दुनिया के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में चमके MMUT और DDU के शिक्षक, बढ़ाया गोरखपुर का मान
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची जारी की है जिसमें गोरखपुर के मदन मोहन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमयूटी) और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों को स्थान मिला है। एमएमयूटी के आठ और गोरखपुर विश्वविद्यालय के चार शिक्षक शामिल हैं। विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल है और इसे शोध की गुणवत्ता का प्रमाण माना जा रहा है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से वर्ष 2025 के लिए जारी की गई विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में मदन मोहन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय व दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी स्थान मिला है। इस सूची में प्रौद्याेगिकी विश्वविद्यालय के आठ व गोरखपुर विश्वविद्यालय के चार शिक्षकोंं का नाम चमका है। सूची जारी होते ही इसे लेकर दोनों विश्वविद्यालयों में हर्ष व्याप्त हो गया। बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट शोधकार्य कर रहे विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी करता है। इसके लिए वह वैज्ञानिकों के शोध प्रकाशनों की संख्या, गुणवत्ता और साईटेशन का मूल्यांकन करता है। यह सूची वैज्ञानिक प्रकाशनों के विश्व के सबसे बड़े डेटाबेस ''''स्कोपस'''' में प्रकाशित शोधपत्रों के आधार पर बनाई जाती है।
यह सूची वैज्ञानिकों के योगदान को मान्यता देती है और विश्व भर के करीब 1,95,000 वैज्ञानिकों को कवर करती है, जो दुनिया के कुल वैज्ञानिकों का लगभग दो प्रतिशत है। वर्ष 2023 में इस सूची में प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मात्र दो शिक्षक शामिल थे। वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर पांच हुई और अब इस आठ हो गई है।
सूची में शामिल एमएमयूटी के शिक्षक
भौतिक एवं पदार्थ विज्ञान के प्रो. डीके द्विवेदी, कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के डा. सत्यप्रकाश यादव, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग डा. मनोज कुमार गुप्ता, कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग डा. सात्विक वत्स, कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग डा. एसपी सिंह, रसायन एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग प्रो. आरके यादव, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग डा. आरके द्विवेदी और इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग डा. शिवम कुमार सिंह।
गोवि के इन शिक्षकों को मिला सूची में स्थान
रसायन विज्ञान विभाग के पूर्व आचार्य प्रो. एनबी सिंह व प्रो. गुरदीप सिंह, भौतिक विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अंबरीश कुमार श्रीवास्तव और जीव विज्ञान विभाग के प्रो. रविकांत उपाध्याय। डा. अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव के 150 से अधिक एससीआइ शोध-पत्रों सहित सात अंतरराष्ट्रीय पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। प्रो. रविकांत उपाध्याय के 150 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं। प्रो. एनबी सिंह व प्रो. गुरदीप सिंह के 200 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के आठ शिक्षकों का नाम विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकोंं में शामिल हाेना हमारे संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। यह शोध की गुणवत्ता को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयास को पुष्ट करने वाली सफलता है इससे विश्वविद्यालय के अन्य शोधार्थी भी प्रेरित होंगे और शोध व नवाचार की दिशा में अपनी पूरी क्षमता से कार्य करेंगे।
-प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी
हमारे विश्वविद्यालय के शिक्षक लगातार विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। यह हमारे अनुसंधान की गुणवत्ता और शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है। नेचर इंडेक्स में स्थान प्राप्त करना और पिछले छह महीनों में 50 से अधिक पेटेंट हासिल करना और अब विश्व के दो प्रतिशत मेंं वैज्ञानिकों को हमारे शिक्षकों को स्थान मिला बहुत बड़ी उपलब्धि है।
प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय
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