Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने को महिलाएं कर रहीं गोलियों का इस्तेमाल, नौ सप्ताह तक ही कारगर है दवा; यह होती है समस्या

    By Durgesh TripathiEdited By: riya.pandey
    Updated: Tue, 12 Dec 2023 11:58 AM (IST)

    Health News गर्भपात के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पांच गोलियां महिलाओं को खोखला कर रही हैं। अनचाहा गर्भ खत्म करने के लिए महिलाएं अपने मन से इन दवाओं का इस्तेमाल कर रही हैं। इसका परिणाम हो रहा है कि ज्यादातर महिलाएं महीनों अत्यधिक रक्तस्राव के कारण एनीमिया का शिकार बन रही हैं। कई महिलाओं को सफाई भी करानी पड़ रही है।

    Hero Image
    अधिकतम नौ सप्ताह का गर्भ होने पर डाक्टर की सलाह पर ही खानी होती हैं गोलियां

    दुर्गेश त्रिपाठी, गोरखपुर। खोराबार क्षेत्र में रहने वाली महिला के दो बच्चे हैं। महिला को फिर गर्भ ठहर गया। काफी दिन के बाद उन्होंने अपनी सहेली के कहने पर मेडिकल स्टोर से गर्भपात में इस्तेमाल की जाने वाली दवा खरीद ली।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले दिन एक गोली और फिर 48 घंटे बाद बची चार गोलियों का सेवन किया। इससे रक्तस्राव शुरू हो गया। पांच दिन बाद भी रक्तस्राव नहीं बंद हुआ तो महिला परेशान हो गईं। ज्यादा रक्तस्राव से शरीर में कमजोरी आने लगी तो स्वजन महिला को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओपीडी में पहुंचे।

    यहां डाक्टर ने पूछा तो पता चला कि महिला ने गर्भपात की गोलियों का सेवन किया है। अल्ट्रासाउंड जांच में पता चला कि महिला के गर्भाशय में मांस के टुकड़े चिपके हैं। इसके बाद सफाई कर महिला को राहत दी गई।

    महिलाओं को खोखला कर रही गर्भपात की गोलियां

    गर्भपात के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पांच गोलियां महिलाओं को खोखला कर रही हैं। अनचाहा गर्भ खत्म करने के लिए महिलाएं अपने मन से इन दवाओं का इस्तेमाल कर रही हैं। इसका परिणाम हो रहा है कि ज्यादातर महिलाएं महीनों अत्यधिक रक्तस्राव के कारण एनीमिया का शिकार बन रही हैं। कई महिलाओं को सफाई भी करानी पड़ रही है।

    WhatsApp पर हमसे जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.

    महिलाओं को किया जा रहा जागरूक, इकट्ठा कर रहे डाटा

    एम्स की डाक्टर महिलाओं को गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली दवा के नुकसान की जानकारी देकर जागरूक कर रही हैं। जिन महिलाओं को आपरेशन से बच्चा पैदा हुआ है, उन पर यह दवा ज्यादा खराब असर डालती है। ओपीडी में आने वाली महिलाओं का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। इस आधार पर जागरूकता अभियान का दायरा बढ़ाया जाएगा।

    नौ सप्ताह तक ही कारगर है दवा

    गर्भपात में इस्तेमाल की जाने वाली दवा नौ सप्ताह तक का गर्भ रहने में ही कारगर है। गर्भ का समय आखिरी बार आए मासिक धर्म से जोड़ा जाता है। डाक्टर की निगरानी में ही इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन ज्यादातर महिलाएं अपने मन से दवा खा लेती हैं। कई महिलाएं तो 12-15 सप्ताह तक का गर्भ होने के बाद भी दवा खा लेती हैं।

    यह होती है समस्या

    अधूरा गर्भपात होने से महिला को भारी रक्तस्राव और पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। ज्यादा समय का गर्भ होने के कारण दवा कारगर न होने से भ्रूण का कुछ भाग ही बाहर आ पाता है। इसे अधूरा गर्भपात कहते हैं।

    गर्भपात की दवा के नुकसान

    मिचली व उल्टी आना, थकान, डायरिया, ठंड या बिना ठंड के साथ बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द, चक्कर आना।

    एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अराधना सिंह के अनुसार, सिर्फ नौ सप्ताह तक के गर्भ की समाप्ति के लिए गोली दी जाती है लेकिन इसका इस्तेमाल डाक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। यह दवा सिर्फ डाक्टर के पर्चे पर मिलनी चाहिए। अपने मन से दवा का इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है।

    एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. सुरेखा किशोर के मुताबिक, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर हमेशा जागरूक रहना चाहिए। एम्स गोरखपुर महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। अपने मन से दवाओं का कभी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

    यह भी पढ़ें - Gorakhpur: मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद जाम से मुक्ति दिलाने को उठे कदम, सड़क पर उतरे अधिकारी; स्थाई उपाय पर होगा विचार