UP News: अंगूठे का क्लोन और फर्जी डिग्री बनाकर कमाते थे लाखों रुपये, एक गलती और खुल गई पोल
उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां गोरखपुर पुलिस ने अंगूठे का क्लोन और फर्जी डिग्री बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह थ्री-डी प्रिंटिंग और अन्य तकनीकों का उपयोग करके नकली दस्तावेज तैयार करता था। पुलिस अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और बरामद दस्तावेजों की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सिनेमा रोड पर चल रहे जालसाजी के बड़े गिरोह का कोतवाली थाना पुलिस ने मंगलवार को पर्दाफाश किया। इंटरनेट मीडिया पर अंगूठे का क्लोन बनाने का वीडियो प्रसारित होने के बाद जब इसकी पड़ताल की गई तो पूरा मामला चौकाने वाला निकला।
सगरना समेत दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।गिरोह के चार अन्य सदस्यों की तलाश चल रही है।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि दो दिन पहले पुलिस को एक वीडियो मिला था जिसमें एक दुकानदार अंगूठे का क्लोन बनाते हुए दिख रहा था। जांच में पता चला कि वीडियो में दिख रही दुकान कोतवाली क्षेत्र के शाही मार्केट की है और इसका संचालन शाहपुर के बिछिया में रहने वाला श्याम बिहारी गुप्ता करता है।
वीडियो प्रसारित होते ही श्याम बिहारी ने दुकान बंद कर दी थी लेकिन पुलिस ने सोमवार को उसके घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में श्याम बिहारी ने बताया कि वह 700 से 1500 रुपये लेकर किसी भी व्यक्ति के अंगूठे का क्लोन तैयार करता था।
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इसके लिए वह पहले कागज पर अंगूठे का निशान लेकर संदीप शाही नामक व्यक्ति के पास जाता, जो उसे स्कैन करता था। फिर यह निशान महाराजगंज जिले के निचलौल में रहने वाले इमरान खान को भेजा जाता, जो हुमायूंपुर में किराए के मकान में रहकर थ्री-डी प्रिंटर के माध्यम से ट्रेसिंग पेपर पर अंगूठे का प्रिंट निकालता था। बाद में यह प्रिंट गणेश चौक स्थित ओमप्रकाश पंडित को दिया जाता, जो फ्लैश व पालिमर स्टांप की मदद से अंगूठे का क्लोन बना देता था।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। जागरण
यही नहीं, यह गिरोह फर्जी अंकपत्र, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और विश्वविद्यालय की डिग्रियां भी बना रहा था।पुलिस ने श्याम बिहारी की निशानदेही पर सोमवार देर रात इमरान खान को हुमायूंपुर से गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार दोपहर दोनों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
गिरोह के अन्य सदस्य संदीप, ओमप्रकाश, जयंत प्रताप और तबरेज की तलाश जारी है।चौकी प्रभारी दुर्गाबाड़ी आशीष कुमार पांडेय की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ जालसाजी और कूटरचित दस्तावेज बनाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपितों के पास से फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण, तैयार किए गए नकली अंगूठे, आधार कार्ड, अंकपत्र और अन्य प्रमाण पत्र भी बरामद हुए हैं।
कई विश्वविद्यालयों के अंकपत्र मिले, गलत इस्तेमाल की आशंका
फर्जी अंगूठा क्लोनिंग गिरोह की जांच के दौरान पुलिस को एक और बड़ी जानकारी मिली है।सोमवार रात गिरफ्तार किए गए इमरान के हुमायूंपुर स्थित किराए के कमरे की तलाशी में पुलिस को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़ी कई फर्जी डिग्रियां और अंकपत्र मिले हैं।
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पुलिस के मुताबिक, कमरे से सीएमजे यूनिवर्सिटी मेघालय से चंद्रजीत, जुबैर, शैलेंद्र कुमार और विनय गुप्ता के नाम से बने डिप्लोमा इन फार्मेसी प्रथम व अंतिम वर्ष के कुल आठ अंकपत्र मिले हैं। इसके अलावा जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद से राधिका चौहान के नाम से बना फर्जी अंकपत्र और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय तथा जेपीएस पैरामेडिकल कालेज से संबंधित फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
इतना ही नहीं, पुलिस को एक पेन ड्राइव, आइटच और अन्य डिजिटल उपकरण भी मिले हैं, जिनमें कई डाक्यूमेंट फार्मेट में फर्जी दस्तावेज मिलने की आशंका है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि इन दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल हुआ है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। सभी दस्तावेजों को जब्त कर संबंधित विश्वविद्यालयों से भी सत्यापन कराया जाएगा। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इन फर्जी डिग्रियों के आधार पर सरकारी या निजी नौकरियों में घुसपैठ तो नहीं हुई।
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