UPPCL: निजीकरण से पहले लग सकता है झटका, महंगी बिजली खरीदने का हुआ करार; कर्मचारी कर रहे विरोध
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मिर्जापुर में निजीकरण से पहले बिजली खरीदने के लिए हुए महंगे करार का विरोध किया है। समिति के अनुसार सरकारी दर से दोगुने दाम पर बिजली खरीदने से उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा और बिजली की दरें बढ़ेंगी। इससे गरीब उपभोक्ताओं को कनेक्शन कटवाने पड़ सकते हैं। समिति ने निजीकरण को उपभोक्ता विरोधी बताया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मिर्जापुर में बिजली खरीदने के लिए हुए करार का विरोध किया है। कहा कि निजीकरण के पहले सरकारी दर से दो दुना ज्यादा दर पर बिजली खरीदी जाएगी। ऐसे में तय है कि बिजली का रेट बढ़ेगा। इससे जरूरतमंदों को कनेक्शन कटवाना पड़ेगा। निजीकरण से उपभोक्ताओं पर तो मार पड़ेगी ही, अभियंताओं व कर्मचारियों को भी बड़ा नुकसान होगा।
समिति के संयोजक पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि निजीकरण के पहले जिस दर पर बिजली खरीदने का करार हुआ है, उससे तय हो गया है कि निजीकरण होने के बाद बिजली की दरों में तीन गुना से ज्यादा इजाफा हो जाएगा। सोनभद्र में उत्पादन निगम की अनपरा ए परियोजना से 2.816 रुपये प्रति यूनिट, अनपरा बी परियोजना से 2.502 रुपये प्रति यूनिट तथा अनपरा डी परियोजना से 3.574 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है।
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बिजली का रेट बढ़ेगा!
25 वर्षों के लिए हुए करार में बिजली की दर 5.383 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है। निजीकरण के विरोध में मंगलवार को लखनऊ के शक्ति भवन परिसर में दो सौ से ज्यादा अभियंता व कर्मचारी क्रमिक अनशन पर बैठे।
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इस दौरान जितेंद्र कुमार गुप्त, जीवेश नंदन, सुधीर राव, शिवमनाथ तिवारी, अमित आनंद, प्रभुनाथ प्रसाद, संगम लाल मौर्य, बृजेश त्रिपाठी, राकेश चौरसिया, प्रवीण सिंह, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, दिलीप गौतम, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, सत्यव्रत पांडेय, आशुतोष शाही, अजय शाही आदि मौजूद रहे।
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