गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब मान्यता प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, रिश्वतखोरी पर लगेगी लगाम
गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का फैसला किया है। रिश्वतखोरी की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है। अब मान्यता सीट वृद्धि जैसे सभी काम ऑनलाइन होंगे जिससे पारदर्शिता आएगी और कॉलेजों को अनावश्यक परेशानी नहीं होगी। फाइलों को बेवजह रोकने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय ने संबद्धता विभाग को चेकलिस्ट बनाने का भी निर्देश दिया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। संबद्धता विभाग के कार्यालय अधीक्षक द्वारा रिश्वत लेने का प्रकरण सामने आने के बाद दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कालेजों की मान्यता व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है।
पूरी व्यवस्था को आनलाइन करने का निर्देश जारी किया है। कालेजों की मान्यता, सीट वृद्धि व कक्षा संचालन सहित सभी कार्य आनलाइन होंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय के कालेज पोर्टल पर ई-फाइल चलेगी।
फाइल का त्वरित संचालन प्रभावित होने पर संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी। कर्मचारियों द्वारा फाइल रोके जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन की विशेष नजर रहेगी। यानी अब कर्मचारी किसी भी कालेज की फाइल अपने स्तर पर नहीं रोक सकेंगे। कालेज प्रबंधन को परेशान नहीं कर सकेंगे।
रिश्वत प्रकरण के बाद संबद्धता कार्यालय की गतिविधियों की जांच के लिए गठित कमेटी ने पाया है कि कई फाइलों को जानबूझ कर रोका जाता रहा है। उसके लिए कालेजों के प्रबंधकों को परेशान किया जाता रहा है। डिस्पैच की व्यवस्था होने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन के साथ कागजों का आदान-प्रदान हाथ से किया जाता था।
विश्वविद्यालय ने इसे लेकर सख्ती बरतनी शुरू की है कि कालेजों को सभी कागजात डिस्पैच के माध्यम से भेजे जाएं। कागजात किसी के हाथ में हरगिज न दिए जाएं। साथ ही उन्हें विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मौजूद कालेज पोर्टल पर भी अपलोड किया जाए, जिससे कॉलेज प्रबंधन को किसी कार्य के लिए संबद्धता या किसी अन्य कार्यालय की दौड़ न लगानी पड़े।
कागजों की औपचारिकता पूरी करने के लिए परेशान न होना पड़े। उसे अपने लिए की जा रही कार्यवाही की जानकारी पाेर्टल के माध्यम से से मिल जाए।
चेकलिस्ट के जरिये कार्यप्रणाली स्पष्ट करने की कोशिश
विश्वविद्यालय ने कालेजों की मान्यता, कक्षा संचालन, सीट वृद्धि जैसे कार्याें के लिए संबद्धता विभाग को एक चेकलिस्ट तैयार करने को कहा है। चेकलिस्ट के दायरे में आने वाली औपचारिकता पूरी होने के बाद किसी भी हाल में फाइल को न रोकने का निर्देश दिया है।
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चेकलिस्ट कॉलेजों को उपलब्ध कराने और पोर्टल पर अपलोड करने को भी कहा है, जिससे कालेज प्रबंधन को सभी फाइलों की औपचारिकताओं की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके।
जांच कमेटी ने पाया है कि सारी समस्या फाइलों के रोके जाने और व्यवस्था के पारदर्शी न होने के चलते आती है। इसके लिए कालेज प्रबंधन को परेशान होना पड़ता है। उन्हेंं बार-बार विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का चक्कर लगाना पड़ता है। अब इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा रहा है। पूरी व्यवस्था को आनलाइन मोड में लाया जा रहा है। मान्यता से लेकर सीट वृद्धि तक की कार्यवाही पोर्टल के जरिये सुनिश्चित की जाएगी। किसी को फाइल को रोककर रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसकी सख्त निगरानी की जाएगी। फाइल रोकने के दोषी कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, एमएमयूटी
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