Maha Kumbh 2025: एनईआर की 1719 ट्रेनों ने करा दी 31 लाख श्रद्धालुओं को महाकुंभ स्नान, डबल इंजन ने निभाई अहम भूमिका
महाकुंभ 2025 में 12 जनवरी से 11 फरवरी तक प्रयागराज के रामबाग और झूसी स्टेशन पर पूर्वोत्तर रेलवे की 1719 ट्रेनों ने लगभग 31 लाख श्रद्धालुओं को महाकुंभ स्नान कराया। इनमें से 816 ट्रेनें श्रद्धालुओं को लेकर रामबाग और झूसी स्टेशन पहुंचीं जबकि 903 ट्रेनें श्रद्धालुओं को वापस ले गईं। महाशिवरात्रि स्नान तक महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) के दौरान 12 जनवरी से 11 फरवरी तक प्रयागराज रामबाग और झूसी स्टेशन पहुंची पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) की 1719 ट्रेनों ने लगभग 31 लाख श्रद्धालुओं को महाकुंभ स्नान कर दिया है। झूसी में लगभग 23 लाख और प्रयागराज रामबाग में करीब आठ लाख श्रद्धालुओं ने आवागमन किया है।
इनमें 816 ट्रेनें श्रद्धालुओं को लेकर रामबाग और झूसी स्टेशन पहुंची हैं। इन स्टेशनों से श्रद्धालुओं को लेकर 903 ट्रेनें वापस हुई हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गोरखपुर समेत पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख स्टेशनों से प्रयागराज रामबाग और झूसी के बीच महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन जारी है। महाशिवरात्रि स्नान तक महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन चलता रहेगा।
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज ही नहीं गोरखपुर समेत पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के स्टेशनों और ट्रेनों में भी आस्था का ज्वार दिखा है। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और माघी पूर्णिमा स्नान के पूर्व तो स्टेशनों पर ही कुंभ लग गया। रेलवे प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा का सम्मान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है।
Maha Kumbh मेला में माघी पूर्णिमा स्नान पर्व अक्षय वट मार्ग पर सीता मणि के गगन देव पुरी रामधुन में रमें।-गिरीश श्रीवास्तव
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जानकारों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन से ही 12 जनवरी से 11 फरवरी तक प्रयागराज रामबाग और झूसी के लिए 149 ट्रेनें चलाई गईं। इन ट्रेनों से पहुंचे करीब दो लाख 17 हजार श्रद्धालुओं में महाकुंभ में डुबकी लगाई है। रेलवे प्रशासन ने 25 फरवरी तक गोरखपुर जंक्शन से महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों के संचालन की घोषणा कर दी है।
जानकारों का कहना है कि भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार हुआ कि पूर्वोत्तर रेलवे ने दो दिन (29 और 30 जनवरी) को महाकुंभ से श्रद्धालुओं को बुलाने के लिए अघोषित 71 स्पेशल ट्रेन चलाकर नया रिकार्ड बना दिया है। यह तो सिर्फ स्पेशल ट्रेनों के आकड़े हैं।
नियमित ट्रेनें तो पहले से चल रही थीं, लेकिन स्पेशल ट्रेनों को संचालित करने के लिए रेलवे प्रशासन को अलग से रेक तैयार करनी पड़ी। रेक बनाने में ही लगभग अतिरिक्त 6880 कोच की व्यवस्था करनी पड़ी। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना पर रेलवे प्रशासन ने पहले से ही प्रयागराज और बनारस के आसपास वाले छोटे स्टेशनों पर 56 खाली रेक खड़ी कर दी थी। इसके अलावा पूर्व रेलवे सहित दूसरे जोन से भी रेक और कोच की मांग की थी।
Maha Kumbh 2025 मेला में माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर सूर्य देवता को अर्ध्य देतीं श्रद्धालु महिलाएं।-गिरीश श्रीवास्तव
ट्रेनों को चलाने में डबल इंजन ने निभाई अहम भूमिका
श्रद्धालुओं को महाकुंभ से वापस लाने में ट्रेनों में लगे डबल इंजन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ट्रेनों के आगे और पीछे दोनों तरफ इंजन लगने से प्रयागराज रामबाग और झूसी जैसे छोटे स्टेशनों पर भी विशेष गाड़ियों को वापस संचालित करने में इंजन नहीं बदलना पड़ा।
इन स्टेशनों पर पहुंची ट्रेनें कम समय में ही श्रद्धालुओं को लेकर वापस हो जा रही है। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने लगभग हर 25 मिनट में एक स्पेशल ट्रेन चलाकर लाखों श्रद्धालुओं को प्रयागराज से बाहर निकालने में सफल रहा है।
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डबल लाइन ने बढ़ा दी बनारस-प्रयागराज तक ट्रेनों की रफ्तार
महाकुंभ में डबल रेल लाइन और गंगा नदी पर बने नए पुल ने बनारस से प्रयागराज के बीच ट्रेनों की रफ्तार बढ़ा दी। बनारस से प्रयागराज के बीच डबल लाइन के खुल जाने से ट्रेनों का परिचालन ठप नहीं हुआ। ट्रेनें लगातार चलती रहीं।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि वाराणसी मंडल के बनारस-माधोसिंह-प्रयागराज रेलमार्ग के दोहरीकरण तथा गंगा नदी पर बने पुल के चलते पर्याप्त संख्या में ट्रेनों का संचालन संभव हो पाया है।
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