गोरखपुर MMUT को मिला TCS का एक्रिडेशन, आसान होगा प्लेसमेंट
गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को टीसीएस ने प्राथमिकता संस्थान का दर्जा दिया। अब टीसीएस की टीम कैंपस प्लेसमेंट के लिए विश्वविद्यालय आएगी जिससे छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे। तीन साल तक टीसीएस विश्वविद्यालय के प्रदर्शन की निगरानी करेगा। कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कहा कि इससे छात्रों को अधिक सैलरी पैकेज पर नौकरी पाना आसान होगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। प्रतिष्ठित कंपनी टीसीएस (टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज) ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को अपनी उस सूची में शामिल कर लिया है, जिसमें शामिल शिक्षण संस्थानों के परिसर में कैंपस प्लसेमेंट के लिए कंपनी की टीम जाती है। विश्वविद्यालय ने टीसीएस में एक्रिडेशन के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने उसके लिए एक्रिडेशन जारी कर दिया है।
विश्वविद्यालय को ‘टीसीएस प्राथमिकता संस्थान’ का प्रतिष्ठित दर्जा प्रदान किया गया है। यह दर्जा वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से प्रभावी होगा। यह दर्जा मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय के अधिक से अधिक विद्याथियों का कैंपस चयन होगा।
उन्हेंं बेहतर सैलरी पैकेज मिलेगा। टीसीएस के एकेडमिक एलायंस ग्रुप के हेड डा. केएम सुशींद्रन ने ई-मेल के माध्यम से एक्रिडेशन की जानकारी विश्वविद्यालय को दी है।
टीसीएस प्राथमिकता संस्थान के रूप में मान्यता मिलने के बाद अब टीसीएस कंपनी अगले तीन वर्ष तक विभिन्न मापदंडों पर विश्वविद्यालय के प्रदर्शन की निगरानी भी करेगी। ऐसा इसलिए कि विश्वविद्यालय को मिला एक्रिडेशन तीन वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा।
प्रत्येक वर्ष टीसीएस निर्धारित मानदंडों एवं प्रक्रिया पर इस एक्रिडेशन की समीक्षा करेगी। ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के अध्यक्ष प्रो. वीके द्विवेदी ने कहा कि यह सफलता विश्वविद्यालय के छात्रों, संकाय सदस्यों और प्रबंधन के समर्पण का परिणाम है।
इससे बड़ा लाभ यह होगा कि टीसीएस के ज्यादा पैकेज वाले पदों की चयन प्रक्रिया में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शामिल हो पाएंगे। इससे छात्रों के औसत सैलरी पैकेज में भी वृद्धि होगी। टीसीएस की प्रतिस्पर्धा में कई और बड़ी कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आएंगी।
जुलाई में टीसीएस की टीम ने किया था दौरा
इसी साल जुलाई में में टीसीएस की टीम ने विश्वविद्यालय का दौरा किया था। दौरे में टीसीएस की टीम ने विश्वविद्यालय के भौतिक संसाधनों, शिक्षण प्रशिक्षण की स्थिति, शोध की स्थिति, प्लेसमेंट की स्थिति आदि की जानकारी हासिल की थी। इसके साथ ही टीम के सदस्यों ने शिक्षकों, विद्यार्थियों और अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी गुणवत्ता परखी थी और उन्हें अपने मानक पर खरा पाया था।
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एक्रिडेशन बाद मिलने वाला फायदा एक नजर में
- नौकरी आफर और नियुक्ति अनुपात में बढ़ोत्तरी होगी।
- पोस्ट आफर एंगेजमेंट कार्यक्रमों में छात्रों की भागीदारी बढ़ेगी।
- कोडविटा, हैकक्वेस्ट जैसे टीसीएस प्रतियोगिताओं में छात्र हिस्सा ले सकेंगे।
- एकेडमिक एलायंस एंगेजमेंट कार्यक्रमों में छात्रों की सहभागिता बढ़ेगी।
- एनआइआरएफ रैंकिंग बेहतर होगी, जिसका अप्रत्यक्ष लाभ छात्रों को मिलेगा
टीसीएस का एक्रिडेशन प्राप्त होना बड़ी बात है। यह संस्थान की गुणवत्ता व प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसका सीधा लाभ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा। उनके लिए टीसीएस में अधिक सैलरी पैकेज पर नौकरी पाना आसान हो जाएगा। अब तक वह विद्यार्थियोंं के लिए टीसीएस में नौकरी पाने का माध्यम केवल आनलाइन था। अब टीसीएस टीम कैंपस सेलेक्शन के लिए परिसर में आएगी। ऐसे में छात्रों को प्रत्यक्ष से अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। उनका सैलरी पैकेज बढ़ जाएगा।
-प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी
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