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    गोंडा-लखनऊ हाईवे पर हादसा: सड़क दुर्घटना में महाकुंभ से लौट रहे एक श्रद्धालु की मौत, 12 घायल

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 12:38 PM (IST)

    गोंडा-लखनऊ हाईवे पर एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें महाकुंभ से लौट रहे एक श्रद्धालु की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। यह हादसा भंभुआ पुलिस चौकी से 300 मीटर दूर गन्ना समिति के पास हुआ। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है।

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    सड़क हादसे में एक श्रद्धालु की मौत हो गई है। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण कर्नलगंज/भंभुआ (गोंडा)। गोंडा-लखनऊ हाईवे पर भंभुआ पुलिस चौकी से 300 मीटर दूर स्थित गन्ना समिति के पास महाकुंभ से श्रद्धालुओं को लेकर लौट रही मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में सवार एक श्रद्धालु की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय रेफर कर दिया है।

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    बताया जाता है कि इटियाथोक थाना के हरदइया के रहने वाले बृज बहादुर पत्नी मंजू व गांव की भाग्यदेई, प्रीति, रामरती, राकेश, शिवशंकर, रिंकू, मीनावती, अनोखी लाल, जदुराई, सुनीता, कांति मैक्स वाहन से 25 जनवरी को महाकुंभ गए थे। शुक्रवार की सुबह घर वापस लौटते समय उनका वाहन गोंडा-लखनऊ हाईवे स्थित भंभुआ गन्ना समिति के पास अज्ञात वाहन से टकरा गया, जिसमें बृज बहादुर की मौत हो गई। 12 श्रद्धालु घायल हो गए।

    हादसे के बाद गाड़ी के उड़े परखच्चे। जागरण


    घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय रेफर कर दिया।

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    मृतक के बड़े भाई दल बहादुर ने बताया कि मृतक पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके दो बेटे विनय कुमार, विनीत कुमार व एक बेटी शुभि हैं। मृतक के स्वजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है।

    सड़क हादसे में मृतक बृज बहादुर की फाइल फोटो। जागरण


    प्रभारी निरीक्षक श्रीधर पाठक ने कहा कि दुर्घटना में बृज बहादुर की मौत हो गई है। मैक्स वाहन में सवार 12 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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    महाकुंभ व जाम में फंसे पांच सौ वाहन,श्रद्धालुओं से संपर्क नहीं कर पा रहे स्वजन

    मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं को स्नान करने ले गए 120 रोडवेज बसों समेत 500 वाहन अभी तक नहीं लौटे हैं। मेला परिसर से लेकर सुल्तानपुर समेत अन्य जगहों पर लगे भीषण जाम में फंसे श्रद्धालु 24 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। फंस जाने के कारण घर न लौट पाए 20 हजार श्रद्धालुओं में करीब तीन हजार ऐसे हैं,जिनसे उनके स्वजन संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं।

    यही हाल रहा तो वसंत पंचमी पर महाकुंभ में डुबकी लगाने की लालसा लिए पांच लाख श्रद्धालुओं को वाहन की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं को कुंभ ले जाने के लिए रोडवेज ने देवीपाटन मंडल में 200 रोडवेज बसें भेजी थी,जिनमें 80 बसें ही लौट पाईं हैं। जो बसें लौटी हैं,उनके चालक-परिचालक भीषण जाम को देखते हुए दुबारा जाने को तैयार नहीं है।

    रोडवेज परिसर में पसरा सन्नाटा। जागरण


    यही नहीं 120 बसें यात्रियों को ले जाने के बाद वही फंस गई हैं। जाम की सबसे अधिक दर्द सुल्तानपुर में है,जहां श्रद्धालु 24 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। कुछ रेंग रहे वाहनों का साथ छोड़ कर दूसरा वाहन तलाशने में भलाई समझी ताे कुछ दूसरा सहारा लेकर घर पहुंचे। मंडल से गई 120 रोडवेज बसें अभी तक मेला परिसर से लेकर रास्ते में फंसी हुई है। सरकारी बसों के साथ उससे दो गुणा अधिक निजी वाहन मेले से लेकर रास्ते में विभिन्न जगह फंसे हुए हैं।

    भीड़ के चलते महानगरों की बस सेवाओं में कटौती अयोध्या-प्रयागराज के लिए उमड़े रहे श्रद्धालुओं की आस्था ने महानगरों की रौनक मद्धिम कर दी है। कारण,अधिकांश यात्री दो ही स्थानों के हैं,जिससे अधिकांश बसें भी इन्हीं दोनों मार्ग पर जा रही हैं। यही नहीं दिल्ली की दस व कानपुर की 15 बसों को भी मेले में लगा दिया गया है। डुमरियागंज व बढ़नी की बसें भी कम हुई हैं।

    रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि 120 बसें मेला व जाम में फंसने के बाद अब चारों डिपो में केवल 40 बसें बची हैं। हर डिपो में दस-12 बसें होने के कारण महानगरों की सेवाओं में कटौती की गई है। जाम के ऐसे हालात रहे तो यात्रियों की मुश्किल बढ़ सकती हैं,फिलहाल बाहर से बसें मंगाई जा रही हैं। नहीं मिल रहा फोन तो स्वजन ले रहे इंटरनेट मीडिया का सहारा मेला व जाम से नहीं निकल पा रहे श्रद्धालुओं की सबसे अधिक चिंता उनके घर वालों को है,जो उनसे संपर्क तक नहीं कर पा रहे हैं।