गोरखपुर महोत्सव में 300 स्टालों में संस्कृति, कला और रोजगार की अनूठी झलक
गोरखपुर महोत्सव इस बार भव्य रूप से आयोजित होगा, जिसमें 300 स्टाल लगाए जाएंगे। इन स्टालों में कला, संस्कृति, उद्योग और नवाचार का संगम होगा। 75 स्टाल ओड ...और पढ़ें

गोरखपुर महोत्सव परिसर को विविध उत्पादों से सजाने की तैयारी पूरी। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर महोत्सव का सात दिवसीय आयोजन इस बार और अधिक भव्य और बहुआयामी होने जा रहा है। महोत्सव समिति ने इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए परिसर के लिए स्टाल आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसमें देश भर के उत्पादों को ध्यान में रखते हुए शिल्पकारों और प्रयोगधर्मियों को जगह दी है।
आवंटन सूची के मुताबिक महोत्सव परिसर में कुल 300 स्टाल लगाए जाएंगे, जो न केवल स्थानीय बल्कि प्रदेश और देश की कला, संस्कृति, उद्योग और नवाचार को एक ही मंच पर प्रस्तुत करेंगे। स्थान के निश्चित दायरे में लघु भारत का दर्शन कराएंगे। इस भव्य आयोजन का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा, स्वरोजगार को प्रोत्साहन और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भी है।
इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए स्टालों के वितरण में संतुलन और विविधता का विशेष ध्यान रखा गया है। महोत्सव परिसर में लगाए जाने वाले 300 स्टाल में से 75 स्टाल उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ओडीओपी (एक जनपद-एक उत्पाद) योजना को समर्पित होंगे।
इन स्टालों पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के विशिष्ट उत्पाद, जैसे बनारस की साड़ी, मुरादाबाद का पीतल, भदोही की कालीन और लखनऊ की चिकनकारी प्रदर्शन के लिए ही नहीं बल्कि खरीद के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा 30 स्टाल हैंडलूम उत्पादों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जहां बुनकरों की मेहनत और पारंपरिक कला की झलक देखने को मिलेगी।
वहीं सरस मेला के अंतर्गत 30 स्टाल स्वयं सहायता समूहों को दिए जाएंगे, जिनमें ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए खाद्य पदार्थ, हस्तशिल्प और घरेलू उपयोग की वस्तुएं प्रदर्शित होंगी। यह मंच महिला सशक्तिकरण की मजबूत तस्वीर पेश करेगा। महोत्सव में देश भर के शिल्पकारों के लिए भी 30 स्टाल निर्धारित किए गए हैं।
इन स्टालों पर काष्ठ कला, धातु शिल्प, मिट्टी की कलाकृतियां और पारंपरिक आभूषण जैसे उत्पाद सजेंगे, जो दर्शकों को देश की विविध सांस्कृतिक पहचान से रूबरू कराएंगे। गोरखपुर महोत्सव का यह स्वरूप बच्चों, युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों यानी सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित करेगा। खरीदारी, जानकारी, मनोरंजन और सांस्कृतिक अनुभव का यह संगम शहरवासियों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी यादगार बनेगा।
कृषि व उद्यान प्रदर्शनी का रहेगा आकर्षण
महोत्सव परिसर में कृषि व उद्यान विभाग की प्रदर्शनी भी लगेगी। इसमें कृषि और उद्यान के क्षेत्र में हो रहे विकास की झलक देखने को मिलेगी। निर्धारित आकार से काफी बड़े और काफी छोटे कृषि उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। कृषि को आसान बनाने के लिए यंत्रों के क्षेत्र में नवाचार भी देखने को मिलेगा। इसके लिए किसानों और एफपीओ को आमंत्रित किया गया है।
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पुस्तक मेला और विज्ञान प्रदर्शनी को मिलेगा अलग स्थान
महोत्सव परिसर में दो बड़े पंडाल विज्ञान प्रदर्शनी और पुस्तक मेला को समर्पित होंगे। पुस्तक मेले के आयोजन के लिए महोत्सव समिति नेशनल बुक ट्रस्ट से संपर्क साध रही है। उसे अधिक से अधिक स्टाल के साथ महोत्सव में आमंत्रित कर रही है। यानी एक महोत्सव का पुस्तक मेला पाठकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।
उधर विज्ञान प्रदर्शनी के लिए क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र जोरशोर से तैयारी कर रहा है। विज्ञान के क्षेत्र में अधिक से अधिक नवाचार की प्रस्तुति के लिए नवचारियों से संपर्क साध रहा है। प्रदर्शनी के दौरान विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए राकेट के लांचिंग कराने की तैयारी भी कर रहा।

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