UP News: जगद्गुरु शंकराचार्य ने PM मोदी और CM योगी की तारीफ की, बोले-हमें ऐसे नेता चाहिए जो देश और धर्म दोनों की भलाई के लिए कार्य करें
जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम ने धर्म और देश के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की जो धर्म और देश दोनों को समान भाव से देखते हैं। शंकराचार्य ने सनातन धर्म के मर्म को समझाते हुए कहा कि यह अनादि काल से आचरण में रहने वाला धर्म है और इसका कोई आरंभ या अंत नहीं है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम ने कहा कि हमारे लिए धर्म और देश दोनों दो आंखें होनी चाहिए, क्योंकि दोनों का उद्देश्य समाज, राष्ट्र और विश्व का कल्याण है। धर्म और देश, दोनों पर सामान चिंतन से ही श्रेया प्राप्त किया जा सकता है। हमें ऐसे नेता चाहिए जो देश और धर्म दोनों की भलाई के लिए कार्य करें और इसे अपना कर्तव्य समझे।
इस कसौटी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों ही धर्म और देश को समान भाव से देखते हैं। दोनों की श्रद्धा धर्म और देश के प्रति देखते ही बनती है। विजय यात्रा लेकर गोरखपुर पधारे शंकराचार्य गोरखनाथ मंदिर में वेदपाठी विद्यार्थियों को शंकर वचन दे रहे थे।
शंकराचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की भलाई के लिए लगातार प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने महाकुंभ में इतनी बड़ी व्यवस्था की है जिसकी प्रशंसा देश और विदेश के लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इसलिए यह नहीं कह रहे कि उन्हें महाकुंभ में अच्छी सुविधा प्राप्त हुई, बल्कि जो भी भक्त या श्रद्धालु उनसे मिलने आए सबका यही अभिमत रहा है।
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जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनमें कुछ प्रतिभा तो है लेकिन जब उनकी प्रशंसा अधिक हो जाती है तो उन्हें लगने लगता है कि वह जो भी कहेंगे तो लोग उसे सुनते रहेंगे। ऐसे लोग उन विषयों पर भी कुछ न कुछ बकवास करने लगते हैं, जिनका उनसे कोई संबंध नहीं है। ऐसे लोगों के बकवास से सावधान रहना चाहिए।
गोरखनाथ मंदिर में जगतगुरु शंकराचार्य की विजय यात्रा के दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते शंकराचार्य श्रीश्री विधुशेखर भारती सन्निधानम । साथ में मंचासीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण
अनादि काल से आचरण में रहने वाला धर्म है सनातन
सनातन धर्म के मर्म को समझाते हुए जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म अनादि काल से आचरण में रहने वाला धर्म है। इसका आरंभ नहीं है और अंत भी नहीं है। कुछ लोग कहते हैं कि इसका अंत हो सकता है पर इस पर जवाब देने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में इसे स्पष्ट कर दिया है कि जब-जब धर्म पर संकट आएगा तब तब ईश्वर अवतार लेकर इसकी रक्षा करेंगे।
शंकराचार्य ने कहा कि कई लोग यह प्रश्न करते हैं कि आधुनिक समय में धर्म की क्या आवश्यकता है? उन्होंने कहा कि दुनिया में आधुनिकता बढ़ी है, इस पर संदेह नहीं। सुविधाओं के होने के बावजूद व्यक्ति की सुख प्राप्त करने की इच्छा पूरी नहीं हो पा रही है, इसका कारण है कि लोग धर्म का आचरण नहीं कर पा रहे। सुख प्राप्त करने के लिए धर्म का आचरण करना होगा और दुख दूर करने के लिए धर्म का मार्ग छोड़ना पड़ेगा।
धर्म से प्राप्त संस्कार ही बनाते हैं सक्षम
उन्होंने कहा कि धर्म से प्राप्त संस्कार ही हमें हर कार्य करने में सक्षम और लौकिक तथा आध्यात्मिक सुख प्राप्त करने के योग्य बनाते हैं। शंकराचार्य ने सीख दी कि जिस प्रकार हम बच्चों के बाल्यकाल से लेकर उनके युवा अवस्था तक तमाम कार्यों की गणना करते हैं, उसी प्रकार उनके धर्म सम्मत आचरण और आध्यात्मिक ज्ञान को लेकर भी कार्ययोजना बनाकर उसे पूरा करें।
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शंकर वचन से पूर्व शंकराचार्य ने श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के वेदपाठी छात्रों और अध्यापकों को आशीर्वाद प्रसाद स्वरूप श्री आद्य शंकराचार्य की जीवन कथा व उपदेश की पुस्तिका, उनका प्रतीक विग्रह व वैदिक अंगवस्त्र भेंट किया। कार्यक्रम की समाप्ति पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अंग वस्त्र और शृंगेरी पीठ से लाई गई स्मृतिका (मां शारदा और आदि शंकराचार्य जी की प्रतिमा) व कलश भेंट किया।
गोरखनाथ मंदिर में जगतगुरु शंकराचार्य श्रीश्री विधुशेखर भारती सन्निधानम की विजय यात्रा के दौरान आयोजित कार्यक्रम में शंकराचार्य को अंगवस्त्र अर्पित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी सैनी, विधायक राजेश त्रिपाठी, महेंद्र पाल सिंह, प्रदीप शुक्ला, डा. विमलेश पासवान सहित कई जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद आदि।
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