Gorakhpur: हर शोध को पेटेंट कराएगा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, प्रशासन उठाएगा खर्च
Gorakhpur मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों द्वारा किए गए हर शोध को पेटेंट कराने की कोशिश करेगा। विश्वविद्यालय ने विद्या प ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों द्वारा किए गए हर शोध को पेटेंट कराने की कोशिश करेगा। पेटेंट होने के बाद विश्वविद्यालय उस शोध को अपनी संपत्ति बनाएगा। पेटेंट प्रक्रिया का खर्च भी विश्वविद्यालय ही उठाएगा।
शोध की क्रेडिट शोधार्थी, उसके निर्देशक और फैकेल्टी को दी जाएगी। पेटेंट कराने की दिशा में गंभीर पहल करने के पीछे विश्वविद्यालय का उद्देश्य रेटिंग प्रक्रिया में उसका लाभ उठाना है। शोध को पेटेंट कराने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय ने शोधार्थी और उसके निर्देशक की उदासीनता के चलते ली है।
प्रशासन खुद कराएगी पेटेंट
विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंथन में पाया है कि शोधार्थी और उसके शोध निर्देशक शोध के बाद उसे पेटेंट कराने को लेकर गंभीर नहीं होते। ऐसा इसलिए कि उन्हें काफी भागदौड़ करनी पड़ती है, साथ ही लाख से अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने खुद आगे आने का फैसला लिया है।
पेटेंट हो जाने से विश्वविद्यालय को मिलेगा लाभ
विश्वविद्यालय ने विद्या परिषद और प्रबंध बोर्ड से स्वीकृति भी प्राप्त कर ली है। दरअसल, एनआइआरएफ रैंकिंग, नैक मूल्यांकन और अन्य रैंकिंग में शोध के पेटेंट होने काफी महत्व है। शोध पेटेंट पर अतिरिक्त अंक मिलते हैं। इसके अलावा पेटेंट हो जाने से शोध की औद्योगिक व सामाजिक उपयोगिता भी सिद्ध हो सकेगी। इसका सामाजिक व आर्थिक लाभ भी विश्वविद्यालय को मिलेगा।
विश्वविद्यालय ने ली जिम्मेदारी
विश्वविद्यालय में कई ऐसे शोध हुए हैं, जो थोड़े प्रयास से पेटेंट कराए जा सकते हैं, लेकिन शोधार्थी और शोध-निर्देशक की शिथिलता की वजह से ऐसा नहीं हो सका है। ऐसे में विश्वविद्यालय ने यह कार्य अपने हाथ में लेने का निर्णय लिया है। इस पर आने वाला खर्च भी विश्वविद्यालय ही करेगा। इसके लिए एक विधि फर्म की मदद ली जाएगी।
कुलपति ने कही ये बात
पेटेंट वाला शोध विश्वविद्यालय के नाम होगा, उसकी क्रेडिट शोधार्थी, शिक्षक व फैकल्टी को दी जाएगी।- प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी
यह भी पढ़ें: अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने को महिलाएं कर रहीं गोलियों का इस्तेमाल, नौ सप्ताह तक ही कारगर है दवा; यह होती है समस्या

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।