आयुष विश्वविद्यालय की फार्मेसी में बनने लगा हिंग्वाष्टक चूर्ण, बढ़ाया जाएगा उत्पादन
गोरखपुर के आयुष विश्वविद्यालय की फार्मेसी में हिंग्वाष्टक चूर्ण का उत्पादन शुरू हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहा है, ज ...और पढ़ें

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय। जागरण
संवाद सूत्र, भटहट। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की फार्मेसी में अब हिंग्वाष्टक चूर्ण का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है। कुलपति डा के रामचंद्र रेड्डी ने फार्मेसी का निरीक्षण करके उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया है।
पाचन संबंधी रोगों में उपयोगी हिंग्वाष्टक चूर्ण की पहली खेप औषधि भंडार कक्ष को जल्द ही उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हिंग्वाष्टक चूर्ण एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है, जो पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने के साथ गैस, पेट फूलना और उदर पीड़ा जैसी समस्याओं में लाभकारी है।
हिंग्वाष्टक चूर्ण के निर्माण में हींग, सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली, काला एवं सफेद जीरा, अजवायन, सेंधा नमक और अजमोदा आदि औषधीय द्रव्यों का प्रयोग किया जा रहा है। अब तक यह चूर्ण निजी कंपनियों से क्रय कर ओपीडी में चिकित्सकों की पर्ची पर रोगियों को निःशुल्क वितरित की जाती थी।
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विश्वविद्यालय की फार्मेसी में निर्माण शुरू होने से शुद्धता की पूर्ण गारंटी के साथ कम लागत में अधिक मात्रा में औषधि उपलब्ध हो सकेगी। फार्मेसी में स्वचालित मशीनों से औषधियों की आकर्षक पाउच पैकिंग भी की जा रही है। औषधि निर्माण कार्य में गोपाल यादव, लीलावती, मनीष कुमार और राजेंद्र कुमार सहित अन्य कर्मचारी जुटे हुए हैं।

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