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    Gorakhpur News: पूर्व तहसीलदार और सब रजिस्ट्रार सहित 17 के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा, कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

    उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक ऐसा घोटाला सामने आया है कि उसके बारे में जानकर आपको बड़ी हैरानी होगी। जी हां यहां गोला तहसील में एक बुजुर्ग महिला ने किसान क्रेडिट कार्ड से 10 लाख का लोन लिया। इसी क्रम में आरोप है कि गांव के प्रधान ने अपने भाइयों सहित कई लोगों के नाम पर बुजुर्ग महिला की जमीन का बैनामा करा दिया।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 28 Jun 2024 09:07 AM (IST)
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    पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली है। जागरण (सांकेतिक तस्‍वीर)

     जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बंधक भूमि का बैनामा और खतौनी में बैंक ऋण व बंधक का उल्लेख न करने में पुलिस ने जनवरी, 2022 में गोला की तत्कालीन तहसीलदार सुनीता गुप्ता व सब रजिस्ट्रार धीरेंद्र प्रसाद समेत 17 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की है।

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    वाराणसी में एसडीएम पद पर तैनात सुनीता बलिया गुप्ता के रसड़ा तथा हमीरपुर में एआइजी स्टांप धीरेंद्र प्रसाद मऊ, मोहम्मदाबाद के रहने वाले हैं। आरोप है कि इनकी मिलीभगत से ही सुअरज गांव के दीपक सिंह की मां के नाम से दर्ज जमीन का कुछ लोगों ने धोखे से बैनामा करा लिया था।

    दीपक ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर वाद में बताया कि उनके पिता श्यामनरायन सिंह की मृत्यु 30 जुलाई, 2009 को हो गई थी। मां फुलवासी देवी के नाम से ननिहाल बगहा में जमीन थी। मां ने कृषि कार्य के लिए बड़हलगंज पटनाघाट की यूनियन बैंक शाखा से 19 जून, 2018 को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 10 लाख रुपये का ऋण लिया था।

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    मां के बुजुर्ग होने का लाभ उठाकर गांव के पूर्व ग्राम प्रधान कमलेश सिंह ने अपने भाइयों के साथ मां के हिस्से की जमीन का शैल कुमारी, रेनू, सरिता सिंह, रीता सिंह, सुनीता सिंह, सिंधुजा सिंह, निर्मला सिंह के नाम से बैनामा करा लिया। 15 मार्च, 2022 को दाखिल खारिज भी हो गया।

    तत्कालीन तहसीलदार गोला को बैंक में जमीन को बंधक बनाकर लिए गए लोन की सूचना 31 जनवरी, 2022 को दी गई थी। इसमें यह भी बताया गया था कि जमीन पर लिए गए लोन का पांच लाख रुपये ब्याज देना बाकी है। इसके बाद भी तहसील के कर्मचारियों की मिलीभगत से आरोपितों ने बैनामा करा लिया और बंधक होने का तथ्य खतौनी में नहीं दर्ज होने दिया।

    सीओ गोला रत्नेश्वर सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

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