Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    गोरक्षनगरी में 10 हजार करोड़ से अधिक निवेश का प्लेटफार्म तैयार, करीब 17 हजार को मिलेगा रोजगार

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 02:45 PM (IST)

    गोरखपुर में वर्ष 2025 औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों से गीडा निवेशकों की पहली पसंद बना। गीडा ने 8 ...और पढ़ें

    Hero Image

    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गाेरखपुर। वर्ष 2025 गोरखपुर के औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निवेश प्रोत्साहनपरक नीतियों का असर यह रहा कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरा। इस वर्ष गीडा ने लैंड बैंक का विस्तार करते हुए पौने नौ लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया, जिससे छह हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का मजबूत आधार तैयार हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, ग्रेटर गीडा के रूप में विकसित हो रही धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को भी 4200 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इन दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में 17 हजार से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। ऐसे में बीत रहा वर्ष गोरखपुर के लिए औद्योगिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन के लिहाज से ऐतिहासिक साबित हुआ है और आने वाले वर्षों के लिए मजबूत आधार तैयार कर गया है।

    स्थापना के बाद सर्वाधिक भूमि आवंटन
    गीडा ने वर्ष 2025 में अपनी स्थापना के बाद अब तक का सर्वाधिक औद्योगिक भूमि आवंटन किया है। यह निवेश और रोजगार सृजन के लिहाज से भी रिकॉर्ड वर्ष रहा। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक के अनुसार, वर्ष 2025 में 116 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया गया। इनका कुल क्षेत्रफल 8,71,841 वर्गमीटर है, जिससे 6139 करोड़ रुपये के निवेश और 11,072 रोजगार सृजन का प्रस्ताव मिला है।

    धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप ने पकड़ी रफ्तार
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में दक्षिणांचल के औद्योगिक कायाकल्प की दिशा में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप ने भी धरातल पर आकार लेना शुरू कर दिया है। 6876 एकड़ में विकसित होने वाली यह टाउनशिप 17 अधिसूचित ग्रामों में बस रही है। गीडा द्वारा पहले चरण में 800 एकड़ भूमि विकसित की जा रही है। प्रथम चरण में अदाणी समूह को अंबुजा सीमेंट यूनिट के लिए 46.63 एकड़ और श्रेयस डिस्टलरीज एंड एनर्जी लिमिटेड को 60.48 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है।

    इन दोनों परियोजनाओं से 4200 करोड़ रुपये का निवेश और 6500 से अधिक रोजगार सृजन प्रस्तावित है। इसके अलावा टाटा पावर ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट तथा वीडियोकान ने इलेक्ट्रानिक उपकरण निर्माण यूनिट के लिए रुचि दिखाई है।

    यह भी पढ़ें- Gorakhpur News: पांच माह में एलीट क्लब, अक्टूबर तक कन्वेंशन सेंटर होगा तैयार



    प्लास्टिक पार्क बना आकर्षण का केंद्र
    गीडा में प्रदेश के पहले प्लास्टिक पार्क के विकास ने भी वर्ष 2025 में रफ्तार पकड़ी। केंद्र सरकार के रसायन एवं पेट्रो-केमिकल्स विभाग द्वारा स्वीकृत देश के 10 प्लास्टिक पार्कों में शामिल यह पार्क 88 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया जा रहा है। यहां प्लास्टिक उत्पादों की 92 यूनिटें प्रस्तावित हैं, जिनमें से करीब पांच दर्जन यूनिटों के लिए भूमि आवंटन हो चुका है।

    उद्यमियों के बढ़ते रुझान के चलते यह देश का सर्वाधिक सफल प्लास्टिक पार्क माना जा रहा है। वर्ष 2025 में यहां कई इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो गया। 120 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित तीन क्रियाशील यूनिटों का लोकार्पण भी किया जा चुका है। टेक्नोप्लास्ट पैकेंजिंग प्राइवेट लिमिटेड, ओमफ्लैक्स इंडस्ट्रीज और गजानन पाली प्लास्ट जैसी प्रमुख कंपनियों ने यहां अपनी यूनिट स्थापित की हैं।