Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ हादसे में मां-बेटी समेत चार श्रद्धालुओं की मौत, आंखों के सामने चली गई अपनों की जान
Maha Kumbh Mela 2025 में मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के दौरान मची भगदड़ में अब तक आठ श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। गुरुवार को मां-बेटी समेत चार श्रद्धालुओं की मौत की खबर उनके घर पहुंची। ये सभी चौरी चौरा पीपीगंज और सहजनवां क्षेत्र के रहने वाले थे। बुधवार को भी चार लोगों की मौत हुई थी जिनमें से तीन के शव घर पहुंच गए हैं।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के दौरान मची भगदड़ में मरने वाले जिले के श्रद्धालुओं की संख्या अब आठ हो गई है। गुरुवार को मां-बेटी समेत चार श्रद्धालुओं की मृत्यु होने की सूचना उनके घर पहुंची। यह लोग चौरी चौरा, पीपीगंज व सहजनवां क्षेत्र के रहने वाले हैं।
बुधवार को भी चार लोगों की मृत्यु हुई थी, जिसमें तीन का शव घर पहुंच गया है। भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की सूचना है जिनका उपचार प्रयागराज में चल रहा है। इसके अलावा कई लोग लापता हैं, जिनके स्वजन अनहोनी की आशंका को लेकर परेशान हैं।
आंखों के सामने चली गई पत्नी व सास की जान
चौरी चौरा के भाऊपुर गांव में रहने वाले बृजमोहन मौर्या अपनी पत्नी लाली देवी (40 वर्ष), सास सुनकेशा देवी (65 वर्ष) और गांव की दो अन्य महिलाओं के साथ मौनी अमावस्या के स्नान के लिए प्रयागराज गए थे। मंगलवार की भोर में संगम घाट पर भगदड़ मचने से लाली देवी और सुनकेशा देवी का हाथ बृजमोहन से छूट गया।
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महाकुंभ की भगदड़ में उतरासोत गांव की रिंकी देवी की मृत्यु हो गई। सौ. स्वजन
उनकी आंखों के सामने भगदड़ में कुचलने की वजह से दोनों ने दम तोड़ दिया। घायल सुभावती देवी का इलाज प्रयागराज के अस्पताल में चल रहा है। लाली देवी का दाहसंस्कार झंगहा के इटौवा घाट पर किया गया, जबकि सुनकेशा देवी का शव उनके मायके पोखर भिंड़ा (देवरिया) ले जाया गया।
चौरी चौरा के विधायक इंजी. सरवन निषाद ने पीड़ित परिवार के धर पहुंचकर सांत्वना दी और प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।
महाकुंभ की भगदड़ में भड़सार गांव के नागेंद्र की मृत्यु हो गई। सौ. स्वजन
भांजे के साथ स्नान करने गए थे भड़सार के नागेंद्र
जासं. सहजनवां: सहजनवां तहसील के भड़सार ग्राम पंचायत के फरसाडार निवासी 55 वर्षीय नागेंद्र भी इस भगदड़ का शिकार हुए। वे अपने भांजे प्रदीप के साथ महाकुंभ में स्नान करने गए थे। भगदड़ के दौरान नागेंद्र नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। प्रदीप ने अस्पताल में उनके शव की पहचान की और परिवार को सूचना दी।बेंगलुरु में फर्नीचर का काम करने वाले नागेंद्र कुछ दिन पहले घर लौटे थे।
नागेंद्र के निधन की सूचना मिलते ही उनके घर में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी भोली देवी बेटे विकास और आकाश तथा विवाहित पुत्रियों पूजा व ममता का रो-रोकर बुरा हाल है। शव के पोस्टमार्टम के लिए कुंभ प्रशासन की ओर से स्वजनों को प्रयागराज बुलाया गया है।
लाली देवी व उनकी मां सुनकेशा देवी l फाइल फोटो
गंभीर रुप से घायल रिंकी ने अस्पताल में तोड़ा दम
उतरासोत गांव की 35 वर्षीय रिंकी देवी भी भगदड़ में गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें झूसी स्थित भोला सिंह अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रिंकी तीन बेटियों की मां थीं और 27 जनवरी को गांव की अन्य महिलाओं के साथ स्नान करने गई थीं।
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स्नान के दौरान भगदड़ मचने के बाद वे साथ में गए लोगों से बिछड़ गईं।आपदा मित्र दल के सदस्यों ने गंभीर स्थिति में रिंकी देवी को झूसी स्थित भोला सिंह अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।गुरुवार दोपहर जब रिंकी देवी का गांव पहुंचा,पति धर्मेंद्र निषाद ने एम्बुलेंस का किराया चुकाया। रिंकी देवी अपने पीछे तीन बेटियां छोड़ गई हैं,रागिनी (12), राधिका (10) और निशा (7) का रो-रोकर बुरा हाल है।
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