UP News: यूपी के इस जिले में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी, सीएम योगी के निर्देश पर तहसीलों में सर्वे शुरू
गोरखपुर में आठ साल बाद सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसकी वजह से जमीन और मकान खरीदना महंगा हो सकता है लेकिन बेचने वालों को फायदा होगा। वर्तमान में गोरखपुर में अगस्त 2016 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है जबकि इस दौरान जमीन की कीमतों में कई गुना वृद्धि हुई है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आठ साल से अधिक समय बाद गोरखपुर में भी सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर सर्वे चल रहा है।
जिले की सीमा से यानी देवरिया, महराजगंज, मऊ, संतकबीरनगर से सटे गांव के साथ जिले के भीतर तहसील की सीमा से सटे गांव की भूमि के सर्किल रेट एक समान करने पर जोर है। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी निर्देश दे चुके हैं।
रजिस्ट्री विभाग के मुताबिक प्राय: यह देखा जा रहा है कि सीमा से सटे जिलों की भूमि की दरों में काफी अंतर है। विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए समझौते के आधार पर भूमि खरीदने या अनिवार्य अर्जन के दौरान दरें अलग-अलग होने की वजह से मुआवजे की राशि भी अलग-अलग हो जाती है, जिससे प्रभावित काश्तकारों में आक्रोश असंतोष पनपता है।
इसी तरह जिले के भीतर दो तहसीलों की सीमा के कई गांवों में भी यही स्थिति हैं। आस-पास होने के बाद भी दरों में अंतर है। नए सर्किल रेट में इसे समान करने पर जोर है। सर्वे में भी सभी तहसीलों के उप निबंधकों को इसे प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।
उधर, राज्य के 42 जिलों में सर्किल रेट बढ़ने से यहां के काश्तकारों, किसानों की भी उम्मीद बढ़ी है। उनका आरोप है कि वर्षों से भूमि का सर्किल रेट नहीं बढ़ने की वजह से भूमि अधिग्रहण में उन्हें बहुत कम दर पर भुगतान किया जा रहा है।
गोरखपुर में अगस्त 2016 के बाद सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है, जबकि भूमि की बाजार की कीमतों में कई गुना वृद्धि हुई। दो माह पहले जिला प्रशासन ने सर्किल रेट के साथ लागू होने वाले सामान्य निर्देश में कुछ परिवर्तन किए। लेकिन किसानों, काश्तकारों को सर्किल रेट में बदलाव का इंतजार है।
जिन जिलों में सर्किल रेट बढ़ाया गया है, उनमें गोरखपुर शामिल नहीं है। यहां सर्किल रेट बढ़ाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। अंतिम निर्णय शासन का होगा।
-संजय कुमार दुबे, एआईजी स्टांप

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