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    DDU Gorakhpur University: गोरखपुर विवि में JRF पास मेधावियों को शोध के लिए मिलेगी तवज्जो, पीएचडी में मिलेगा सीधा प्रवेश

    By Rakesh RaiEdited By: riya.pandey
    Updated: Mon, 18 Dec 2023 11:10 AM (IST)

    जेआरएफ या अन्य राष्ट्रीय फेलोशिप पाने वाले छात्रों को शोध के लिए सीधे प्रवेश देने का प्रावधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइन में पहले से है। कई ...और पढ़ें

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    पीएचडी अध्यादेश में बदलाव करा रहा DDU प्रशासन

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर।  DDU Gorakhpur University: कड़ी मेहनत से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या किसी अन्य राष्ट्रीय संस्थान की जेआरएफ की परीक्षा पास कर चुके मेधावी विद्यार्थियों को अब दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU Gorakhpur University) के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए अलग से मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। उन्हें सीधे पीएचडी में प्रवेश लेने का अवसर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा रेट उन्हें नहीं देनी पड़ेगी।

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    जेआरएफ पास मेधावियों को प्रवेश परीक्षा से छूट देने का प्राथमिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने ले लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पीएचडी अध्यादेश में कराए जा रहे बदलाव में इस निर्णय को भी शामिल किया जा रहा है।

    सहमति के बाद अध्यादेश होगा लागू

    अध्यादेश में बदलाव की विद्या परिषद और कार्यपरिषद से स्वीकृति लेने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन अंतिम मुहर के लिए राजभवन भेजेगा। राजभवन की सहमति मिलने के बाद नया अध्यादेश लागू कर दिया जाएगा। जेआरएफ पास मेधावियों को प्रवेश परीक्षा से अलग रखने के पीछे विश्वविद्यालय की मंशा देश भर के मेधावी छात्रों को परिसर में शोध के लिए आमंत्रित करने और उनके जरिये विश्वविद्यालय में शोध का स्तर बढ़ाने की है।

    दरअसल जेआरएफ या अन्य राष्ट्रीय फेलोशिप पाने वाले छात्रों को शोध के लिए सीधे प्रवेश देने का प्रावधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइन में पहले से है। कई विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था पहले से लागू भी है। गोरखपुर विश्वविद्यालय अभी तक इसे लागू नहीं कर सका था। इसे लेकर कई बार जेआरएफ पास मेधावियों ने आपत्ति भी जताई थी। उनकी आपत्ति का संज्ञान अब ले लिया गया है।

    सीट से ज्यादा मिले जेआरएफ तो देना होगा साक्षात्कार

    पीएचडी में प्रवेश के लिए परीक्षा कराने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन सभी विभागों से खाली सीटों की स्थिति लेगा। यदि किसी विभाग में जेआरएफ आवेदकों की संख्या सीट से ज्यादा होगी तो वहां चयन के साक्षात्कार की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

    अगर सीटें जेआरआएफ आवेदकों की संख्या से ज्यादा होंगी तो बची सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। यह प्रकिया वर्ष में दो बार होगी। इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा अधिक से अधिक इच्छुक विद्यार्थियों को शोध करने का अवसर देने की है।

    नेट पास विद्यार्थियों को पीएचडी प्रवेश में दी जाएगी तवज्जो

    प्रवेश परीक्षा में नेट पास विद्यार्थियों को मिलेगी प्राथमिकता नेट पास विद्यार्थियों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन पीएचडी में प्रवेश के दौरान विशेष तवज्जो देने जा रहा है। उन्हें प्रवेश परीक्षा तो सामान्य अभ्यर्थियों की तरह ही देनी पड़ेगी पर साक्षात्कार के दौरान कुछ अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। यह अंक कितने होंगे, इसे लेकर नया पीएचडी अध्यादेश तैयार करने वाली टीम कार्य कर रही है।

    अधिक से अधिक मेधावियों को विश्वविद्यालय परिसर में शोध के लिए आमंत्रित करने के लिए जेआरएफ पास विद्यार्थियों को पीएचडी में सीधे प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है। उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी।

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    जेआरएफ पास विद्यार्थियों को प्रवेश देने के बाद विभागवार बची सीटों के लिए ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। बारी-बारी से विद्या परिषद, कार्यपरिषद और राजभवन से स्वीकृति मिलने के बाद पीएचडी प्रवेश को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से लिए गए इस निर्णय को लागू कर दिया जाएगा। प्रो.पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय

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