गोरखपुर विश्वविद्यालय में विषय विशेषज्ञों को मिलेंगे 40 हजार रुपये मानदेय, विकास समिति के प्रस्तावों को मंजूरी
गोरखपुर विश्वविद्यालय में विषय विशेषज्ञों को अब 40 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विशेषज्ञों को प्रोत्साहित करने के लिए यह निर्णय ...और पढ़ें

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्ववित्तपोषित विषयों के संविदा शिक्षकों को तीन से छह प्रतिशत तक की वेतन वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा कृषि, इंजीनियरिंग, फार्मेसी एवं होटल मैनेजमेंट के विषय विशेषज्ञों का मानेदय बढ़ाकर अधिकतम 40 हजार रुपये कर दिया गया है। विश्वविद्यालय की वित्त समिति की बैठक में इन पर मुहर लगी।
कुलपति प्रो.पूनम टंडन की अध्यक्षता में बुधवार को वित्त समिति की आयोजित बैठक में लिए गए कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में असिस्टेंट प्रोफेसर (संविदा) के वेतन में तीन प्रतिशत वृद्धि का भी फैसला किया गया, जो एक जुलाई 2026 से प्रभावी होगा। जिन शिक्षकों की सेवा अवधि तीन वर्ष से अधिक हो चुकी है, उन्हें छह प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इसके अलावा कृषि, इंजीनियरिंग, फार्मेसी एवं होटल मैनेजमेंट के विषय विशेषज्ञों का मानदेय अधिकतम 40 हजार या प्रति व्याख्यान 750 रुपये कर दिया गया है। अब तक इन्हें 600 रुपये प्रति व्याख्यान (अधिकतम 31 हजार प्रति माह) दिया जाता है।
संविदा शिक्षकों के 32 नए पद सृजित होंगे
समिति ने सहायक आचार्य (संविदा) के 28 नए पदों और सहयुक्त आचार्य (संविदा) के चार नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही सृजित सहायक आचार्य (संविदा) की कुल संख्या 175, सहयुक्त आचार्य (संविदा) की संख्या 21 एवं आचार्य पब्लिक निदेशक की संख्या तीन हो गई है। इसके अलावा जूनियर इंजीनियर (सिविल एवं इलेक्ट्रिकल) के चार पदों व एक पद प्लेसमेंट आफिसर को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दी है।
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कई पाठ्यक्रमों की शुल्क संरचना भी तय
बैठक में एमफार्म एवं एमटेक पाठ्यक्रमों की शुल्क संरचना तय की गई। इसके अलावा स्ववित्तपोषित पीएचडी प्रैक्टिकल एवं नान-प्रैक्टिकल विषयों की शुल्क संरचना के संबंध में भी अहम निर्णय लिए गए। विकास समिति की बैठक में करीब नौ करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी, जिन्हें अनुमोदन मिल गया।
इन निर्णयों से न केवल शैक्षणिक ढांचे को मजबूती मिलेगी बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं छात्र-हित में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।
-प्रो.पूनम टंडन, कुलपति, गोवि

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