सर्वाधिक दुर्घटना वाले 100 जिलों में गोरखपुर, कुशीनगर और बस्ती भी शामिल
गोरखपुर कुशीनगर और बस्ती देश के उन 100 जिलों में शामिल हैं जहाँ सड़क दुर्घटनाएँ अधिक होती हैं। मंत्रालय इन जिलों में सड़क सुरक्षा मित्र कार्यक्रम शुरू करेगा जिसमें 18 से 28 वर्ष के युवाओं को शामिल किया जाएगा। यह कार्यक्रम दुर्घटना स्थलों के अध्ययन और जागरूकता अभियानों पर केंद्रित होगा। युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें मानदेय भी मिलेगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। देश के सबसे अधिक दुर्घटना वाले 100 जिलों में गोरखपुर, कुशीनगर और बस्ती भी शामिल हैं। परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी सूची में गोरखपुर मंडल के दो और बस्ती मंडल के एक समेत उत्तर प्रदेश के 28 जनपदों को शामिल किया है।
सूची में गोरखपुर जनपद 85वें और कुशीनगर 86वें स्थान पर है। बस्ती अंतिम पायदान 100 नंबर पर है। सूची के पहले पायदान पर छत्तीसगढ़ का रायपुर जिला है। मंत्रालय की सूची में शामिल इन जिलों में मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम लागू किया जाएगा। परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पहल पर परिवहन विभाग ने 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम लागू करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भारत सरकार, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम से अवगत करा दिया है। परिवहन आयुक्त ने प्रदेश के चिह्नित सभी 28 जनपदों की सूची भेजते हुए 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम शुरू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
परिवहन आयुक्त का कहना है कि कार्यक्रम का संचालन जिलास्तरीय क्रियान्वयन समिति (डीआरएससी) के अधीन जिलावार किया जाएगा। इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे। माई भारत पोर्टल के साथ समन्वय स्थापित कर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। सड़क सुरक्षा मित्र कार्यक्रम भारत सरकार एवं युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय पहल है, जिसका उददेश्य माई भारत प्लेटफार्म के माध्यम से 18 से 28 वर्ष के प्रशिक्षित युवाओं को जिलास्तर की सड़क सुरक्षा की कार्यवाहियों से जोड़ना है।
युवा सहभागिता संरचित दुर्घटना स्थल अध्ययनों के माध्यम से युवाओं को सड़क सुरक्षा पहल में शामिल किया जाएगा। सर्वाधिक मार्ग दुर्घटनाओं वाले 100 जनपद में जिलास्तरीय क्रियान्वयन समिति की देखरेख में यह कार्यक्रम क्रैश सीन समन्वय, ब्लैक स्पाट, हेलमेट-सीटबेल्ट स्पीड का अनुपालन कराने के लिए जनजागरूकता पर केंद्रित है। युवाओं को सात दिन का सामान्य प्रशिक्षण व 15 दिन का सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
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'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम में शामिल होंगे युवा
'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम में कार्यक्रम में स्थानीय 18 से 29 वर्ष तक के युवाओं को शामिल किया जाएगा, जिनके खिलाफ कोई चालान की कार्रवाई न हुई हो। उन्हें एक निश्चित मानदेय भी प्रदान किया जाएगा, जिसका निर्धारण भी जल्द कर लिया जाएगा। शैक्षिक योग्यता स्नातक इंजीनियर, डिप्लोमा धारक, वरिष्ठ माध्यमिक व हाईस्कूल के छात्र, कालेज छात्र निर्धारित की गई है।
आगामी जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिला युवा कल्याण एवं खेलकूद अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा। बैठक में इन अधिकारियों को 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम से अवगत कराते हुए भारत सरकार की इस योजना को मूर्त रूप देने का प्रयास किया जाएगा।
- संजय कुमार झा, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), गोरखपुर
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