अब गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों का भी मार्गदर्शन करेगा शोध चक्र पोर्टल, एक मंच पर मिलेगा सभी रिकॉर्ड
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शोध कार्यों को पारदर्शी बनाने के लिए शोध चक्र पोर्टल शुरू किया है। इस पर शोधकर्ताओं और उनके गाइड का डेटा उपलब्ध होगा। इससे शोध कार्यों का डिजिटलीकरण होगा और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन को शोध की प्रगति की जानकारी आसानी से मिल सकेगी जिससे विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार होगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शोधकार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। विश्वविद्यालय अब अपने सभी शोधार्थियों और मार्गदर्शकों का विस्तृत डाटा ‘शोध चक्र’ पोर्टल पर उपलब्ध कराएगा।
इस कदम से न केवल विश्वविद्यालय के शोध कार्यों का डिजिटलीकरण होगा बल्कि शोधार्थियों और मार्गदर्शकों की उपलब्धियां राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित हो सकेंगी। शोधार्थियों को शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उचित मार्गदर्शन भी मिलेगा।
इस पहल से शोधार्थियों को अपनी शोध प्रगति, प्रकाशनों और थीसिस का डिजिटल रिकार्ड एक ही मंच पर मिलेगा। वहीं मार्गदर्शकों और संकाय सदस्यों को अपने विभाग और शोधार्थियों की गतिविधियों पर नजर रखने और गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन देने में आसानी होगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन को भी एकीकृत शोध डाटाबेस से विभागवार शोध प्रगति की सटीक व विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि इसके लिए प्रत्येक विभाग में एक समन्वयक नियुक्त किया जाएगा, जो शोधार्थियों और मार्गदर्शकों की जानकारी दर्ज करने और समय-समय पर अद्यतन करने की जिम्मेदारी निभाएगा।
केंद्रीय पुस्तकालय विश्वविद्यालय की इस उपयोगी और महत्वपूर्ण परियोजना का नोडल केंद्र होगा। परियोजना के संचालन में आने वाली किसी भी अड़चन को तत्काल दूर करने का प्रयास करेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि उसकी यह पहल से विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी। नैक मूल्यांकन में शोध को लेकर डाटा प्रस्तुति आसानी होगी। इससे सतत विकास लक्ष्यों से जुड़े शोधों को भी वैश्विक पहचान मिल सकेगी।
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क्या है शोध चक्र पोर्टल
शोध चक्र’ पोर्टल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मार्गदर्शन में इन्फार्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क केंद्र द्वारा शुरू किया गया है। एक डिजिटल प्लेटफार्म है। इसका उद्देश्य देश में हो रहे शोध कार्यों के पंजीकरण से लेकर शोध प्रगति, प्रकाशन और थीसिस तक की प्रगति को एकीकृत मंच प्रदान करना है। शोधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शोध करने के लिए मार्गदर्शन देना है।
शोध चक्र पोर्टल पर शोधार्थियों और मार्गदर्शकों का डाटा उपलब्ध होने से विश्वविद्यालय की शोध गुणवत्ता को नई ऊंचाई मिलेगी। विश्वविद्यालय की यह पहल शोधार्थियों, संकाय सदस्यों और विश्वविद्यालय प्रशासन सभी के लिए लाभकारी होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि निश्चित रूप से शोध चक्र पोर्टल शोध को लेकर हमारी वैश्विक उपस्थिति को और सशक्त बनाएगा। विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता वाल शोध होना संभव हो सकेगा।
-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय
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