Gorakhpur Weather Update: गोरखपुर में पछुआ हवाओं ने रोका गर्मी का प्रवाह, ठंड ने फिर से जमाया पांव
Gorakhpur Weather Update गोरखपुर में पछुआ हवाओं ने गर्मी के प्रवाह को रोक दिया है और शहर का तापमान एक बार फिर गिर गया है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक गिरने से रात और सुबह की ठंड बढ़ गई है। कोहरे का प्रभाव भी बढ़ा है। मौसम विभाग ने रविवार को कोहरे के साथ तापमान में बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। ठंड जाते-जाते गर्मी को परेशान कर रही। पछुआ हवा के जरिये गर्मी का प्रवाह रोक रही। हवा की तेज रफ्तार से शहर का तापमान एक बार फिर गिरा है। फिर से सामान्य के नीचे पहुंचा है। न्यूनतम तापमान के 10 डिग्री नीचे आ जाने से रात व सुबह की ठंड बढ़ी है। दिन में धूप के चलते ठंड कम प्रभावी हो सकी है।
वातावरण की बढ़ी नमी से कोहरे का प्रभाव बढ़ा है। शनिवार की सुबह शहर बड़े मुश्किल से कोहरे से उबरा है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार की सुबह भी कोहरे के साथ होगी लेकिन तापमान में बढ़ाेतरी दर्ज की जाएगी। अधिकतम तापमान भी बढ़ेगा। दिन में मौसम का पारा चढ़ेगा।
आंकड़ों पर गौर करें तो शनिवार को अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 1.7 डिग्री कम था। न्यूनतम तापमान में सामान्य से 2.8 डिग्री सेल्सियस और बीते दिन के मुकाबले तीन डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। शनिवार का न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।
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गोरखपुर में बढ़ा तापमान लेकिन ठंड भी करा रही एहसास। जागरण
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कोहरे की वजह बढ़ी आर्द्रता रही, जो बीते दिन के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक रिकार्ड हुई। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन में अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड किया जाएगा। तापमान का यह आंकड़ा शहर की गर्मी बढ़ाएगा। पछुआ हवा की रफ्तार कम होना इसकी वजह होगी। यह 20 किलोमीटर प्रतिघंटे से 10 किलोमीटर प्रति घंटे तक सिमट कर रह जाएगी।
उच्चीकृत होंगी सीएचसी की सुविधाएं, रोगियों को राहत
सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को उच्चीकृत करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। दो सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी गई है। सभी में यह सुविधा शुरू की जाएगी। साथ ही 21 सीएचसी एक्सरे से सुसज्जित हो गई हैं, इनमें से 14 में डिजिटल एक्सरे मशीनें लग गई हैं।

डा. आशुतोष कुमार दूबे, सीएमओ। जागरण
इससे जिला अस्पताल पर रोेगियों का भार कम होगा। वे अपने घर के आसपास जांच करा सकेंगे। इससे उनका समय व रुपये दोनों खर्च होने बच जाएंगे। जिन सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है, वहां केवल गर्भवती को अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने निजी रेडियोलाजी सेंटरों से अनुबंध किया है।
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गर्भवती को सीएचसी से ई-बाउचर दिया जाता है, उसी पर वे अनुबंधित निजी केंद्रों पर जाकर अल्ट्रासाउंड करा लेती हैं। लेकिन अन्य रोगियों के सामने संकट खड़ा हो जाता है। डाक्टर उन्हें अल्ट्रासाउंड के लिए जिला अस्पताल रेफर करते हैं।
जिला अस्पताल में भीड़ ज्यादा हो जाती है, इसलिए तीसरे-चौथे दिन नंबर आता है। अब इस समस्या से रोगी बच जाएंगे, साथ ही जिला अस्पताल पर भार भी कम हो जाएगा।

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