गोरखपुर में निगम सीमा के आसपास 10 किमी तक होगी कुत्तों की गणना, दो माह में पूरी होगी गिनती
गोरखपुर में नगर निगम सीमा के आसपास के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में कुत्तों की गणना की जाएगी। यह गणना दो महीने में पूरी होगी। इस दौरान कुत्तों की संख्या ...और पढ़ें
-1766648176121.webp)
आंकड़ों के आधार पर बनेगी कुत्तों के नियंत्रण की ठोस कार्य योजना। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उससे जुड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। निगम क्षेत्र की सीमा के चारों ओर 10 किलोमीटर की परिधि में कुत्तों की गणना कराई जाएगी। यह कार्य एनिमल बर्थ एंड कंट्रोल (एबीसी) सेंटर का संचालन करने वाली संस्था सोसाइटी फार एनिमल एंड ह्यूमन वेलफेयर द्वारा किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि कुत्तों की गणना का कार्य जनवरी माह से शुरू हो जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों में नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिससे आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुत्तों के काटने की घटनाएं, सड़क दुर्घटनाएं और स्वच्छता से जुड़ी समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में नगर निगम का यह प्रयास न केवल कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि मानव और पशु दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी अहम साबित होगा।
गणना के बाद तैयार होने वाली कार्य योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।
यह भी पढ़ें- SIR In UP: गोरखपुर में मृतकों के नाम कायम, सैकड़ों नए मतदाता गायब; सूची पर उठे सवाल
संस्था के गोरखपुर ब्रांच मैनेजर राहुल यादव ने बताया कि कुत्तों की संख्या का सही और वैज्ञानिक आंकड़ा जुटाने के लिए विशेष सर्वे पद्धति अपनाई जाएगी। गणना का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, ताकि किसी भी क्षेत्र को छूटने न दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान को पूरा करने में लगभग दो महीने का समय लग सकता है। सर्वे के दौरान नगर निगम सीमा के साथ-साथ उससे लगे ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति सामने आ सके।
नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. रोबिन चंद्रा ने बताया कि कुत्तों की गणना पूरी होने के बाद प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आगे की कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण, पुनर्वास और जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े अन्य कदम शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बिना सही आंकड़ों के प्रभावी नियंत्रण संभव नहीं है, इसलिए यह गणना बेहद जरूरी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।