No Helmet No Fuel: यूपी में सड़क हादसों पर लगेगा ब्रेक, हर दोपहिया वाहन चालकों को इस नियम का करना होगा पालन
गोरखपुर शहर की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए यातायात पुलिस एक अनोखी पहल करने जा रही है। नो हेलमेट नो फ्यूल नीति के तहत बिना हेलमेट पहने पेट्रोल पंप पर आने वाले दोपहिया वाहन चालकों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य लोगों को हेलमेट पहनने के लिए प्रोत्साहित करना और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
जागरण संवाददाता,गोरखपुर। शहर की सड़कों पर हर दिन हजारों दोपहिया वाहन फर्राटा भरते हैं। लोग जल्दबाजी में दफ्तर, बाजार या किसी जरूरी काम पर निकलते हैं। लेकिन अक्सर लोग हेलमेट पहनने की जहमत नहीं उठाते।इसी लापरवाही को रोकने और सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए यातायात पुलिस ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ नीति को शहर में लागू करने जा रहा है।
पुलिस व प्रशासन का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और घायलों की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करना है। ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ नीति इस दिशा में एक बड़ा कदम है।इस नीति के तहत, पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के आने वाले किसी भी दोपहिया वाहन चालक को ईंधन नहीं दिया जाएगा।
यह नियम सख्ती से लागू किया जाएगा। पेट्रोल पंप मालिकों के साथ बैठक करके इसे सुनिश्चित किया जाएगा कि नियम का पालन हर हालत में हो। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी नीति का प्रयोग किया जा रहा है। 2019 में, नोएडा में इसे लागू किया गया था।
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इसका असर इतना सकारात्मक रहा कि दुर्घटनाओं में कमी आई और हेलमेट पहनने वालों की संख्या में इजाफा हुआ। गोरखपुर में भी प्रशासन इसी सफलता को दोहराने की कोशिश कर रहा है।
क्या है रणनीति
- सभी पेट्रोल पंपों पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि नियम का उल्लंघन करने वालों की पहचान हो सके।
- स्कूल, कालेज और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर युवाओं को इस नीति के महत्व को समझाया जाएगा।
- सामाजिक संगठन व स्थानीय लोगों को इस अभियान का हिस्सा बनाया जाएगा ताकि यह एक जन-आंदोलन बन सके।
- दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण कर ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की जाएगी और वहां सड़क सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे।
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अनिवार्य है हेलमेट पहनना
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 और उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य है। चार वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए भी यह नियम लागू होता है। हालांकि, सिख धर्म के अनुयायियों को पगड़ी पहनने के कारण इस नियम से छूट दी गई है।
यातायात एसपी संजय कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले अधिकांश लोग हेलमेट नहीं पहनते। उनकी जान बचाई जा सकती थी, अगर वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते। ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ नीति का असली उद्देश्य यही है,आपको और आपके अपनों को सुरक्षित रखना।इसी उद्ेश्य के तहत शहर में यह व्यवस्था लागू कराने की तैयारी है।दो दिन के भीतर पेट्रोल पंप मालिकों के साथ ही सामाजिक संगठन के लोगों के साथ इसको बैठक की जाएगी।
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