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    गोरखपुर में हर महीने औसतन पांच हत्याएं, सुस्ती से कई मामले अभी बने रहस्य

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:42 PM (IST)

    गोरखपुर में अपराध की स्थिति चिंताजनक है, जहाँ हर महीने औसतन पाँच हत्याएँ हो रही हैं। कई मामले अभी भी रहस्य बने हुए हैं, जिससे पुलिस की सुस्ती पर सवाल ...और पढ़ें

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। हत्या के मामलों के अनावरण में पुलिस सुस्त है। पुलिस फाइलों में 14 महीने पहले नवंबर 2024 सहजनवां में हुई युवक की हत्या का मामला अब तक लंबित है। इस केस में न तो आरोपित की पहचान हो सकी है और न ही कोई ठोस कार्रवाई आगे बढ़ पाई है, जबकि वर्ष 2025 समाप्त होने वाला है। थानों के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में हर महीने औसतन पांच हत्याएं हुईं।

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    इनमें 29 मार्च को हुई मां-बेटी की सनसनीखेज हत्या का मामला अब भी जांच के दायरे में है। पुलिस की लापरवाही के चलते यह केस भी अभी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका है। इसके अलावा दो हत्या के मामले अपराध शाखा में लंबित पड़े हैं। वहीं जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज कुल 18 मामलों में कहीं आरोपित फरार हैं तो कहीं पुलिस अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी है। लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

    एक जनवरी से अब तक जिले के 25 थानों में कुल 59 हत्या के मामले दर्ज हुए। इसमें से करीब पांच मामले कोर्ट के आदेश पर दर्ज किए गए। वहीं अन्य मौतें गोली मारने, धारदार हथियार से मारने, नाले में डुबोने से हुईं। इन सभी हत्याओं में कुछ मामले खूब चर्चा में रहे।

    इसमें से एक चौरी चौरा के शिवपुर चकदहा में 29 मार्च की रात हुई मां और बेटी हत्या का रहा। इसमें वादी बनी बड़ी बेटी ने तीन नामजद पर केस दर्ज कराया। पुलिस ने एक को जेल भेजा। दो महीने बाद वह जमानत पर बाहर भी आ गया। पालीग्राफ टेस्ट होना है। पुलिस को कोर्ट से मंजूरी मिल गई है।

    सहजनवां थाना में 14 नवंबर 2024 को सीहापार के भूपेंद्र दुबे उर्फ विशाल दुबे की कोमा बाग में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मौके पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी तक पहुंचे थे। पुलिस ने तेजी दिखायी फिर शांत हो गई। चर्चा है कि इस हत्याकांड में किसी करीबी का नाम सामने आने पर घर के सदस्य ही पर्दाफाश नहीं चाह रहे थे।

    बांसगांव थाना में 16 अक्टूबर को गोड़सरी गांव में मुन्ना साहनी की हुई हत्या का मामले में भी अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बड़हलगंज थाने में दर्ज दो हत्या के मामले में आरोपित की गिरफ्तारी तो दूर पुलिस की जांच चल रही है। गीडा थाना क्षेत्र में महिला का शव मिला था। एसपी नार्थ की सख्ती के बाद पुलिस ने अब जांच शुरू की है।

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    शहर के थानों में हुई 19 हत्याएं, 17 में चार्जशीट
    शहर के 10 थानों में इस वर्ष कुल 19 हत्याएं हुई। राजघाट में एक, तिवारीपुर में दो, कैंट में एक, खोराबार में तीन, रामगढ़ताल में दो, एम्स थाना में दो, गोरखनाथ थाना में दो, शाहपुर में चार, गुलरिहा थाने में दो हत्याएं हुई। सभी मामलों में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और चार्जशीट भी दाखिल कर दी। तिवारीपुर और शाहपुर हत्याकांड में अभी चार्जशीट लगनी है।

    • गोला थाना - 15 जनवरी, आठ मार्च को हुई हत्या में पुलिस ने चार्जशीट लगा दिया है। 12 दिसंबर को हुई हत्या में अभी जांच चल रही है।
    • बड़हलगंज थाना - कुल पांच हत्या के मामले दर्ज हुए। इसमें दो की जांच चल रही है, एक मामला अपराध शाखा के पास है। एक में चार्जशीट लग गई है।
    • चौरी चौरा थाना - पांच जनवरी, 29 मार्च, 16 जून, 28 अक्टूबर और 13 नवंबर को हत्याएं हुई। केस दर्ज हुआ। जिसमें दो में चार्जशीट लग गई। एक में तैयारी चल रही है।
    • झंगहा थाना - 14 जनवरी, 28 फरवरी, तीन मई, 14 मई और 23 नवंबर को हत्याएं हुई। इसमें से दो मामले अभी लंबित है। एक में आरोपित फरार है।
    • चिलुआताल थाना - छह सितंबर को युवक की चाकू मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में दो नामजद व एक अज्ञात गिरफ्तार हुए। लेकिन की अभी जांच चल रही है।
    • सहजनवां थाना - 14 नवंबर 2024 में युवक की हत्या अभी लंबित है। जनवरी 2025 में दो किशोर की गला रेंतकर हत्या हुई थी। दो महीने बाद एक आरोपित गिरफ्तार हुआ। और के भी नाम सामने आए थे। पुलिस ने चार्जशीट लगा दी।गीडा थाना - 40 वर्षीय महिला का शव मिला था। इस मामले में पुलिस ने अब जांच शुरु की है।
    • कैंपियरगंज थाना - 27 फरवरी और सितंबर में दो हत्याएं हुई थी। एक मामले की विवेचना चल रही है।
    • पीपीगंज थाना - एक हत्या हुई और चार्जशीट लग चुकी है।
    • बेलघाट थाना - 17 फरवरी को दो युवकों की गोली मारकर हत्या हुई थी। पुलिस की लचर पैरवी से आरोपित जमानत पर बाहर है।
    • उरुवा थाना - 21 फरवरी और 14 जुलाई को हत्या हुई। चार्जशीट लग चुकी है।
    • खजनी थाना - 17 फरवरी को युवक की हत्या हुई थी। पांच नामजद आरोपित है। अपराध शाखा में लंबित है।बांसगांव थाना - 10 फरवरी और 16 अक्टूबर को दो हत्याएं हुई। एक में विवेचना लंबित और दूसरे में आरोपित फरार है।
    • गगहा थाना - 18 अगस्त को युवक की हत्या हुई। 12 को जेल भेजा गया। अज्ञात की जांच में लंबित है मामला।
    • बेलीपार थाना - दो मई, 21 जुलाई, 30 नवंबर और महोवा में चार हत्याएं हुई। एक मामले में विवेचना लंबित।
    • पिपराइच थाना - 25 जून, 11 जुलाई, 22 अगस्त को हत्याएं हुई। एक में चार्जशीट लंबित।