UP के इस शहर में मशीन से होगी सड़क की सफाई, चौराहों किए जाएंगे जाममुक्त
गोरखपुर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम 75 करोड़ रुपये की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत सीएनजी शवदाह गृह बनेगा सड़कों की सफाई होगी और चौराहों का सुंदरीकरण होगा। महेसरा में इकोलॉजिकल पार्क भी विकसित किया जाएगा। इस योजना से शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर की हवा बेहतर बनाने के लिए नगर निगम जाम लगने वाले चौराहों को नए सिरे से डिजाइन कर निर्माण कराएगा। वहीं, मशीन से सड़कों की सफाई को बढ़ाने के साथ ही पशुओं के शव का पर्यावरण अनुकूल दाह संस्कार के लिए बड़ी क्षमता वाले एक और पशु शवदाह गृह का निर्माण कराएगा। 11 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शवदाह गृह के लिए जमीन चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से प्रत्येक वर्ष स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रैंकिंग जारी की जाती है। इस वर्ष गोरखपुर की रैंकिंग चौथे स्थान से गिरकर पांचवीं हो गई थी। इसको देखते हुए निगम की ओर से वायु गुणवत्ता सुधार के लिए कई और योजनाएं तैयार की गईं।
पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी से मौत के बढ़ रहे आंकड़े को देखते हुए सीएनजी आधारित शवदाह गृह की डीपीआर तैयार की गई है। इस शवदाह गृह की क्षमता 20 टन की होगी। नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 4 से 6 छुट्टा पशुओं की मौत होती है। इसके साथ ही पालतू पशुओं के मौत का आकड़ा भी बढ़ रहा है।
तमाम स्थानों पर लोग पशुओं के शव को जमीन में दफना देते हैं। पर्यावरण फ्रेंडली दाह संस्कार के लिए सीएनजी आधारित शवदाह गृह का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि एकला बंधे पर पशु शवदाह गृह संचालित हो रहा है, लेकिन मरने वाले पशुओं की संख्या के लिहाज से कम है।
18 किलोमीटर सड़क में होगा सुधार, मशीनों से होगी सफाई
निगम की योजना के अनुसार सड़क पर उड़ने वाली धूल को नियंत्रण के लिए करीब 18 किलोमीटर लंबाई में सड़क की गुणवत्ता सुधारी जाएगी। इस पर करीब 23 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा रोजाना करीब 220 किलोमीटर सड़क की मशीन से सफाई की जाएगी। इसके लिए करीब 3.50 करोड़ रुपये की लागत से दो रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद होगी।
जाम लगने वाले दो चौराहों को नए सिरे से किया जाएगा तैयार
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत शहर के दो चौराहों का सुंदरीकरण भी होगा। अधिकारियों के मुताबिक सुंदरीकरण में ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि चौराहों पर लगने वाले जाम को कम किया जा सके। इससे गाड़ियां कम रुकेंगी और वायु प्रदूषण कम होगा। इसके अलावा चौराहों पर धूल को उड़ने से रोकने के भी पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे।
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चौराहों के आसपास पौधारोपण करने के अलावा फव्वारा आदि भी लगाया जाएगा। नगर निगम ने पांच चौराहों के सुंदरीकरण का पहले ही कार्ययोजना बना चुका है। इसके शास्त्री चौराहा, अंबेडकर चौराहा, छात्रसंघ चौराहा, पैडलेगंज चौराहा और नौसढ़ चौराहा शामिल हैं। इनके अलावा दो अलग चौराहों का चयन किया जाएगा।
इकोलाजिकल पार्क का गोरखपुर में होगा निर्माण
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत नगर निगम महेसरा इलाके में 25 एकड़ में इकोलाजिकल पार्क विकसित करेगा। करीब 25 एकड़ में विकसित होने वाले पार्क पर 49 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पार्क को सिर्फ हरियाली बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि वर्षा जल प्रबंधन, भूजल स्तर सुधार और जलभराव की समस्या को खत्म करने के लिए भी बनाया जा रहा है।
यह पार्क कार्बन डाइआक्साइड को कम करने में भी मदद करेगा। यह पार्क जैव विविधता के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक भी करेगा।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत पर्यावरण अनुकूल बड़ी क्षमता का पशु शवदाह गृह का निर्माण प्रस्तावित है। नगर निगम के पास पर्याप्त जमीन है। जल्द जमीन चिह्नित कर ली जाएगी। दो चौराहों का चयन कर सुंदरीकरण कराया जाना है।
दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त
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