UP News: गोरखपुर में 35 हजार जमा करने से चूके, अब एक करोड़ से अधिक हो गई देनदारी; बिल देखकर मचा हड़कंप
गोरखपुर जिले में गोरखपुर विकास प्राधिकरण ( जीडीए ) की संपत्तियों का समय से किराया या सिक्योरिटी राशि नहीं जमा करना कितनी बड़ी मुसीबत बन सकता है इसका उदाहरण इंदिरा बाल विहार के दो कियोस्क हैं। करीब 35 हजार रुपये के बकाए ने एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। अब राहत पाने के लिए आवंटी कोर्ट की शरण में हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की संपत्तियों का समय से किराया या सिक्योरिटी राशि नहीं जमा करना कितनी बड़ी मुसीबत बन सकता है, इंदिरा बाल विहार के दो कियोस्क इसकी बानगी है। करीब साढ़े तीन दशक पहले हुई छोटी सी चूक की वजह से दोनों आवंटियों को अपने पिता के समय की जमी-जमायी दुकान से हाथ, धाे बैठने की नौबत आ गई है।
प्राधिकरण ने दोनों कियोस्क का आवंटन निरस्त करने के साथ ही इन्हें खाली करने का नोटिस दिया है, जबकि दोनों आवंटियों की हैसियत के आगे बकाये की मूल रकम बहुत मामूली है, लेकिन थोड़ी सी चूक की वजह से उन्हें बड़ा झटका झेलना पड़ रहा है। दोनों आवंटियों का करीब 35 हजार रुपये तक का बकाया एक करोड़ पार कर गया। अब राहत पाने के लिए आवंटी कोर्ट की शरण में हैं।
इंदिरा बाल विहार पार्क के फूड जोन में प्राधिकरण की 14 कियोस्क हैं। 1988 में अलग-अलग लोगों ने ये कियोस्क आवंटित कराए। उस समय प्रीमियम शुल्क के रूप में आवंटियों को 50 हजार रुपये एवं किराए के रूप में 200 रुपये प्रतिमाह जीडीए को देना था।
इसे भी पढ़ें- गोरक्ष नगरी की 'आकाश' वाणी, स्वर्णिम अतीत और वर्तमान की चुनौतियां
आवंटन के समय कुछ लोगों ने पूरा प्रीमियम शुल्क तो कुछ ने 15 हजार रुपये जमा किए। जिन आवंटियों का 35 हजार बकाया रह गया था, उन्हें 16 प्रतिशत ब्याज के साथ तीन साल में यह धनराशि जमा करनी थी।
जीडीए अधिकारियों की बैठक। जागरण (फाइल फोटो)
कुछ आवंटियों ने समय से पैसा जमा कर दिया, लेकिन कुछ ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी बीच कुछ आवंटियों के बेटों ने कियोस्क संभाल ली। आवंटित दुकान के बदले प्रीमियम शुल्क नहीं जमा करने पर अब ब्याज और जुर्माना लगाकर एक आवंटी पर 1.26 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो गया है। दूसरे आवंटी पर भी इसी के आस-पास बकाया है।
इसे भी पढ़ें- यूपी के इस ताल को जुहू चौपाटी की तरह करना था विकसित, गंदगी के ढेर का बना अड्डा
दोनों ने न्यायालय में वाद दाखिल कर रखा है। उधर, जीडीए ने दोनों कियोस्क का आवंटन निरस्त करने के साथ ही आठ जनवरी तक इसे खाली करने की चेतावनी दी थी। इसी तरह हाल ही में जीडीए ने पंत पार्क में इसी तरह के छह लाख और 12 लाख के बकाए में दो कियोस्क खाली कराया है।
अनुबंध की शर्तों में सभी दिशा निर्देश स्पष्ट दर्ज होते हैं। समय से किराया या प्रीमियम नहीं जमा करने पर उसपर जीएसटी, ब्याज ओर जुर्माने की रकम देनी होती है। कई बार नोटिस देने के बाद भी बकाया रकम नहीं जमा करने वालों से कियोस्क या अन्य संपत्ति खाली कराई जा रही है। -किशन सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता, जीडीए
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।