Maha Kumbh 2025: प्रयागराज से वाराणसी तक सरकती रहीं ट्रेनें, 125 किमी की दूरी तय करने में लग गए 40 घंटे
Maha Kumbh 2025 में प्रयागराज से वाराणसी के बीच ट्रेनों की रफ्तार थम सी गई। श्रद्धालुओं को करीब 125 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 40 घंटे लग गए। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले से ही प्रयागराज-वाराणसी रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन लगभग ठप हो गया। ट्रेनों को एक से दूसरे स्टेशन पर आगे बढ़ने के लिए सिग्नल नहीं मिल पा रहा था।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Maha Kumbh 2025: प्रयागराज से वाराणसी के बीच 28 और 29 जनवरी को 48 घंटे ट्रेनें सरकती रहीं। स्थिति यह रही कि श्रद्धालुओं को वाराणसी से प्रयागराज करीब 125 किमी की दूरी तय करने में लगभग 40 घंटे जग जा रहे थे। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले से ही प्रयागराज-वाराणसी रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन लगभग स्थित सा हो गया।
हद तो तब हो गई जब प्रयागराज के आसपास वाले स्टेशनों पर पहुंचने के बाद भी श्रद्धालु भीड़ में ट्रेनों से नीचे नहीं उतर पा रहे थे। ट्रेनों को खाली होने में ही 12 से 24 घंटे लग जा रहे थे। स्पेशल ट्रेनों के खाली नहीं होने से स्टेशन यार्ड जैसे-जैसे भरते जा रहे थे, वैसे-वैसे रेलवे की सांसें भी फूलती जा रही थीं।
जानकारों का कहना है कि वाराणसी से प्रयागराज के बीच कुल 14 स्टेशन हैं। ट्रेनों को एक से दूसरे स्टेशन पर आगे बढ़ने के लिए सिग्नल नहीं मिल पा रहा था। जो ट्रेनें जहां थीं, वहीं ठहर सी गई थीं। प्रयागराज से महाकुंभ नहाकर गोरखपुर लौटे महराजगंज निवासी रामकेश बताने लगे, संयोग अच्छा रहा कि वह 27 को ही प्रयागराज पहुंच गए थे।
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28 उनके परिवार वाले गोरखपुर से रवाना हुए, लेकिन वह 29 को मौनी अमावस्या का स्नान नहीं कर पाए। 29 का पूरा दिन ट्रेन में ही बीत गया। रात को किसी तरह प्रयागराज पहुंचे लेकिन संगम तक नहीं पहुंच पाए। जो जहां था, वहीं खड़ा रहा। वह वापस लौट आए हैं। परिवार वाले सुबह स्नान कर झूसी से स्पेशल ट्रेन से गोरखपुर वापस आ रहे हैं। गांव के दर्जनों लोग वापस लौट आए हैं।
अभी भी सैकड़ों लोग प्रयागराज में ही फंसे हैं। स्टेशन पहुंचने के लिए एक से दूसरे रास्ते में भटक रहे हैं। पास ही खड़े कुशीनगर के चन्द्रभान का कहना था कि इतनी भीड़ कभी नहीं देखी थी। न ट्रेनें चल रहीं थीं और न श्रद्धालु। मौनी अमावस्या के दिन लगा जैसे ट्रेनें ही नहीं महाकुंभ मेला क्षेत्र भी जड़वत हो गया है।
Maha Kumbh 2025: रेलवे स्टेशन से बाहर निकलती भीड़। जागरण
रेलवे के खेवनहार बने डबल इंजन, हर 20 मिनट में एक स्पेशल गोरखपुर
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं को प्रयागराज से बाहर निकालने में ट्रेनों में लगे डबल इंजन रेलवे के खेवनहार बने। ट्रेनों के आगे और पीछे दोनों तरफ इंजन लगने से प्रयागराज रामबाग और झूंसी जैसे छोटे स्टेशनों पर विशेष गाड़ियों को वापस संचालित करने में इंजन नहीं बदलना पड़ा।
इन स्टेशनों पर पहुंची ट्रेनें कम समय में ही श्रद्धालुओं को लेकर वापस हो जा रही थीं। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने लगभग हर 20 मिनट में एक स्पेशल ट्रेन चलाकर लाखों श्रद्धालुओं को प्रयागराज से बाहर निकालने में सफल रहा।
मौनी अमावस्या से पहले ही देशभर से सैकड़ों की संख्या में स्पेशल ट्रेनें प्रयागराज पहुंच गईं। श्रद्धालुओं की मांग पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने ही 28 जनवरी को रिकार्ड 16 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें रामबाग और झूंसी भेज दी। कुछ ट्रेनें स्टेशनों पर पहुंची, कुछ रास्ते में ही रुक गईं। भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं को महाकुंभ से बाहर निकालना रेलवे के लिए चुनौती बन गया।
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जानकारों के अनुसार, मौनी अमावस्या से रेलवे ने गोरखपुर सहित अन्य प्रमुख स्टेशनों से प्रयागराज रूट पर चलने वाली चौरी चौरा और स्पेशल ट्रेनों को निरस्त करते हुए रोक दी है। 31 जनवरी तक महाकुंभ जाने वाली स्पेशल ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं।
फिलहाल, बाहर से जाने वाली ट्रेनों के रुकने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने रामबाग और झूंसी से एक-एक कर ट्रेनें गोरखपुर सहित अन्य रूटों पर के लिए निकालना आरंभ कर दिया है। इसमें पहले से प्रयागराज, वाराणसी, मऊ, बलिया और छपरा क्षेत्र के छोटे-बड़े स्टेशनों पर पहले से खड़ी 56 रेक अहम भूमिका निभा रही हैं।
रेलवे प्रशासन इन खाली रेकों को प्रयागराज रामबाग और झूंसी पहुंचाकर श्रद्धालुओं को वापस कर रहा है। हालांकि, खाली रेकों को स्पेशल ट्रेन बनाकर विभिन्न रूटों पर संचालित करने में रेलवे प्रशासन का पसीना छूट गया है। इन ट्रेनों को संचालित करने में पूर्वोत्तर रेलवे के अफसर और कर्मचारी दिन-रात एक किए हुए हैं।
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