महुआचाफी कांड: दीपक गुप्ता की हत्या के नौ दिन बाद भी गम में डूबा गांव, खौफ में रातभर जाग रहे लोग
गोरखपुर के महुआचाफी गांव में दीपक की हत्या के बाद दहशत का माहौल है। ग्रामीण रात में लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं और महिलाएं खेतों में अकेले जाने से डर रही हैं। पुलिस गश्त कर रही है लेकिन लोगों में डर बरकरार है। विधायक ने गांव में स्ट्रीट लाइटें लगवाई हैं लेकिन लोगों को आरोपियों की गिरफ्तारी का इंतजार है ताकि उन्हें चैन मिले।

संवाद सूत्र, चरगांवा। महुआचाफी गांव की गलियां भय और गम में डूबी हुई हैं।पुलिस गश्त और सुरक्षा बल की मौजूदगी के बावजूद ग्रामीण खौफ में जी रहे हैं। रात होते ही घरों के दरवाजे बंद हो जाते हैं और लोग लाठी-डंडा लेकर पहरा देने को मजबूर हैं। कुछ दिन पहले आसमान में ड्रोन दिखने की खबर ने डर को और गहरा कर दिया।
गांव की महिलाएं खेत-खलिहान अकेले नहीं जा रही हैं। लोग कहते हैं कि तस्करों का खतरा अब भी टला नहीं है। गांव के सतीश निषाद, शैलेश चौहान, दीपक चौहान, राकेश निषाद, विकास श्रीवास्तव, रामसूरत, दारा सिंह चौहान, माधुरी देवी और गुजराती देवी सभी की जुबान पर यही बात है कि दीपक की हत्या के बाद गांव में मातम पसर गया है।
रात में कहीं फिर से तस्कर आकर हमला न कर दें,यह डर हर किसी के चेहरे पर साफ झलकता है। रात में कोई भी अकेले बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा।गांव में पिपराइच के विधायक महेंद्र पाल सिंह ने गांव 20 स्ट्रीट लाइट लगवाया है।हाईमास्ट और सीसी कैमरे लगवाने की तैयारी चल रही है।
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दीपक की हत्या के नौवें दिन भी घरों में मातम पसरा है और गांव की गलियों में सन्नाटा।परिवार व गांव के लोगों का कहना है घटना में शामिल आरोपित अभी तक पकड़े नहीं गए हैं।उनके पकड़े जाने व सजा मिलने तक आक्रोश खत्म नहीं होने वाला है।
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