Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखपुर की अबू हुरैरा मस्जिद को गिराने का आदेश निरस्त, कोर्ट ने कहा- कमेटी को पूरी बात कहने का मौका दिया जाए

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Sun, 23 Mar 2025 08:57 PM (IST)

    गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा अबू हुरैरा मस्जिद को ध्वस्त करने के आदेश को कमिश्नर कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने जीडीए को निर्देश दिया है कि मस्जिद कमेटी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए। मस्जिद कमेटी ने कोर्ट के आदेश से पहले ही ऊपर की दो मंजिलें तोड़ दी हैं। अब कमेटी शेष हिस्से का शमन कराने की तैयारी में है।

    Hero Image
    अबू हुरैरा मस्जिद को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक। जागरण (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कमिश्नर कोर्ट ने अबू हुरैरा मस्जिद को ध्वस्त करने को लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से दिए गए आदेश को निरस्त कर दिया है। इस मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने प्राधिकरण को यह निर्देश दिया गया है कि मस्जिद कमेटी को अपनी पूरी बात कहने का मौका दिया जाए। उसके बाद कोई आदेश हो। इधर, जीडीए के आदेश के बाद मस्जिद कमेटी ने कोर्ट के आदेश से पहले ही ऊपर की दो मंजिलें तोड़ ली हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीडीए की ओर से 15 फरवरी को पारित आदेश में घोष कंपनी चौराहा के पास बनी 4 मंजिल अबू हुरैरा मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया था। 15 दिन का समय देते हुए मस्जिद कमेटी से इसे स्वयं तोड़ने को कहा गया था। ऐसा न करने पर जीडीए द्वारा कार्रवाई की बात कही गई थी।

    इस आदेश के विरुद्ध ही मस्जिद कमेटी ने कमिश्नर कोर्ट में अपील की थी। लेकिन, कई तिथियों पर सुनवाई नहीं हो सकी। 11 मार्च को मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता व अगले दिन जीडीए की ओर से लिखित बहस दाखिल की गई। लगभग आठ दिन बाद कमिश्नर कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुनाया है।

    इसे भी पढ़ें- यूपी के इस शहर में पारा चढ़ने के साथ खपाते हैं एक्सपायर Cold Drinks, गर्मी में गला तर करना पड़ सकता है महंगा

    अबू हुरैरा मस्जिद। जागरण (फाइल फोटो)


    कोर्ट ने मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए मस्जिद कमेटी की अपील को स्वीकार करते हुए रिमांड किया है। यानी जीडीए के ध्वस्तीकरण के आदेश को निरस्त कर दिया है। जीडीए को मस्जिद कमेटी के पक्ष सुनने के बाद ही कोई निर्देश देने का आदेश दिया है।

    उधर, इस कानूनी लड़ाई के बीच मस्जिद कमेटी ने स्वयं ही मस्जिद को तोड़ना शुरू कर दिया। ऊपर के दो मंजिल को 10 दिनों के भीतर तोड़ लिया गया। आगे की मीनार को भी प्रथम तल पर लगाया गया है। मीनार की लंबाई भी कम की गई है।

    यह था मस्जिद कमेटी का तर्क

    मस्जिद कमेटी की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया था कि 100 वर्ग मीटर से कम भूखंड पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना अनिवार्य नहीं है। मस्जिद का निर्माण लगभग 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में हुआ है। मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता जयप्रकाश ने बताया कि जीडीए का आदेश आने के बाद ही अपील दाखिल कर दी गई थी। 11 मार्च को इस मामले में लिखित बहस दाखिल की गई। कोर्ट ने इस मामले में रिमांड कर दिया है। मस्जिद कमेटी का पक्ष सुनने का निर्देश जीडीए को दिया है।

    इसे भी पढ़ें- Cyber Crime: डब्बा ब्रोकर पर भरोसा डूबा रहा निवेश, लोगों को मिल रहा तगड़ा धोखा

    अबू हुरैरा मस्जिद। जागरण (फाइल फोटो)


    मस्जिद कमेटी बचे हुए हिस्से का शमन कराने की तैयारी में

    अब माना जा रहा है कि मस्जिद कमेटी मस्जिद के ऊपरी दो मंजिल तोड़ने का जिक्र करते हुए मस्जिद का मानचित्र स्वीकृत करने के लिए आवेदन करेगी। उम्मीद है कि शमन मानचित्र दाखिल करने पर सहमति बन जाएगी। इसके बाद मस्जिद का शेष हिस्सा पूरी तरह से वैध हो जाएगा और इसको लेकर विवाद भी खत्म हो जाएगा।

    comedy show banner