Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी में अवैध प्लाटिंग पर चला GDA का बुलडोजर, एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ हुई कार्रवाई

    Updated: Sat, 17 May 2025 09:14 AM (IST)

    गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने चिलुआताल में अवैध कॉलोनियों पर फिर कार्रवाई की। एक महीने में 71 एकड़ में फैली 17 अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया। जीडीए अब तक 128 अवैध कॉलोनियों को चिह्नित कर चुका है जिनमें से 79 ध्वस्त हो चुकी हैं। जीडीए उपाध्यक्ष ने लोगों से जमीन खरीदने से पहले भू-उपयोग जांचने की अपील की है।

    Hero Image
    चिलुआताल में अवैध प्लाटिंग ध्वस्त कराती जीडीए की टीम

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर की सीमा से सटे क्षेत्रों में बिना ले-आउट स्वीकृत कराए प्लाटिंग कर बसाई जा रही अवैध कालोनियों पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) का शुक्रवार को फिर बुलडोजर चला। प्राधिकरण के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के नेतृत्व में टीम ने चिलुआताल के मोहल्ला भगवानपुर में एक एकड़ में विकसित की जा रही प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। टीम ने सभी प्लाटों की बाउंड्रीवाल, सड़क, पोल आदि उखाड़ दिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के मुताबिक कुल 128 अवैध कालोनियां अब तक चिह्नित की जा चुकी है। इनमें से 79 को ध्वस्त कराया जा चुका है। 17 अप्रैल से शुक्रवार तक यानी करीब एक माह में प्राधिकरण ने 71 एकड़ में फैली 17 अवैध कालोनियों को ध्वस्त किया है।

    17 अवैध कालोनियों को ध्वस्त किया है। जागरण


    इसे भी पढ़ें- Lucknow News: पत्नी से विवाद के बाद वकील ने इंदिरा नहर में लगाई छलांग, बचाने गया रिश्तेदार भी डूबा

    शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान सहायक अभियन्ता संजीव कुमार तिवारी, अजय कुमार पाण्डेय, राज बहादुर सिंह, ज्योति राय एवं अवर अभियंता दीपक गुप्ता, धर्मेन्द्र गोंड के साथ ही स्थानीय पुलिस व पीएसी के जवाब मौजूद रहे।

    इसे भी पढ़ें- खेल-खेल में पढ़ाई कर बच्चों ने भरी निपुणता की उड़ान, शिक्षकों ने बदली पढ़ाने की शैली

    अनधिकृत रूप से निर्माण, विकास एवं सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी रोक थाम के दृष्टिगत ध्वस्तीकरण की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। जल्द ही कुछ और अवैध कालोनियों को ध्वस्त कराया जाएगा लोगों से अपील है कि वे भूखंड लेने के पहले उसका भू-उपयोग जांचने के साथ ही प्राधिकरण की वेबसाइट पर अवैध कालोनियों की सूची भी देख लें। - आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष जीडीए