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    गबन में गोरखपुर AIIMS के कार्यालय अधीक्षक निलंबित, कैग की ऑडिट में खुला खेल

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 02:06 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स में कार्यालय अधीक्षक रामऔतार को 3.21 लाख रुपये के गबन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। कैग की जांच में पुष्टि के बाद एम्स प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई है। ओपीडी काउंटर संख्या 34 पर जमा राशि खाते में नहीं आई जिसके चलते यह कार्रवाई हुई। कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने पर निलंबन हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स के कार्यालय अधीक्षक (ओएस) रामऔतार को गबन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन पर तीन लाख 21 हजार 319 रुपये गबन का आरोप है।

    काम्प्ट्रोल एंड आडिटर जनरल आफ इंडिया (कैग) की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। ओएस को एम्स परिसर में भी आने से राेका गया है। एम्स प्रशासन ने ओएस के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दे दी है। एम्स पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    एम्स की ओपीडी में काउंटर संख्या 34 पर जांच रोगियों के जांच का शुल्क जमा होता है। पिछले दिनों कैग की टीम ने आडिट की तो पता चला कि चार नवंबर 2024 को काउंटर संख्या 34 पर जमा रुपये एम्स के खाते में नहीं आए हैं। टीम ने अगस्त 2025 में अपनी रिपोर्ट दी तो एम्स प्रशासन को गबन की जानकारी हुई। ओएस रामऔतार के पास कैश काउंटर का भी प्रभार था।

    इसे देखते हुए उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। आरोप है कि ओएस ने जवाब नहीं दिया तो उन्हें दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसका भी जवाब नहीं मिला तो शनिवार को उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन का आदेश प्रशासनिक अधिकारी पुनीत चतुर्वेदी की ओर से जारी किया गया है।

    बयान दर्ज करने के लिए बुलाया

    एम्स प्रशासन ने शनिवार को ही थाने में ओएस के खिलाफ तहरीर दे दी। एम्स पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इसके बाद मंगलवार को ओएस को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस ने उनसे काउंटर पर इकट्ठ होने वाले रुपये को लेकर पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी।

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    चेयरमैन ने किया निलंबित

    कैग की रिपोर्ट और नोटिस का जवाब न देने के बाद एम्स प्रशासन ने थाने में ओएस के खिलाफ तहरीर दी। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी चेयरमैन पद्मश्री डा. हेमंत कुमार को दी गई। एम्स में ग्रुप बी के पदों के नियुक्ति प्राधिकारी चेयरमैन होते हैं। उनकी अनुमति से निलंबन का आदेश जारी किया गया।

    बरेली से दो वर्ष पहले आए थे

    रामऔतार एम्स में प्रतिनियुक्ति पर आने से पहले बरेली में एक कालेज में तैनात थे। एम्स में ओएस की तैनाती के लिए उन्होंने भी आवेदन किया था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्ति दी गई थी।