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    साइबर सेल ने शुरू की जांच, एक्सईएन से पूछताछ के बाद होगा खुलासा

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 12:05 PM (IST)

    गोरखपुर में अस्वीकृत मीटरों को स्वीकृत करने के मामले की जांच साइबर सेल ने शुरू कर दी है। अधिशासी अभियंता परीक्षण खंड से जानकारी ली गई है। पता चला है कि एक्सईएन की आईडी का पासवर्ड बदलने से पहले विभागीय मेल पर संदेश आता है। जांच टीम बिना रिपोर्ट दर्ज कराए पासवर्ड बदलने पर हैरान है। जांच का दायरा बढ़ने के साथ आईपी एड्रेस का पता लगाने की उम्मीद है।

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    अस्वीकृत सूची में डाले गए मीटर को स्वीकृत करने का मामला

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अस्वीकृत सूची में डाले गए मीटरों को स्वीकृत करने के मामले की जांच शुरू हो गई है। साइबर सेल ने बुधवार को अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) परीक्षण खंड से पूरी जानकारी ली। जांच टीम ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली कार्यदायी संस्था से भी पूरी जानकारी ली है।

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    पता चला कि एक्सईएन की आइडी का पासवर्ड बदलने के पहले उनके विभागीय मेल आइडी पर संदेश आता है। इस संदेश को स्वीकृत करने के बाद ही पासवर्ड बदला जा सकता है। जांच टीम ने बिना रिपोर्ट दर्ज कराए पासवर्ड बदलने पर भी हैरानी जताई। माना जा रहा है कि जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही साइबर सेल आसानी से पता लगा लेगा कि किसी इंटरनेट प्रोटोकाल एड्रेस (आइपी एड्रेस) किस कम्प्यूटर का है।

    17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई गई थी। बिजली निगम के अभियंताओं व कर्मचारियों ने धूमधाम से पूजा-पाठ के बीच जयंती मनाई थी। शाम को छह बजे के बाद गोरखपुर-बस्ती मंडल में महराजगंज जिले को छोड़कर सभी जिलों में एक्सईएन परीक्षण खंड की आइडी से अस्वीकृत सूची में डाले गए 3798 मीटर को स्वीकृत कर दिया गया।

    18 सितंबर को इसकी जानकारी होने पर एक्सईएन परीक्षण खंड ने उच्चाधिकारियों को बताया तो उन्होंने तत्काल एफआइआर दर्ज कराने को कहा। एक्सईएन परीक्षण खंड ने एफआइआर न दर्ज कराकर स्मार्ट मीटर लगाने वाली कार्यदायी संस्था को पत्र लिखकर स्वीकृत मीटरों को वापस पुरानी स्थिति में करने को कहा।

    कार्यदायी संस्था ने ऐसा कर दिया। इस बीच बिजली निगम के चेयरमैन के निर्देश पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने मामले की जांच शुरू करा दी।

    गोरखपुर को छाेड़कर अन्य जिलाें के एक्सईएन परीक्षण खंड ने खुद ही मीटरों को स्वीकृत करने की बात कही। इसके बाद गोरखपुर के तीन एक्सईएन व दो सहायक अभियंता मीटर को निलंबित कर दिया गया। बाद में सहायक अभियंताओं की आइडी से मीटर को स्वीकृत न करने की पुष्टि के बाद दोनों का निलंबन निरस्त कर दिया गया।

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    तीनों एक्सईएन की हुई तैनाती

    मीटरों को स्वीकृत करने के मामले में निलंबित किए गए तीनों एक्सईएन की जगह दूसरे एक्सईएन की तैनाती कर दी गई है। नगरीय परीक्षण खंड में नए एक्सईएन ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

    यह है आइपी एड्रेस

    यह इंटरनेट या किसी लोकल नेटवर्क से जुड़े हर डिवाइस को दिया जाने वाला एक यूनिक संख्यात्मक पता होता है। यह उस डिवाइस की पहचान करने और डेटा के संचार में मदद करता है।