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    Maha Kumbh 2025 ने बढ़ा दी गोरखनाथ मेले की रौनक, एक माह बाद भी श्रद्धालुओं का रेला

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Fri, 14 Feb 2025 08:33 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh Mela 2025) के चलते गोरखनाथ मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। प्रयागराज से पवित्र स्नान करके श्रद्धालु गोरखनाथ बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मेले में दुकानदारों की भी चांदी है। इस बार मौसम ने भी अच्छा साथ दिया है। गोरखपुर और आसपास के लोग भी मेले में पहुंच रहे हैं।

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    खिचड़ी मेला का आनंद लेते लोग। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मकर संक्रांति पर्व पर शुरू होकर महाशिव रात्रि तक चलने वाले गोरखनाथ के खिचड़ी मेले की रौनक महाकुंभ (Maha Kumbh Mela 2025) ने बढ़ा दी है। कोई प्रयागराज से पवित्र स्नान करके गुरु गोरक्षनाथ बाबा का दर्शन करने पहुंच रहा है। तो कोई यहां से दर्शन पूजन करके प्रस्थान कर रहा है। मंदिर परिसर में लगे मेले में श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है। इससे दुकानदार काफी खुश हैं। उनका कहना है कि इस बार मौसम ने भी अच्छा साथ दिया। धूप खिलने से गोरखपुर और आसपास के लोग भी मेले में पहुंच रहे हैं।

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    सोनौली हाइवे पर धर्मशाला बाजार से आगे बढ़ने पर गोरखनाथ ओवरब्रिज के पास रेलवे सुरक्षा बल रिजर्व लाइंस के परिसर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की बसें खड़ी हो रही हैं। शुक्रवार की दोपहर एक बजे राजस्थान, बिहार और नेपाल से आए श्रद्धालुओं की एक दर्जन से अधिक बसें खड़ी मिली। उन बसों में सवार होकर आने वाले कुछ श्रद्धालु गोरखनाथ मंदिर दर्शन करने चले गए। तो कुछ वहां से लौटकर भोजन करने के बाद अगले पड़ाव की ओर रवाना होने की तैयारी में जुटे रहे।

    नेपाल राष्ट्र की बस के सामने खड़े गोरखनाथ बाबा के जयकारे लगा रहे चुल्हाई चौरसिया, सीताराम, हरखशाह, सूरज चौधरी ने बताया कि उन लोगों ने 90 यात्रियों संग नेपाल के गुजरा एक, परसवा, रोतहट से अपनी यात्रा की शुरूआत पांच दिनों पूर्व की। रक्सौल बार्डर होते हुए भारत में आए।

    खिचड़ी मेला का आनंद लेते लोग। जागरण


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    काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद प्रयागराज महाकुंभ में पवित्र स्नान करके शुक्रवार की सुबह आठ बजे गोरखपुर पहुंचे। बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद लेकर अब अयोध्या धाम जा रहे हैं। वहां से अपने गांव लौट जाएंगे। तभी चालक ने हार्न बजा दिया। लोग बिना समय गवाएं बसों में सवार होकर चले गए।

    परिसर के एक कोने में आम के पेड़ नीचे गैस चूल्हे पर बड़ा सा भगौना चढ़ाकर सब्जी पक रही थी। बगल में ही त्रिलोक राम चौधरी, राजू सिंह, निंबाराम 60 लोगों के खाने के लिए भोजन पकाने में व्यस्त थे। वहीं बिछी एक बड़ी कालीन पर एक तरफ महिलाएं और दूसरी ओर पुरुष आराम की मुद्रा में मिले।

    आसपास घूमते देखकर लेटे हुए प्रेमदास शास्त्री ने बताया कि वह लोग राजस्थान के जोधपुर, असिया तहसील से आए हैं। राजस्थान से चलकर पहले अयोध्या पहुंचे। प्रभु श्रीराम का दर्शन करने बाद यहां आए हैं। गोरक्षनाथ बाबा का दर्शन करेंगे। मेले में खरीदारी करेंगे। इसके बाद प्रयागराज चले जाएंगे। उनके साथ जमुना देवी, शांति, खंभा देवी, कमला इत्यादि महिलाएं भी हैं।

    खिचड़ी मेला का आनंद लेते लोग। जागरण


    सभी संगम में नहाने के पहले गोरखनाथ की पूजा करने का संकल्प लेकर घर से निकली हैं। बिहार के बरौली की रहने वाली सुमन देवी ने बताया कि वह पहली बार गोरखपुर आईं हैं। मेले में सस्ता और अच्छा सामान मिलने पर उन्होंने खूब खरीदारी की। उनके साथ गांव और आसपास के 50 लोग बस से पहले प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या से दर्शन पूजन करके लौटे हैं। यहां से बिहार चले जाएंगे।

    मेले में टेडी बियर की दुकान लगाने वाले बस्ती के रामकरन ने बताया कि इस साल मौसम ने अच्छा साथ दिया है। इसलिए सबकी दुकानदारी खूब चमक रही है। मेले में स्थानीय लोगों के ज्यादा बाहरी ग्राहक आ रहे हैं। इस वजह से व्यवसाय अच्छा हो रहा है। खजला, सजावट, क्राकरी सहित अन्य सामान बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि महाकुंभ में जाने वाले अधिकांश लोग यहां आ रहे हैं। अलग अलग प्रदेशों से आने वाले लोगों की संख्या अधिक है।

    हमारी धार्मिक यात्रा बिना गोरखनाथ बाबा के दर्शन किए नहीं पूरी होती। इसलिए हम लोग महाकुंभ प्रयागराज से नहाकर आए हैं। अयोध्या में दर्शन करके लौट जाएंगे। -रविंद्र नाथ मिश्रा, श्रद्धालु

    श्रद्धालु राज बछार ने कहा कि हम लोगों ने काफी सुना है कि नेपाल की राजा की खिचड़ी गोरखनाथ बाबा को चढ़ाई जाती है। यह परंपरा कई साल से चली आ रही है। महाकुंभ के बहाने अब जाकर हमको यहां आने का मौका मिला है।

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    बचपन से यहां आने की इच्छा थी। प्रयागराज महाकुंभ नहीं लगा होता तो यहां नहीं आ पाते। गांव के लोगों ने कहा कि प्रयागराज होते हुए गोरखनाथ भी जाएंगे। इसलिए मैं तैयार हो गई। -ममिता राम, श्रद्धालु

    श्रद्धालु प्रेमदास शास्त्री ने कहा कि हम लोगों ने राजस्थान से यात्रा प्रारंभ की है। अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम का दर्शन करके यहां पहुंचे हैं। यहां गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन करेंगे। इसके बाद काशी विश्वनाथ जाएंगे। फिर वहां से प्रयागराज जाएंगे। संगम में स्नान करके अपने गांव लौट जाएंगे।