Blackout Safety Drill: अचानक बजा सायरन तो कक्षाओं से निकलकर मैदान में लेट गए विद्यार्थी, देखने वालों में मचा हड़कंप
Gorakhpur civil defense training उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के एमएसआई इंटर कॉलेज में छात्रों को ब्लैकआउट और हवाई हमले से बचाव का प्रशिक्षण दिया गया। नागरिक सुरक्षा कोर ने युद्ध जैसी आपात स्थिति में सुरक्षा के उपाय बताए। छात्रों को सायरन बजने पर प्रतिक्रिया करने हमले से बचने और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी गई। उपनियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Blackout Safety Drill: सुबह के 10:40 बजे हैं। एमएसआइ इंटर कॉलेज की सभी कक्षाओं में उपस्थित विद्यार्थी शिक्षण कार्य में व्यस्त हैं। तभी अचानक सायरन की आवाज सुनाई पड़ती है। युद्धक विमान से हमले की चेतावनी भांपकर सभी विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी मैदान में पहुंच जाते हैं।
मुंह में दांतों के बीच रुमाल दबाए, कानों को अंगुलियों से मूंदकर कोहनी के बल लेट जाते हैं। लगभग दो मिनट तक सायरन बजता है। इस दौरान पहली मंजिल पर मौजूद एमएसआई आडोटोरियम में मौजूद विद्यार्थी भी सीढ़ियों से उतरकर ग्राउंड में पहुंचते हैं। तभी मालूम पड़ता है कि कुछ लोग हमले से ध्वस्त हुए भवन में फंस गए हैं।
सुरक्षा दल के लोग उनको वहां से निकालकर आपातकाल चिकित्सा कक्ष में ले आते हैं, जहां प्राथमिक उपचार देकर गंभीर हाल रोगियों को उच्च चिकित्सा संस्थान भेज दिया जाता है। तभी दूसरा सायरन बजता है, जो यह बताता है कि हमले का खतरा टल चुका है। इसके बाद मैदान में लेटे हुए लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं।
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यह दृश्य दिखा युद्ध जैसी आपात स्थिति में ब्लैक आउट एवं हवाई हमले से निपटने के लिए नागरिक सुरक्षा कोर की ओर से आयोजित प्रशिक्षण शिविर में, जहां लगभग ढाई हजार विद्यार्थियों ने डेमो के माध्यम से जानकारी ली। नागरिक सुरक्षा कोर के उपनियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह ने आडोटोरियम में विद्यार्थियों, एनसीसी कैडेट, अध्यापकों व कर्मचारियों को को युद्ध की स्थितियों से अवगत कराया।
सरस्वती विद्या मंदिर ने सिविल डिफेंस की ओर से मॉक ड्रिल। जागरण
उन्होंने ब्लैक आउट और हवाई हमले की दशा में बचने के उपाय बताए। आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया। उपनियंत्रक ने बताया कि शहर में बिजली से संचालित होने वाले पांच सायरन लगे हुए हैं। यदि आपूर्ति बाधित होने से वह बंद हैं, तो उस दशा में हाथ से संचालित मैन्युअल सायरन का प्रयोग करके नागरिकों को सूचना दी जाएगी। एक सायरन से लगभग तीन किमी तक ध्वनि प्रेषित की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि हमला होने की दशा में सायरन बजते ही सतर्क हो जाएं, जो संसाधन मौजूद हैं। उनकी मदद से सुरक्षा पुख्ता करें। बचाव के लिए मुंह में दांतों के बीच रुमाल डालकर कानों को ठीक से बंद करके पेट के बल कोहनी के सहारे लेट जाएं। इस दौरान बम गिरने पर होने वाले धमाके और कंपन से जीभ नहीं कटेगी।
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बंद होने की वजह से कान का पर्दा नहीं फटेगा। किसी मंजिल पर होने की दशा में सीढ़ी से उतरते समय सावधानी बरतें। भगदड़ से बचें, ताकि धक्का-मुक्की न हो। दूसरा सायरन बजने पर तेजी से सुरक्षित स्थान की ओर प्रस्थान कर जाएं।
प्रशिक्षण में जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अमरकांत सिंह, एमएसआइ के प्रधानाचार्य मुख्तार अहमद, अध्यापक मंजूर आलम, अहमद तंजीम, इरफान, नागरिक सुरक्षा कोर के तीनों डिवीजन के वार्डेन विकास जालान, ज्ञान प्रकाश तिवारी एवं राजेश चौधरी, सहायक उपनियंत्रक वेद प्रकाश यादव, नीरज श्रीवास्तव, मुख्य अवैतनिक स्टाफ आफिसर महबूब सइद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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