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    Maha Kumbh 2025: मौनी से सबक लेकर आगे बढ़ा प्रशासन, तकनीक और मैनुअल से बेहतर बनाया यातायात

    Updated: Wed, 12 Feb 2025 06:07 PM (IST)

    Maha Kumbh 2025 के पांचवें मुख्य स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर संगम में डुबकी लगाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा सेवा और सुरक्षा का अनुभव हुआ। पुलिस ने तकनीक और मैनुअल व्यवस्था का बेहतर प्रबंधन किया जिससे भीड़ और यातायात का बेहतर प्रबंधन बना। अब तक 46.47 करोड़ लोग महाकुंभ में आ चुके हैं। यहां स्नान के बाद सकुशल अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।

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    माघी पूर्णिमा पर बुधवार को गंगा स्नान के लिए संगम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़। कासिम खान

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। (Maha Kumbh 2025) दिव्य और भव्य महाकुंभ के पांचवें मुख्य स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर संगम में डुबकी लगाकर देश-विदेश से आए श्रद्धालु अपने साथ पुण्य संग सुरक्षित व सुगम महाकुंभ की अनुभूति भी लेकर गए। दूसरे प्रदेशों और शहरों से सड़क मार्ग से आए लाखों श्रद्धालु सुविधा, सेवा के साथ संगम तक पहुंचे। यहां स्नान के बाद सकुशल अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।

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    राजमार्ग, शहर और मेला क्षेत्र में किसी तरह असहज स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। उन्हें प्रयागराज से काशी, विंध्याचल और अयोध्या जाने में भी कोई अचड़न नहीं आई। मौनी अमावस्या पर हुई चूक से सबक सीखने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद पुलिस अधिकारियों ने तकनीक और मैनुअल व्यवस्था का ‘संगम’ किया।

    माघी पूर्णिमा पर बुधवार को गंगा स्नान में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा करता हेलीकॉप्टर। -कासिम खान


    इससे भीड़ और यातायात का बेहतर प्रबंधन बनाया। लखनऊ के वार रूम से पूरी स्थिति पर नजर रखी गई और आवश्यक निर्देश देते गए। ढाई हजार से अधिक सीसीटीवी के माध्यम से भी भीड़ व यातायात का प्रबंधन किया गया, जिसके चलते साढ़े 46 करोड़ स्नानार्थी पुण्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं।

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    विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ को दिव्य, भव्य, डिजिटल के साथ ही सुरक्षित महाकुंभ बनाने की परिकल्पना की गई थी। उसे साकार करने के लिए मूर्त-अमूर्त रूप से कई तरह की योजना बनाते हुए क्रियान्वित किया गया था। मगर मौनी अमावस्या पर हुई एक गलती ने महाकुंभ की छवि पर असर डाल दिया।

    माघी पूर्णिमा पर बुधवार को गंगा स्नान के दौरान आरती करतीं श्रद्धालु। -कासिम खान


    इस घटना के बाद शासन से लेकर प्रशासन तक पूर्व में बनाई गई व्यवस्था की समीक्षा की। इसके बाद गलती से सीखते हुए नई योजना बनाई। संगम तट को तीन जोन में बांटकर पांच स्थानों पर अतिरिक्त बैरिकेडिंग की गई। पुलिस अधिकारियों की अतिरिक्त तैनाती भी की गई।

    इससे वसंत पंचमी का स्नान सकुशल संपन्न हुआ, लेकिन श्रद्धालुओं की लगातार उमड़ती से यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मध्य प्रदेश, मीरजापुर सहित अन्य राजमार्गों से आने वाले वाहन भीषण जाम में फंस गए। इससे स्नानार्थियों को काफी परेशानी हुई। तब मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों पर नाराजगी जताई।

    माघी पूर्णिमा पर बुधवार को संगम किनारे घोड़ाें पर तैनात पुलिसकर्मी। -कासिम खान


    इसके बाद डीजीपी, एडीजी जोन, आइजी रेंज, पुलिस कमिश्नर और मेला पुलिस के अधिकारियों ने नए सिरे से योजना बनाकर लागू किया। योजना के क्रियान्वयन में तकनीक के साथ ही मैनुअल काम करने पर जोर दिया गया। हाईवे से लेकर चौराहों तक सिविल पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई। मौनी अमावस्या वाली योजना लगाते हुए सभी पाकिंग स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करते संगम पर विशेष ध्यान दिया गया।

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    डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि मौनी अमावस्या के दिन एक गलती हुई थी। उससे सीख लेते हुए एक प्रबंधन तकनीक अपनाई, जिसका नतीजा है कि महाकुंभ में अब तक 46.47 करोड़ लोग आ चुके हैं। प्रयागराज के अलावा चित्रकूट, काशी विश्वनाथ मंदिर, विंध्याचल मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर भी विशेष ध्यान दिया। लखनऊ में वार रूम बनाया है। ढाई हजार से ज्यादा कैमरे एक्टिव हैं और उन सभी से लाइव फीड लिया जा रहा है। रेलवे मुख्य स्नान पर्व पर 400 से ज्यादा ट्रेने चला रहा है और प्रतिदिन 350 ट्रेन चल रही है।