UP News: गोरखपुर दोहरे हत्याकांड में 15 से अधिक लोगों से पूछताछ, फिर भी पुलिस के खाली हाथ
गोरखपुर के चौरीचौरा में हुए दोहरे हत्याकांड (Gorakhpur Double Murder Case) को सुलझाने के लिए पुलिस अब तक 15 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है लेकिन अभी तक हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद नहीं हो सका है। पीड़ित परिवार नामजद आरोपितों पर हत्या का आरोप लगा रहा है लेकिन पुलिस को उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिल पाए हैं।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। चौरीचौरा के ग्राम शिवपुर चकदहा में हुए दोहरे हत्याकांड में पांच दिन बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद नहीं कर पाई है। गुरुवार को पुलिस टीम ने गांव में घूम-घूमकर मृतका पूनम के पट्टीदारों और अन्य ग्रामीणों से पूछताछ की, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है।
इस दोहरे हत्याकांड को सुलझाने के लिए पुलिस ने अब तक 15 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। इसके बावजूद कोई भी ऐसा नाम सामने नहीं आया है, जिसे स्पष्ट रूप से घटना में शामिल माना जा सके। पीड़ित परिवार अब भी नामजद आरोपितों पर ही हत्या का आरोप लगा रहा है, लेकिन पुलिस को उनके विरुद्ध पुख्ता सबूत नहीं मिल पाए हैं।
गांव में पुलिस की सख्त निगरानी के बीच माहौल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन हत्याकांड को लेकर अब भी चर्चा जारी है। पूनम और उनकी बेटी अनुष्का की हत्या किसने और किस हथियार से की, इस पर गांव के अलग-अलग लोग अपनी राय दे रहे हैं। हालांकि, गांव में शाम होते ही सन्नाटा पसर जा रहा है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा व शांति व्यवस्था के लिए गांव में पीएसी के जवान अब भी तैनात हैं।
कमरे का झरोखा जिसके रास्ते खूशबू ने मां के हत्यारों का पैर देखा था। जागरण
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बड़ा सवाल,बुजुर्ग छत पर कैसे चढ़े?
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपित संजय अपने पिता सरजू और भाई के साथ छत के रास्ते घर में घुसा था। लेकिन इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि संजय के पिता सरजू की उम्र 60 वर्ष से अधिक है। ऐसे में पुलिस इस तथ्य की गहराई से जांच कर रही है कि क्या इतनी उम्र में सरजू छत पर चढ़कर वारदात में शामिल हो सकते थे?
दरवाजे पर भाई विशाल के साथ बैठी खूशबू - जागरण
गम में डूबा विशाल, सवालों का जवाब दे रही खुशबू
पूनम की हत्या के बाद बेटे विशाल की मानसिक स्थिति बेहद खराब है।बेंगलुरु से लौटने के बाद से वह मां और बहन की हत्या के ग़म में डूबा हुआ है। रिश्तेदारों से मिलने के दौरान वह कई बार रोते-रोते बेसुध हो जाता है। मीडिया, पुलिस और नेताओं के सवालों का जवाब विशाल की बहन खुशबू ही दे रही है। अगर विशाल कुछ बोलना भी चाहता है, तो खुशबू उसे रोककर खुद ही उत्तर देती है।
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मैंने झरोखे से कातिलों के पैर देखे
पूनम और अनुष्का हत्याकांड की चश्मदीद गवाह खुशबू ने पुलिस को बताया कि उसने कमरे के झरोखे से कातिलों के पैर देखे थे और उनकी आवाज भी सुनी थी। हालांकि, उसने उनके चेहरे नहीं देखे। खुशबू का दावा है कि आवाज सुनकर वह पहचान गई कि कौन लोग उसकी मां और बहन की हत्या करने आए थे। पुलिस अब इस बयान के आधार पर जांच आगे बढ़ा रही है।
एक नामजद आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।घटना से जुड़े सभी पहलुओं की छानबीन चल रही है।जल्द ही गुत्थी सुलझा ली जाएगी। - जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव,एसपी उत्तरी
पुलिस ने पट्टीदारों से की पूछताछ
पूनम और अनुष्का की चीख-पुकार घर से दस मीटर की दूरी पर रहने वाले संगे चाचा जितेंद्र के घर तक सुनाई देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने कोई आवाज नहीं सुनी।जितेंद्र की बेटी संजना का कहना है कि उसने घटना की जानकारी अपने भाई नीतेश को फोन कर घटना की सूचना पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि नीतेश ने घटना की रात करीब एक बजे स्नान किया था। पुलिस को यह तथ्य संदिग्ध लग रहा है, और इसी कारण उसने नीतेश और उसके दोस्तों से पूछताछ कर उनके मोबाइल नंबर भी ले लिए हैं।
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