Railways News: रेल मदद से मिला मान, पूर्वोत्तर रेलवे को सम्मान; NER ने की एक लाख 46 हजार यात्रियों की Help
पूर्वोत्तर रेलवे ने यात्री सेवा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं। रेल मदद ऐप और पोर्टल के माध्यम से यात्रियों की शिकायतों का त्वरित समाधान करने के लिए रेलवे को रेल मदद शील्ड से सम्मानित किया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में एक लाख 46 हजार से अधिक यात्रियों की मदद की है।

प्रेम नारायण द्विवेदी, जागरण गोरखपुर। 'रेल मदद' का मान बढ़ने से पूर्वोत्तर रेलवे को सम्मान मिला है। यह सम्मान भारत मंडपम, नई दिल्ली में शनिवार को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों मिलेगा। जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पहली बार संरक्षा शील्ड, रेल मदद शील्ड एवं गोविंद वल्लभ पंत शील्ड के लिए अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार मिलेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे को यह सम्मान यूं ही नहीं मिला है, बल्कि रेलकर्मियों की जिजीविषा, सजगता, सतर्कता और उत्कृष्ट प्रदर्शन को मिल रहा है। प्रत्येक रेल यात्रियों की मदद की अदम्य इच्छाशक्ति रखने वाला पूर्वोत्तर रेलवे रेल मदद एप पर मिलने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान करने में वर्ष 2021 से लगातार नंबर एक पर बना हुआ है। लगभग 10 से 15 मिनट में रेल मदद पर पूर्वोत्तर रेलवे को मिलने वाली प्रत्येक आनलाइन शिकायतों का निपटारा कर दिया जाता है।
जानकारों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में एक लाख 46 हजार यात्रियों की मदद की है। इन शिकायतों में ट्रेनों में 6,109 यात्रियों और स्टेशनों पर 225 यात्रियों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई। स्टेशनों पर 352 पानी संबंधी परिवादों का त्वरित निस्तारण कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
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ट्रेनों में 242 और स्टेशनों पर 49 मामलों में महिलाओं की यात्रा को सुगम बनाया गया। यात्री सुविधाओं के 1,625 एवं लगेज/पार्सल के 5,112 मामलों का त्वरित निस्तारण किया गया। यह भारतीय रेलवे स्तर पर एक रिकार्ड है। इसका असर बेडरोल की शिकायतों पर भी पड़ा है।
पिछले साल के सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में महज छह माह में ही बेडरोल से संबंधित 2723 शिकायतें कम हो गई हैं। बेडरोल से संबंधित मिलने वाली शिकायतों का भी त्वरित समाधान हो जा रहा है।
रेल यात्रियों की शिकायतों का निस्तारण ही नहीं रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में भी पूर्वोत्तर रेलवे अव्वल रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में पूर्वोत्तर रेलवे में एक भी ट्रेन दुर्घटना नहीं हुई है। यही नहीं रेलवे प्रशासन ने ओवरशूट (रेड सिग्नल पार करना) की घटनाओं पर भी लगाम लगाया है, जिसे रेलवे प्रशासन दुर्घटना ही मानता है।
निर्माण कार्यों में भी तेजी दिखाते हुए ट्रैक बदलने में भी टारगेट से अधिक कार्य को पूरा कर लिया है। संरक्षा को और पुख्ता करने के लिए गोरखपुर सहित प्रमुख स्टेशनों पर स्थापित रनिंग रूम को वातानुकूलित कर दिया है, जहां रनिंग स्टाफ (गार्ड व लोको पायलट) को आवश्यकतानुसार आराम मिल सके।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि रेल मदद एप व पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 139 पर त्वरित समय सीमा के अंदर रेल यात्री शिकायतों का समाधान करने के लिए नियंत्रक कार्यालयों में ''''वार रूम'''' स्थापित किया गया है।
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जहां सुरक्षा, समय पालन, पेय व खाद्य सामग्री की उपलब्धता, चिकित्सा सहायता, बिजली एवम सफाई संबंधी, पार्सल, टिकटिंग, यात्री सुविधाएं और अन्य विविध मुद्दों से संबंधित यात्री शिकायतें दर्ज होती है। वार रूम में वाणिज्य, परिचालन, आरपीएफ, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल सहित सभी संबंधित विभागों के राजपत्रित अधिकारीगण चौबीसों घंटे (8 घंटे की तीन पालियों में) एक ही स्थान पर ड्यूटी पर मौजूद रहते हैं।
रेलमंत्री के हाथों महाप्रबंधक लेंगी पुरस्कार
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार भारत मंडपम में आयोजित ‘मैं हूं भारतीय रेल‘ पुरस्कार समारोह में यात्री प्रधान पूर्वोत्तर रेलवे को सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ओवरआल उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे एवं मध्य रेलवे को संयुक्त रूप से गोविंद वल्लभ पंत शील्ड दिया जाएगा, जिसे महाप्रबंधक सौम्या माथुर और अपर महाप्रबंधक दिनेश कुमार सिंह द्वारा प्राप्त किया जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के वरिष्ठ कोचिंग डिपो अधिकारी (गोरखपुर) बलराम, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (वाराणसी) एसएस रहमान, टेक्नीशियन थर्ड (वाराणसी) मिथुन कुमार तथा ट्रैक मेन्टेनर (वाराणसी) प्रिंस कुमार कन्नौजिया को व्यक्तिगत पुरस्कार मिलेगा।
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