारी मिली थी कि इस गिरोह के तार मुंबई और दुबई से जुड़े हुए हैं, खासकर अन्ना रेड्डी एप के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले गिरोह के संबंधों का पता चला था। हालांकि, इस मामले में सरगना के पकड़े जाने पर अब उसके अन्य ठिकानों और गिरोह से जुड़े लोगों का पता लगाने के लिए पूछताछ चल रही है।
सोसाइटी के लोगों को संदिग्ध लग रही थी गतिविधि
जेमिनी पैराडाइस अपार्टमेंट में बड़ी संख्या में रह रहे बैचलर किराएदारों की गतिविधि लोगों को संदिग्ध लग रही थी। सोसाइटी के लोग पहले ही आशंका जता रहे थे कि यहां कुछ गड़बड़ हो रही है। रातभर फ्लैट में लोगों का आना-जाना, महंगे वाहन और शोरगुल ने बुरी तरह से आसपास के निवासियों को परेशान कर रखा था। एक सोसाइटी में जहां संभ्रांत लोग रहते हैं, वहां ऐसे संदिग्ध किरायेदारों को क्यों रखा गया, यह सवाल भी उठने लगे थे। अब जब पुलिस ने इस रैकेट का पर्दाफाश किया तो सभी के शक की सच्चाई सामने आ गई है।
देश के कई राज्यों से जुड़ा है नेटवर्क
इस छापेमारी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह सिर्फ गोरखपुर,मऊ या छत्तीसगढ़ के भिलाई तक सीमित नहीं है। अब तक की छानबीन में सामने आया है कि देश के कई राज्यों के लोग इस गिरोह में शामिल हैं।
सट्टेबाजी में फंसे लोगों की जुटाई जा रही जानकारी
मऊ पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ उनके कब्जे से मिले लैपटाप, मोबाइल फोन की जांच कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि अभी तक इन लोगों ने कितने को जालसाजी का शिकार बनाया है। इस गिरोह के सदस्यों के संपर्कों और बैंक खातों की तेजी से जांच चल रही है।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि जेमिनी पैराडाइज सोसाइटी में मऊ पुलिस ने छापा डालकर युवकों को लैपटाप व मोबाइल फोन बरामद किया है। इनके ऊपर आनलाइन सट्टा खिलाने और जालसाजी करने का आरोप है। मऊ पुलिस सभी को अपने साथ ले गई है। स्थानीय पुलिस को आरोपितों के बारे में इससे ज्यादा जानकारी नहीं है।
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