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    गोरखपुर में नौ महीने बाद भी नहीं चल पाए जोनवार ई-रिक्शा, 11 मार्च से होना था लागू

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 12:12 PM (IST)

    गोरखपुर में जोनवार ई-रिक्शा परियोजना नौ महीने बाद भी शुरू नहीं हो पाई है. इस परियोजना को 11 मार्च से लागू किया जाना था, लेकिन अभी तक यह धरातल पर नहीं ...और पढ़ें

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     पांच जोन में बांटा गया था शहर को, रेलवे स्टेशन तक जाने की सभी को दी गई थी छूट। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर में जाम का कारण बन रहे ई-रिक्शा को जोनवार चलाने की योजना पर अमल अब तक नहीं हो सका है। आठ वर्ष बाद मार्च 2025 में आरटीओ और यातायात विभाग की संयुक्त बैठक में शहर को पांच जोन में बांटने का निर्णय लिया गया था।

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    इसके तहत जोनवार स्टीकर भी तैयार कराए गए और ई-रिक्शा चालकों व मालिकों को स्वयं अपना जोन तय कर स्टीकर लगाने के निर्देश दिए गए। 11 मार्च से अभियान चलाकर नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की घोषणा भी की गई थी। लेकिन, नौ महीने से यह योजना और घोषणा फाइलों में ही दबकर रह गई।

    योजना के तहत यातायात विभाग ने आरटीओ की सहमति से जोनवार रूट चार्ट जारी किया। इससे पहले दोनों विभागों के अधिकारियों की कई बैठकें हुईं, जोनवार नक्शा तैयार किया गया और आटो एसोसिएशन के पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने भी जोनवार रूट सार्वजनिक किया और विभिन्न स्थानों पर कैंप लगाकर ई-रिक्शा चालकों व मालिकों को निर्देशित किया गया कि वे निर्धारित जोन के अनुसार स्टीकर लगवाएं।

    तारामंडल क्षेत्र की एक दुकान पर 10 रुपये में स्टीकर उपलब्ध कराए गए। शुरुआत में स्टीकर न लगाने वालों पर पुलिस की सख्ती का असर दिखा और बड़ी संख्या में चालकों ने अपने ई-रिक्शा पर जोन स्टीकर लगवा लिए। लेकिन कुछ ही समय बाद आरटीओ और यातायात विभाग अपने ही निर्देशों को भूल गए। न तो 11 मार्च से घोषित अभियान नियमित रूप से चला और न ही ई-रिक्शा की यूनिक आईडी और जोन नंबर की जांच की गई।

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    नतीजा यह है कि चालक धड़ल्ले से एक जोन से दूसरे जोन में ई-रिक्शा चला रहे हैं। नियमों की अनदेखी के चलते शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गों पर जाम की स्थिति बनी हुई है, जबकि जोनवार व्यवस्था का उद्देश्य ही यातायात को सुचारु बनाना था।

    आरटीओ व यातायात पुलिस द्वारा जारी किया गया था जोन क्षेत्र

    • जोन एक - बरगदवां, स्पोर्ट्स कालेज, नथमलपुर, सूर्य विहार, हुमायूंपुर उत्तरी, अंधियारी बाग, गोरखनाथ क्षेत्र से धर्मशाला मार्ग होते हुए रेलवे स्टेशन के गेट नंबर चार, पांच, छह व सात तक।
    • जोन दो - गुलरिहा, मेडिकल कालेज, खजांची, राप्तीनगर, एचएन सिंह चौराहा, पादरी बाजार, असुरन, कौवाबाग, जेल बाईपास, बिछिया कालोनी, असुरन होते हुए रेलवे स्टेशन गेट नंबर आठ व नौ तक।
    • जोन तीन - बर्फखाना, पांडेयहाता, घंटाघर, लालडिग्गी, रेती चौक, नखास चौक, बक्शीपुर चौराहा, कोतवाली, घोष कंपनी, जुबली तिराहा, आर्यनगर, तिवारीपुर, घासी कटरा, बेनीगंज, गंगेज चौराहा, दुर्गाबाड़ी तिराहा, अग्रसेजन तिराहा, विजय चौराहा, सुमेर सागर, दुर्गाबाड़ी से धर्मशाला, रेलवे स्टेशन गेट नंबर चार, पांच, छह व सात तक।
    • जोन चार - नौसड़, हार्बट बंधा, टीपी नगर, फलमंडी, रुस्तमपुर आजाद चौक, टीडीएम, अलहदादपुर, बेतियाहाता, शास्त्री चौक, अंबेडकर चौराहा, चिड़ियाघर, तारामंडल क्षेत्र, नौकायन क्षेत्र, देवरिया बाईपास तिराहा, पैडलेगंज चौराहा, दाउदपुर, छात्रसंघ चौराहा, हरिओम नगर, जीएम पोस्ट आफिस तिराहा से छात्रसंघ व विश्वविद्यालय होते हुए रेलवे स्टेशन गेट नंबर चार, पांच, छह व सात तक।
    • जोन पांच - रानीडीहा, कूड़ाघाट, एयरपोर्ट, नंदानगर, खोराबार, एम्स, मोहद्दीपुर, चार फाटक, रेल म्यूजियम से सरदार ढाबा तिराहा होते हुए रेलवे स्टेशन गेट नंबर एक, दो और तीन तक।

    समय-समय पर अभियान चलाकर ई-रिक्शा पर कार्रवाई की जाती है। दूसरे जोन में चलते पाए जाने पर पहली बार चालान और दूसरी बार सीज करने की कार्रवाई की जाती है। फिर भी दूसरे जोन में ई-रिक्शा चल रहे है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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    राजकुमार पाण्डेय, एसपी यातायात

    शहर को पांच जोन में बांटकर यातायात विभाग को रूट चार्ज दिया गया था। इसके बाद पुलिस को रूट के हिसाब ही ई-रिक्शा को चलाने के लिए सख्ती करनी थी। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उनकी टीम यातायात पुलिस के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई करेगी।

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    संजय कुमार झा, आरटीओ प्रवर्तन