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    जागरण फिल्म फेस्टिवल: गोरखपुर में शुरू हुआ सिनेमाई जश्न, समाज को सशक्त संदेश देने वाली फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

    Updated: Fri, 14 Feb 2025 09:03 PM (IST)

    जागरण फिल्म फेस्टिवल ने गोरखपुर में दस्तक दी है। इस तीन दिवसीय उत्सव में समाज को सशक्त संदेश देने वाली बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। सांसद और फिल्म अभिनेता रवि किशन ने फेस्टिवल का उद्घाटन किया और अपने फिल्मी जीवन के संघर्षों को साझा किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने भी फेस्टिवल में अपने फिल्मी शौक को साझा किया।

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    जागरण फिल्म फेस्टिवल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद रवि किशन व फिल्म देखने वाले दर्शक। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर के एडी माल में दैनिक जागरण की ओर से फिल्म फेस्टिवल के जरिये समाज को सशक्त संदेश देने वाली बेहतरीन फिल्मों के प्रदर्शन की शुरुआत हो गई है। फिल्मों के प्रदर्शन के साथ फिल्मी चर्चा का क्रम भी शुरू हो गया है।

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    शुक्रवार को सांसद व फिल्म अभिनेता रवि किशन ने बतौर मुख्य अतिथि तीन दिवसीय जागरण फिल्म फेस्टिवल की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने जागरण गोरखपुर के महाप्रबंधक प्रवीण कुमार, विज्ञापन प्रबंधक एलके झा के साथ मां सरस्वती का वंदन किया और संस्थान के पूर्णचंद गुप्त, नरेंद्र मोहन और योगेंद्र मोहन के चित्र पर माल्यार्पण कर उपस्थित जनसमूह का अभिनंदन किया।

    उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सांसद रवि किशन ने अपने फिल्मी जीवन का संघर्ष लोगों से साझा किया। जागरण फिल्म फेस्टिवल को लेकर अपने अनुभव की चर्चा करते हुए सांसद ने फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाले फिल्मों के नाम गिनाए और उन्हें देखने के लिए दर्शकों को प्रेरित किया।

    जागरण फिल्म फेस्टिवल में उपस्थित लोग। जागरण


    बतौर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. गौरव ग्रोवर ने फेस्टिवल के मंच से अपने फिल्मी शौक को साझा किया। इस क्रम में उन्होेंने फिल्म से जुड़े अपने अध्ययन काल के कुछ किस्से भी सुनाए। दर्शक मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि की बातों को सुनकर उत्साहित नजर आए।

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    दोनों अतिथियों के संबोधन बाद फिल्मों के प्रदर्शन का क्रम शुरू हुआ। बारी-बारी से हिंदी फीचर फिल्म कलाम स्टैंडर्ड 58, लघु फिल्म गुरु दत्त की कोई फिल्म व नमस्ते सर और भोजपुरी फिल्म जया प्रदर्शित की गई। दर्शक इन फिल्मों को देखने के लिए देर रात तक सिनेमा हाल में जमे रहे। उद्घाटन सत्र में एसपी सिटी अभिनव त्यागी की मौजूदगी महत्वपूर्ण रही।

    किताब पढ़कर नहीं सीखा जा सकता अभिनय : रवि किशन

    जागरण फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों से अपने विचार साझा करने के क्रम में सांसद रवि किशन ने अभिनय सीखने और पढ़ने की व्यवस्था को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अभिनय किसी किताब से पढ़कर नहीं सीखा जा सकता। जो किरदार को आत्मसात कर ले और उसे जी ले, वही सफल अभिनेता बन पाता है। इसे लेकर उन्होंने अपना उदाहरण दिया और बताया कि वह अपने किरदार को 1000 प्रतिशत तक जीते हैं, जिसके वजह से उसके साथ न्याय करते हुए दर्शकों के दिल मेंं स्थान बना पाते हैं।

    दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन सत्र में संबोधित करते अभिनेता व सांसद रविकिशन। जागरण


    सांसद ने सिनेमा को अपनी सांस व पहचान बताया। कहा कि ऐसा होने की वजह से ही वह फिल्मी दुुनिया में खुद को स्थापित कर पाए हैं। अपने काम की वजह से दुनिया भर में पहचाने गए हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा समाज का आईना है, इसीलिए लोग उसे जुड़ते हैं और उसके जीवन के लिए बहुत कुछ सीखते हैं।

    अपने फिल्मी करियर की चर्चा करते हुए सांसद ने कई सफल फिल्मों का नाम लिया और फिल्म लापता लेडी के आस्कर तक पहुंचने को अपनी बड़ी उपलब्धि बताया। बातचीत के क्रम में सांसद महाकुंभ की चर्चा करना नहीं भूले। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में 50 करोड़ लोगों ने स्नान किया। ऐसा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच, मेहनत और मागदर्शन से संभव हो पाया। जागरण फिल्म फेस्टिवल के मंच से उन्होंने आने वाले समय में अपनी फिल्म निर्माता बनने की योजना भी साझा की।

    जागरण फिल्म फेस्टिवल को लेकर अपना अनुभव साझा करते एसएसपी डा गौरव ग्रोवर। जागरण


    अवसाद दूर कर बेहतर प्रयास की प्रेरण देती हैं फिल्में : एसएसपी

    एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने कहा कि फिल्मों से उनका नाता बचपन से है। अपने छात्र जीवन का एक किस्सा सुनाते हुए डा. ग्रोवर ने कहा कि फिल्में अवसाद दूर करती हैं और जीवन में बेहतर प्रयास के लिए प्रेरित करती हैं। फिल्म निर्माण में होने वाली मेहनत की चर्चा करते हुए एसएसपी ने कहा कि फिल्में बंदिशों को तोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं। इस क्रम में उन्होंने भाग मिल्खा भाग और मेरी काम जेसी फिल्मों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हर फिल्म के कई आयाम होते हैं, इसलिए उसे उसी दृष्टि से देखने की आवश्यकता है।

    अभिनेता पारितोष त्रिपाठी से होगा संवाद

    जागरण फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर संवाद का कार्यक्रम होगा, जिसमें दर्शकों से संवाद के लिए मौजूद रहेंगे फिल्म अभिनेता पारितोष त्रिपाठी। उनके और दर्शकों के बीच की कड़ी बनेंगे फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रदीप सुविज्ञ। एक घंटे के इस कार्यक्रम में अभिनेता पारितोष फिल्मी जीवन से जुड़े अपने अनुभव साझा करेंगे।

    आज की फिल्में

    • सुबह 10:10 बजे : ए फ्रैंगिल फ्लावर
    • सुबह 11:55 बजे : ढाई आखर
    • दोपहर 2:40 बजे : सैम बहादुर
    • शाम 5:20 बजे : ईश्वर क्या छे
    • शाम 7:35 बजे : मांगता जोगी

    रात 9:20 बजे : 'ठाकर लोक कल्याण' व 'वाराणसी द सिटी आफ निर्माण' (डाक्यूमेंट्री) और लघु फिल्म 'छन्ना'

    संगीतमय फिल्म है 'एक फ्रैंगिल फ्लावर'

    फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन दिखाई जाने वाली पहली फिल्म ''''एक फ्रैंगिल फ्लावर'''' एक वियतनामी गायिका की कहानी है। गायिका अपने माता-पिता को खोने के बाद चचेरी बहन का मार्गदर्शन पाती है और अपने प्रदर्शन से एक मशहूर संगीत निर्देशक को मोहित कर लेती है, जिसका परिणाम यह होता है कि गीतों के जरिये वह संगीत जगत में छा जाती है। बाद मेें प्रेम संबंधों के चलते उसके जीवन प्रभावित होता है। उसके जीवन मेंं तनाव आ जाता है, जिससे वह लंबे संघर्ष के बाद मुक्त हो पाती है।

    जागरण फिल्म फेस्टिवल में पहुँचे दर्शक। जागरण


    एक महिला के संघर्ष की कहानी है 'ढाई आखर'

    फिल्म 'ढाई आखर' अमरीक सिंह दीप के उपन्यास 'तीर्थाटन के बाद' पर आधारित है, जिसमें एक ऐसी महिला की कहानी है, जो वर्षों तक अपमानजनक वैवाहिक जीवन जीवन जीने के बाद खुद को फिर से खड़ा करती है।

    जनरल मानेक शा के शौर्य दिखाएगी 'सैम बहादुर'

    'सैम बहादुर' फिल्म फील्ड मार्शल सैम मानेक शा के जीवन के इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म यह भी दिखाती है कि अपने शौर्य की बदाैलत मानेक शाह कैसे फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत होने वाले पहले भारतीय सेना अधिकारी बने।

    ईश्वर के अस्तित्व के प्रमाण देती फिल्म 'ईश्वर क्या छे'

    गुजराती फिल्म 'ईश्वर क्या छे' में ईश्वर का प्रमाण देने की कोशिश की गई है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह से कुछ लोग ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली एक केंद्रीय शक्ति में विश्वास नहीं करते हैं लेकिन जीवन के अनुभवों से उन्हें ईश्वर की शक्ति पर विश्वास करना पड़ता है।

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    परिवार के पोषण के लिए घसीटा बन जाता है 'मांगता जोगी'

    'मांगता जोगी' फिल्म में दिखाया गया है कि एक युवक कोलकाता से अपने गांव वापस लौटता है और पाता है कि परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। ऐसे में वह शहर जाने की सोचता है लेकिन इसी बीच उसका एक दोस्त जो भीख मांग कर अमीर हो जाता है, उसे भीख मांगने की राय देता है। परिवार को पालने के लिए युवक मित्र के दोस्त के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है।

    क्यूआर कोड से पंजीकरण प्रवेश निश्शुल्क

    जागरण फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए आप इस क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं। इसके जरिये अपना पंजीकरण करा सकेंगे। फिल्म फेस्टिवल में प्रवेश शुल्क निश्शुल्क है।

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