ओखा एक्सप्रेस के SLR में विजिलेंस ने पकड़ा 4090 किलो अधिक पार्सल, एक लाख 28 हजार रुपये का ठोका जुर्माना
गोरखपुर जंक्शन पर विजिलेंस टीम ने ओखा एक्सप्रेस के एसएलआर में क्षमता से अधिक पार्सल पकड़ा। लीज होल्डर्स पर जुर्माना लगाया गया। जांच में पाया गया कि एसएलआर में 4090 किलो अधिक पार्सल था जिससे रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है और सुरक्षा खतरे में पड़ रही है क्योंकि क्षमता से अधिक भार के कारण पटरियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

ट्रेनों के एसएलआर में क्षमता से अधिक पार्सल रखकर राजस्व को लगा रहे है चपत
- होल्डर्स पटरियों पर बढ़ा रहे हैं अनावश्यक लोड, संरक्षा पर खड़े कर रहे हैं सवाल
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे की विजिलेंस टीम (सतर्कता संगठन) ने गोरखपुर जंक्शन पर ओखा से गोरखपुर पहुंची 15046 नंबर की ओखा एक्सप्रेस के सिटिंग कम लगेज रेक (एसएलआर) में क्षमता से 4090 किलो अधिक पार्सल पकड़ा है। पार्सल अधिक होने के आरोप में विजिलेंस ने मौके पर ही लीज होल्डर्स पर एक लाख 28 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया।
साथ ही होल्डर्स पर कार्रवाई की संस्तुति भी कर दी है। विजिलेंस की लगातार छापेमारी से गोरखपुर जंक्शन पर हड़कंप मचा हुआ है। दो दिन पहले विजिलेंस ने आनंदविहार एक्सप्रेस में छापेमारी कर नौ अवैध वेंडरों को पकड़ा था।
जानकारों के अनुसार ओखा एक्सप्रेस के एसएलआर की क्षमता 3900 किलोग्राम है। विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान जब एसएलआर को चेक किया तो क्षमता से अधिक पार्सल की आशंका हुई। विजिलेंस ने एसएलआर में बुक सामानों की तौल करा दी।
फर्स्ट एसएलआर में 3900 की जगह 4414 किलोग्राम तथा सेकेंड एसएलआर में 7476 किलोग्राम पार्सल रखा हुआ था, जो अनियमितता और अपराध की श्रेणी में आता है। विजिलेंस ने लीज होल्डर्स और संबंधित रेलकर्मियों को चेतावनी भी दी है।
दरअसल, लीज होल्डर्स रेलकर्मियों की मिलीभगत से पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात आदि से आने वाली ट्रेनों में क्षमता से अधिक मनमाने ढंग से एसएलआर में पार्सल रख देते हैं। इन पार्सल सामानों को कोई हिसाब-किता नहीं होता है। संबंधित अधिकारी और कर्मचारी न पार्सल रखते समय तौल कराते हैं और न उतारते समय संज्ञान लेते हैं।
यह भी पढ़ें- रेलवे ग्रुप बी 70 प्रतिशत चयन की साक्षात्कार परीक्षा निरस्त, लग रहा था यह आरोप
पार्सल उतारकर स्टेशन के बाहर-बाहर संबंधित व्यापारियों के यहां पहुंचा देते हैं। लीज होल्डर्स एसएलआर में क्षमता से अधिक पार्सल रखकर रेलवे के राजस्व को चपत तो लगा ही रहे हैं, संरक्षा पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं।
क्षमता से अधिक पार्सल लेकर ट्रेनों के लगातार चलने पर पटरियां समय से पहले ही घिस जाती हैं। ट्रेन के इंजनों पर भी अतिरिक्त लोड पड़ता है। जिसके चलते दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।