गोरखपुर चिड़ियाघर में लाए जाएंगे चिंपांजी समेत अन्य वन्यजीव और विदेशी पक्षी, बजट पास
लखनऊ में एक समिति की बैठक में गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए 4.24 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। इस बजट से नए बाड़े बनेंगे और गुजरात से वन्यजीव लाए जाएंगे। चिड़ियाघर को और आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें वन्यजीवों की संख्या बढ़ाना भी शामिल है। चिड़ियाघर प्रशासन का लक्ष्य है कि चिड़ियाघर विकास कार्यों को गति मिले।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में जल्द ही वन्यजीवों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। गुजरात से विशेष वन्यजीवों लाए जाएंगे। इसके साथ ही चिंपांजी, हुक्कू बंदर, लायन टेल्ड मकाक, आकर्षक सरीसृपों के साथ विदेशी प्रजातियों के पक्षी जैसे फ्लेमिंगो और मकाऊ को भी चिड़ियाघर लाया जाएगा। वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने के मद्देनजर नए बाड़ों के निर्माण हेतु अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की जाएगी।
इस संबंध में मंगलवार को लखनऊ स्थित बापू भवन में प्राणी उद्यान समिति की छठवीं बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण अनिल कुमार ने की। बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए चिड़ियाघर के विकास कार्यों हेतु 4.24 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया।
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दर्शकों की घटती संख्या को देखते हुए चिड़ियाघर को अधिक आकर्षक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार की ओर से नामित सदस्य अरविंद विक्रम चौधरी ने सुझाव दिया कि दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए अधिक आकर्षक वन्यजीव लाए जाएं। साथ ही, उन्होंने चिड़ियाघर कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी की आवश्यकता जताई, जिस पर समिति ने सहमति देते हुए विस्तृत आख्या मांगी है।
बैठक में यह भी बताया गया कि शासन द्वारा चिड़ियाघर के लिए 100 करोड़ रुपये का कार्पस फंड स्वीकृत किया गया था, लेकिन अभी तक केवल 25 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं। शेष 75 करोड़ में से 50 करोड़ वन निगम से शीघ्र दिलाए जाने के लिए प्रबंध निदेशक वन निगम एके सिंह को निर्देशित किया गया।
गैंडों और दुर्लभ सर्पों के लिए होगी अतिरिक्त व्यवस्था
प्रमुख वन संरक्षक अनुराधा वेमुरी के निर्देशन में गैंडों के लिए विशेष प्रजनन व्यवस्था और एक और मादा हाथी लाने का निर्णय लिया गया। अरविंद विक्रम चौधरी ने जलपक्षियों के लिए वाक इन एवरी और दुर्लभ सर्पों के लिए सांप घर में नए सेल बनाने का प्रस्ताव रखा।
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बाल रेल संचालन व रेस्क्यू वन्यजीवों की देखभाल हेतु धन की स्वीकृति मिली। वृहद मछलीघर की डीपीआर एक सप्ताह में तैयार करने के निर्देश दिए गए। बैठक में वन निगम, प्राणी उद्यान व विशेषज्ञ संस्थानों के अधिकारी शामिल रहे।
बर्ड फ्लू रोकने में सफल रहा चिड़ियाघर
बर्ड फ्लू जैसी गंभीर महामारी को नियंत्रित करने में गोरखपुर चिड़ियाघर देश में मिसाल बना। भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के डा. पराग निगम और आइवीआरआइ बरेली के डा. एम. पावडे ने प्रबंधन व चिकित्सकों की सराहना करते हुए कहा कि पहली बार बर्ड फ्लू से ग्रसित वन्यजीवों को सफलतापूर्वक बचाया। कैफेटेरिया, 7डी थिएटर और पार्किंग के बेहतर संचालन के लिए पर्यटन विभाग से समन्वय स्थापित करने का भी बैठक में निर्णय लिया गया।
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