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    Gorakhpur News: धोखे में आया परिवार, पहले नवजात फिर प्रसूता की चली गई जान

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 07:59 AM (IST)

    गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु और उसकी माँ की मौत हो गई। सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल से रेफर गर्भवती महिला को बेहतर इलाज का झांसा देकर खोवा मंडी के प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया था। अस्पताल प्रशासन ने शव देने के लिए स्वजन से रुपये की मांग भी की। कैंट थाना पुलिस ने हस्तक्षेप करके शव दिलवाया।

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    पहले बच्चा और फिर महिला की मौत हो गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल से रेफर गर्भवती महिला को बेहतर इलाज का झांसा देकर खोवा मंडी के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से पहले नवजात और फिर प्रसूता की भी मौत हो गई। इसके बाद दोनों का शव देने के लिए अस्पताल प्रशासन ने स्वजन से रुपये की मांग शुरू कर दी।शिकायत पर पहुंची कैंट थाना पुलिस के हस्तक्षेप करके शव दिलवाया।

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    सिद्धार्थनगर जिले के गलौर थाना क्षेत्र के महुआवाखुर्द निवासी मायापति दुबे की पत्नी, 40 वर्षीय रीता देवी, को शुक्रवार की शाम प्रसव पीड़ा शुरू हुई। मायापति ने तुरंत रीता को सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। जब परिवारीजन अस्पताल से बाहर आए, तभी एक प्राइवेट एंबुलेंस चालक ने उन्हें अच्छे उपचार का झांसा देकर कहा कि वह चार हजार रुपये में गोरखपुर के एक अच्छे प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करा देगा।

    पत्नी की स्थिति गंभीर होने पर मायापति ने हामी भर दी इसके बाद एंबुलेंस चालक ने खोवा मंडी स्थित अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां नार्मल डिलीवरी के लिए 32 हजार रुपये की मांग की गई। मायापति ने पहले 15 हजार रुपये जमा किए और फिर कुछ और रुपये मंगवाकर जमा कर दिए।

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    रात दो बजे रीता ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद डाक्टर ने ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कहा तो मायापति ने इंतजाम कर दिया। लेकिन, शनिवार दोपहर में रीता ने भी दम तोड़ दिया।सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि लापरवाही के आरोप की जांच कराई जा रही है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

    शव देने के लिए मांगने लगे बकाया

    रीता की मौत के बाद, अस्पताल प्रशासन ने शव देने से इनकार कर दिया और इलाज में खर्च हुए रुपये की मांग करने लगे।मायापति का आरोप है कि अस्पताल ने लापरवाही बरती,जिसकी वजह से उनकी पत्नी व नवजात की जान चली गई।कैंट थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

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    स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल

    मृतका रीता दो बच्चों की मां थी, जिनमें बड़ी बेटी सृष्टि (10 वर्ष) और बेटा युवराज (4 वर्ष) हैं। उनके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मायापति ने अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी अन्य परिवार को इस तरह के दर्द का सामना न करना पड़े।